Saturday, 19 April 2025

‘बेबी तू आया नहीं मुझे लेने’, शहीद सिद्धार्थ यादव के पार्थिव शरीर से बार-बार यही कहती रही उनकी मंगेतर

Shaheed Siddharth Yadav: ‘बेबी तू आया नहीं मुझे लेने, तूने तो कहा था कि तू आएगा’, यह दिल को झकझोर…

‘बेबी तू आया नहीं मुझे लेने’, शहीद सिद्धार्थ यादव के पार्थिव शरीर से बार-बार यही कहती रही उनकी मंगेतर

Shaheed Siddharth Yadav: ‘बेबी तू आया नहीं मुझे लेने, तूने तो कहा था कि तू आएगा’, यह दिल को झकझोर देने वाले शब्द है, शहीद सिद्धार्थ यादव की मंगेतर के। 2 अप्रैल को गुजरता के जामनगर में भारतीय वायुसेना का जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से शहीद हुए फ्लाइंग लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर जब अंत्येष्टि संस्कार के लिए उनके निवास स्थान पर पहुंचा, तो उनके घर वालों के साथ-साथ उनकी मंगेतर का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। अभी 10 दिन पहले ही पायलट सिद्धार्थ यादव की सगाई हुई थी और नवंबर महीने में उनकी शादी होने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही यह बड़ी दुर्घटना हो गई।

शहीद सिद्धार्थ यादव के पार्थिव शरीर को देख चीख पड़ी उनकी मंगेतर:

फ्लाइंग लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की अंत्येष्टि शुक्रवार को पैतृक गांव भालखी माजरा में किया गया। अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। गांव के लोगों और प्रतिष्ठित लोगों ने सिद्धार्थ यादव के अंतिम दर्शन कर नम आंखों से उनको विदाई दी। लेकिन इस दौरान सिद्धार्थ यादव की मंगेतर सानिया की हालत ने सबकी आंखें नम कर दी। सानिया बार-बार यही रिक्वेस्ट करती नजर आई कि मुझे एक बार उनका चेहरा दिखा दो। इसके अलावा वो बार बार सिद्धार्थ यादव के पार्थिव शरीर से यह कहते नजर आई कि – ‘बेबी तू आया नहीं मुझे लेने, तूने तो कहा था कि तू आएगा’। सिद्धार्थ की मंगेतर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। जिस-जिस ने भी यह वीडियो देखा वो अपनी आंखों के आंसू को रोक नहीं पाया।

देखें वीडियो:

घर में चल रही थी शादी की तैयारी:

दरअसल 23 मार्च को सिद्धार्थ यादव और सानिया की सगाई हुई थी और 2 नवंबर को उनकी शादी होने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही गुजरात के जामनगर में हुए जगुआर लड़ाकू विमान हादसे में वो शहादत को प्राप्त हो गए।

सिद्धार्थ यादव ने 2016 में एनडीए की परीक्षा पास की थी। इसके बाद तीन साल का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने बतौर फाइटर पायलट वायुसेना जॉइन की थी। उनको दो साल बाद प्रोमोशन मिला था और वह फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए थे। उनके पिता सुशील यादव मूल रूप से गांव भालखी माजरा के रहने वाले हैं। वह लंबे समय से रेवाड़ी में ही रह रहे हैं। बेटे की शादी के लिए ही उन्होंने सेक्टर-18 में घर बनाया था। इसी घर पर बेटे की शादी होनी थी। सिद्धार्थ बड़े बेटे थे। उनकी एक छोटी बहन है।

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