Friday, 26 April 2024

Chetna Manch Special Story: शहरों में फल-फूल रहा है गंदा धंधा, तेजी से बढ़ रहा है पुरूष वैश्या जिगोलो Gigolo का चलन

Chetna Manch Special Story : नई दिल्ली/नोएडा। कुछ वर्षों पूर्व एक हिदी फिल्म आई थी। फिल्म का नाम था बी.ए.…

Chetna Manch Special Story: शहरों में फल-फूल रहा है गंदा धंधा, तेजी से बढ़ रहा है पुरूष वैश्या जिगोलो Gigolo का चलन

Chetna Manch Special Story : नई दिल्ली/नोएडा। कुछ वर्षों पूर्व एक हिदी फिल्म आई थी। फिल्म का नाम था बी.ए. पास। उस फिल्म में पुरूष वैश्यावृत्ति के गंदे धंधे का चित्रण किया गया था। उस फिल्म में बताया गया था कि पैसों के लालच में एक युवक कैसे पुरूष वैश्या यानि “जिगोलो” बन गया था। सवाल उठता है कि आज यहां हम उस पुरानी फिल्म की बात क्यों कर रहे हैं ? दरअसल उस पुरानी फिल्म की बात इसलिए करनी पड़ रही है ताकि आपको एक बहुत ही “गंदे धंधे” से अवगत कराया जा सके।

Chetna Manch Special Story

क्या होता है जिगोलो ?

“जिगोलो” एक पुरूष वैश्या होता है। जिगोलो पैसे लेकर किसी महिला को शारीरिक सुख प्रदान करता है। यह धंधा बहुत ही गंदा होता है। दुर्भाग्य से यह गंदा धंधा बड़े-बड़े शहरों से शुरू होकर अब देश के छोटे शहरों तक भी फैल गया है। मुंबई, दिल्ली, बैंग्लौर, पूना तथा कलकत्ता समेत देश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुडग़ांव, फरीदाबाद, मेरठ, लखनऊ जैसे अनेक शहरों में फैल चुका है।

कैसे शुरू हुई पुरूष वैश्यावृत्ति ?

पुराने जमाने में जब पहली बार “वैश्या” शब्द का प्रयोग हुआ था तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि कभी समाज में पुरूष वैश्या भी पैदा हो जाएंगे। आज यह कड़वा सच है कि समाज में पुरूष वैश्यावृत्ति तेजी से बढ़ रही है। दरअसल पुरूष वैश्यावृत्ति का काम महिलाओं की Sex की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू हुआ था। धीरे-धीरे इस “काम” ने बाकायदा एक कारोबार (धंधे) का स्वरूप ले लिया है। इस धंधे के जानकारों का कहना है कि अपने आपको सभ्य समाज का हिस्सा बताने वाली कुछ महिलाएं इस धंधे को बढ़ावा देती हैं। ये ऐसी महिलाएं होती हैं जो किसी भी कारण से अपने पति से सैक्स (Sex) में असंतुष्ट रह जाती हैं। Sex की संतुष्टि पाने के लिए ऐसी महिलाएं पैसों का लालच देकर युवकों को अपने जाल में फंसा लेती हैं। फंसाए गए युवकों से सैक्स (Sex) करके महिलाएं संतुष्टि प्राप्त करती हैं।

जिगोलो का पूरा कारोबार

छुट-पुट ढंग से शुरू हुआ जिगोलो का धंधा अब धीरे-धीरे एक पूरा कारोबार बन गया है। इस “धंधे” को चलाने के लिए बाकायदा कुछ गिरोह काम कर रहे हैं। गिरोह चलाने वाले लोग आर्थिक तंगी झेल रहे युवकों को पैसे कमाने का लालच देकर अपने गिरोह का हिस्सा बना लेते हैं विभिन्न शहरों में चलने वाले वैश्यावृत्ति के बाजारों (रेट लाइट एरिया) की तरह ही अब कई शहरों में जिगोलो बाजार लगने लगे हैं।

कहां-कहां लगते हैं जिगोलो बाजार ?

देश की राजधानी दिल्ली के सरोजनी नगर, लाजपत नगर, कनॉट प्लेस में स्थित पालिका मार्केट तथा कमला मार्केट समेत कई इलाकों में जिगोलो बाजार लगते हैं। मुंबई के मालाबार हिल्स का जिगोलो बाजार तो कई बार सुर्खियों में आ चुका है। कुछ फाइव स्टार होटलों की लॉबी, कॉफी शॉप तथा कुछ चर्चित रेस्टारेंट भी जिगोलो बने हुए युवकों के केद्र बन चुके हैं। इन्हीं बाजारों से “बड़े” घरों की महिलाएं इन युवकों को बाकायदा भाव-तौल करके अपने साथ ले जाती हैं। जिगोलो के रेट प्रति घंटा, फुल नाइट अथवा 24 घंटे के समय के हिसाब से तय होते हैं।

धंधे के अंदर भी धंधा !

जिगोलो का धंधा फलने-फूलने के साथ ही इस धंधे के अंदर से एक और नया धंधा शुरू हो गया है। कुछ लोगों ने युवकों को जिगोलो बनाने का लालच देकर उन्हें ठगना शुरू कर दिया है। यह ठगी सोशल मीडिया या समाचार पत्रों में तरह-तरह के विज्ञापन देकर की जाती है। अधिकतर विज्ञापनों में “मसाज” करके पैसे कमाने का लालच दिया जाता है। जैसे ही कोई युवक इन विज्ञापन देने वालों से संपर्क करता है। वैसे ही उनसे इस धंधे में भर्ती होने की फीस मांगी जाती है। जैसे ही कोई युवक पैसे दे देता है वैसे ही ये विज्ञापन देने वाले अपने फोन आदि बंद करके फिर नए नम्बरों से ठगी शुरू कर देते है। धंधे के अंदर धंधे का यह कारोबार भी खूब पनप रहा है। Chetna Manch Special Story

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