New NMC Regulations : भारत ही नहीं पूरी दुनिया में डाक्टर का बड़ा महत्व है। भारत में तो डाक्टर को दूसरा भगवान या धरती का भगवान भी कहा जाता है। आए दिन आरोप लगते रहते हैं कि बहुत सारे डाक्टर दवा बनाने वाली कंपनी से मिलने वाले गिफ्ट (उपहार) के लालच में फंस जाते हैं। जो कंपनी जितना बड़ा उपहार डाक्टर को देती है। उतनी ही अधिक दवा डाक्टर उस कंपनी की लिखता है। अपनी कंपनी की दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए दवा कंपनियां डाक्टरों को महंगे गिफ्ट देने के साथ ही साथ डाक्टरों को विदेशों की सैर भी कराती है। अब भारत सरकार ने धरती के भगवान यानि डाक्टरों को गिफ्ट देने पर कानूनी पाबंदी लगा दी है।
भारत सरकार का बड़ा फैसला
बुधवार से भारत में एक नया कानून लागू हो गया है। इस कानून के लागू होते ही धरती का भगवान कहे जाने वाले डाक्टर को गिफ्ट (उपहार) देने वाली व्यवस्था बैन कर दी गयी है। आपको बता दें कि डॉक्टरों को उपहार देने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ भारत सरकार ने सख्त फैसला किया है। सरकार ने मंगलवार को फार्मास्युटिकल विपणन के लिए समान संहिता (यूसीपीएमपी) अधिसूचित की है, जिसके तहत कोई भी फार्मा कंपनी या उसका एजेंट किसी डॉक्टर व उनके परिजनों को किसी तरह का उपहार नहीं देगा। विदेशों के दौरे का प्रस्ताव देना भी अपराध की श्रेणी में आएगा। सभी फार्मास्युटिकल्स एसोसिएशन को लिखे पत्र में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव रवींद्र प्रताप किसी सिंह ने कहा कि एसोसिएशन को आचार तरह समिति गठित करनी होगी। आधिकारिक वेबसाइट पर यूसीपीएमपी पोर्टल का एगा। जिक्र भी करना होगा। समान संहिता का पालन भी करना होगा।
करोड़ों रूपए के गिफ्ट देती हैं दवा कंपनी
आपको पता होगा कि वर्ष-2022 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने डोलो-650 टैबलेट लिखने के लिए डॉक्टरों को एक हजार करोड़ रुपये के उपहार देने का आरोप लगाया था। इसके चलते यूनिफॉर्म कोड बनाने की मांग उठने लगी थी। सरकार ने साल 2014 में यूसीपीएमपी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, लेकिन यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं थे। नई संहिता के तहत यदि डॉक्टरों को अनैतिक रूप से नाधिकारिक दवा ब्रांडों को बढ़ावा देने का दोषी पाया पोर्टल का गया, तो फार्मा कंपनियों के खिलाफ संहिता का उसी प्रकार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जैसी रिश्वत या इससे जुड़े क्ष कर बोर्ड मामलों में की जाती है। संहिता के मुताबिक, फार्मा कंपनियां कॉन्फ्रेंस या सेमिनार के नाम पर डॉक्टरों को विदेशी दौरों का प्रस्ताव नहीं दे पाएंगी। इतना ही नहीं, पांच सितारा होटल में ठहरने और महंगे व्यंजन व रिजॉर्ट बदेश जैसे शान शौकत भरे ऑफर भी नहीं दिए जा सकेंगे। संहिता में नकद या मौद्रिक अनुदान के भुगतान पर भी रोक लगाई है। संहिता में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को दव की के मुफ्त नमूने नहीं दिए जाएंगे, जो ऐसे उत्पाद को लिखने के जुड़े योग्य नहीं है। कंपनी को हर उत्पाद का नाम, डॉक्टर का नाम, दिए न की मात्रा, मुफ्त नमूनों की आपूर्ति की तारीख जैसे विवरण देने हों
New NMC Regulations
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