Patna : पटना। भाजपा (BJP) को जोर का झटका देने वाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की नजर अब दिल्ली (Delhi) पर टिक गई है। हालांकि वह खुद को सीधे तौर पर पीएम (PM) पद के दावेदारी करने से हिचकिचा रहे हैं, लेकिन इशारे-इशारों में बहुत कुछ कहने का प्रयास कर रहे हैं। नीतीश की मंशा इस ओर इशारा कर रही है कि उनकी बजाय बीजेपी (BJP) के खिलाफ देश चुनाव लड़े। वह बार-बार विपक्षी एकता पर जोर देते हुए ये कहते नजर आ रहे हैं कि सभी दलों को आपसी मतभेद भुलाकर जनता की भलाई के लिए आगे आना चाहिए। लोगों को बीजेपी का विकल्प मुहैया कराना चाहिए।
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बिहार की राजधानी पटना में रविवार को हुई जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के जरिये पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि नीतीश कुमार पटना से दिल्ली की यात्रा पर निकलेंगे। नीतीश की पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बीजेपी को 2024 में 50 सीटों पर समेटने का नारा दे ही दिया है, इसके लिए खास रणनीति भी बना ली है। जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार का मिशन दिल्ली अगले हफ्ते से शुरू होगा। वह 5 सितंबर को दिल्ली आ रहे हैं। वह चार दिनों तक दिल्ली रहेंगे।
दिल्ली आने से ठीक पहले उन्होंने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ये भी कह दिया कि अगर 2024 के आम चुनाव में विपक्ष एक साथ आने में सफल हो गया तो जनता भी उनके साथ हो जाएगी। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की 6 सितंबर को राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है। पहले उनकी सोनिया गांधी से मीटिंग होनी थी, लेकिन सोनिया गांधी की मां के निधन के बाद वो अब तक स्वदेश नहीं लौटीं हैं। बता दें कि राहुल भी 6 सितंबर की शाम तमिलनाडु के लिए निकल जाएंगे, जहां से वो भारत जोड़ो यात्रा का आगाज करने वाले हैं।
नीतीश कुमार एनसीपी चीफ शरद पवार से भी मिलेंगे। इस मीटिंग में यूपीए के नए सिरे से गठन को लेकर चर्चा हो सकती है। पिछले कुछ समय से शरद पवार लगातार बदले वक्त के हिसाब से नये सिरे से यूपीए के गठन की बात करते रहे हैं। कांग्रेस भी इस मामले में सहमत होती दिख रही है। नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कोशिशों में दूसरे राज्यों के दौरे पर भी निकल सकते हैं। वो ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भी मिलेंगे।