PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने आवास पर सिंदूर के पौधे का रोपण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पौधा 1971 के युद्ध के दौरान साहस और वीरता दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने उन्हें भेंट किया था। इस कदम को हाल ही में भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़ा जा रहा है, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने वाली सैन्य कार्रवाई थी।
कच्छ की महिलाओं से मिले थे बहुमूल्य पौधे
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया कि कुछ समय पहले उनकी कच्छ यात्रा के दौरान युद्ध के दौरान बहादुरी दिखा चुकी महिलाओं के समूह ने यह पौधा उन्हें भेंट किया। उन्होंने उनके आग्रह का सम्मान करते हुए इसे अपने दिल्ली स्थित आवास पर रोपने का संकल्प लिया और विश्व पर्यावरण दिवस के मौके को इसके लिए चुना। पीएम मोदी ने इसे नारीशक्ति की प्रेरणा और देश के लिए उनके अद्वितीय योगदान का प्रतीक बताया। अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताते हुए कहा कि, “प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति ही इस वर्ष की थीम है और भारत बीते कुछ वर्षों से इस दिशा में ठोस प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ को एक वैश्विक आंदोलन बताते हुए कहा कि आज करोड़ों लोग ‘कम करें, दोबारा इस्तेमाल करें और रीसाइकिल करें’ के मूल मंत्र को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में पूरी निष्ठा से अपना रहे हैं। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है। पीएम मोदी ने पर्यावरण रक्षकों की सराहना करते हुए लिखा, “मैं उन सभी लोगों को नमन करता हूं जो धरती को हरा-भरा बनाने के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि पर्यावरणीय संकटों के समाधान में भागीदारी बढ़ाएं।
क्या है सिंदूर के पौधे की विशेषता?
सिंदूर का पौधा, जिसका वैज्ञानिक नाम Bixa Orellana है, एक औषधीय और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण वनस्पति है। इसे सामान्य भाषा में कुमकुम वृक्ष या लिपस्टिक ट्री भी कहा जाता है, क्योंकि इसके बीजों से प्राकृतिक लाल रंग प्राप्त होता है, जिसका उपयोग पारंपरिक और सौंदर्य दोनों ही क्षेत्रों में किया जाता है। यह पौधा मुख्यतः दक्षिण अमेरिका, मैक्सिको और भारत के कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हिमाचल में पाया जाता है। इस पौधे के बीजों से निकाले गए प्राकृतिक रंग का उपयोग पारंपरिक सिंदूर, धार्मिक अनुष्ठानों, सौंदर्य प्रसाधनों और औषधीय उत्पादों में किया जाता है। यह रंग त्वचा के लिए सुरक्षित होता है और किसी रासायनिक प्रक्रिया से रहित होता है। PM Modi