कोलकाता। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को त्रिपुरा पर्यटन का ‘ब्रांड एंबेसडर’ नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के एक दिन बाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शासन में उन्हें वह सम्मान नहीं दिया गया जिसके वह हकदार थे। टीएमसी ने भाजपा से इस मामले को लेकर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी।
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गांगुली को बनाया जाए कोलकाता का शेरिफ
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने दावा किया कि गांगुली को टीएमसी शासन के तहत पश्चिम बंगाल में वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। उसने मांग की कि उन्हें ‘कोलकाता के शेरिफ’ के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि टीएमसी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने सौरव गांगुली को उचित सम्मान नहीं दिया। भाजपा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार ने उन्हें अपना ‘ब्रांड एंबेसडर’ बनाया। उन्होंने मांग की कि गांगुली को कोलकाता का शेरिफ नियुक्त किया जाना चाहिए।
शाहरुख खान हैं बंगाल के ब्रांड एंबेसडर
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पिछले साल जब रोजर बिन्नी को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनाया गया था, तब टीएमसी ने मगरमच्छ के आंसू बहाए थे, लेकिन गांगुली को उनका उचित हक नहीं दिया। घोष ने कहा कि जब आपके राज्य में सौरव गांगुली जैसे दिग्गज हैं, तो आपको राज्य के ‘ब्रांड एंबेसडर’ के रूप में किसी और की आवश्यकता क्यों है। शाहरुख खान बंगाल के ब्रांड एंबेसडर हैं। लेकिन, टीएमसी ने कभी भी राज्य में बंगालियों की भावनाओं को पूरा करने की कोशिश नहीं की।
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बीसीसीआई में सौरव गांगुली को भाजपा ने किया था अपमानित
भाजपा द्वारा लगाये गये आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, टीएमसी ने भाजपा से इसका राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि फिल्मी सितारों और क्रिकेटरों को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करना एक सामान्य प्रथा है। त्रिपुरा ने अलग हटकर कुछ नहीं किया है। भाजपा जानबूझकर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। हम सभी जानते हैं कि पिछले साल बीसीसीआई प्रकरण के दौरान सौरव गांगुली को भाजपा द्वारा कैसे अपमानित किया गया था। जब क्रिकेटर रोजर बिन्नी ने पिछले साल बीसीसीआई अध्यक्ष बनाया गया, तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने गांगुली को हटाने पर आश्चर्य व्यक्त किया था। टीएमसी ने दावा किया था कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा था और भाजपा पर पूर्व भारतीय कप्तान को अपमानित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, क्योंकि वह उन्हें पार्टी में शामिल कराने में विफल रही थी।
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