Sunday, 12 May 2024

Political : आदिवासियों को भाजपा में शामिल होने की सजा दंडवत प्ररिक्रमा, जांच के आदेश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ नेताओं द्वारा आदिवासी महिलाओं…

Political : आदिवासियों को भाजपा में शामिल होने की सजा दंडवत प्ररिक्रमा, जांच के आदेश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ नेताओं द्वारा आदिवासी महिलाओं को दंडवत परिक्रमा करने के लिए मजबूर करने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। टीएमसी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी महिलाओं से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की सजा के रूप में दंडवत परिक्रमा करवाई। एनसीएसटी ने पश्चिम बंगाल पुलिस को एक नोटिस जारी कर मामले से जुड़े तथ्यों और अभी तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

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भाजपा अध्यक्ष ने की थी जांच की मांग

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोमवार को आयोग को पत्र लिखकर मामले की जांच करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। एनसीएसटी ने पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख मनोज मालवीय को नोटिस भेजा। नोटिस में कहा गया है कि आयोग ने मामले की जांच करने का फैसला किया है और वह तीन दिन के भीतर आरोपों पर की गई कार्रवाई पर तथ्यों की जानकारी दें। एनसीएसटी ने कहा कि यदि पश्चिम बंगाल पुलिस प्रमुख निर्धारित समय में जवाब देने में नाकाम रहे, तो वह व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन जारी करेगा।

बालुरघाटर लोकसभा क्षेत्र में 200 आदिवासी भाजपा में हुए थे शामिल

मजूमदार ने आरोप लगाया कि उनके बालुरघाट लोकसभा क्षेत्र में आदिवासी परिवारों के करीब 200 लोग छह अप्रैल को भाजपा में शामिल हुए थे, जो तृणमूल नेतृत्व के एक वर्ग को नागवारा गुजरा। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल के गुंडों ने उन परिवारों पर दबाव डाला और उनमें से कुछ को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए मजबूर किया। अमानवीय मध्ययुगीन काल की निरंकुशता का एक उदाहरण पेश करते हुए गरीब आदिवासी महिलाओं को भाजपा में शामिल होने की सजा के रूप में करीब एक किलोमीटर तक दंडवत परिक्रमा करने के लिए मजबूर किया गया।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था घटना का वीडियो

उन्होंने कहा कि दंडवत परिक्रमा के बाद इन आदिवासी महिलाओं को जिला पार्टी कार्यालय में तृणमूल का झंडा दिया गया। कथित घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया है। मजूमदार ने कहा कि तृणमलू के नेताओं ने पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दलितों के उत्थान के लिए इतना कुछ कर रहे हैं और देश की राष्ट्रपति आदिवासी समुदाय से जुड़ी एक महिला हैं।

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