Sunday, 15 December 2024

Sonam Wangchuk : माइनस 20 डिग्री तापमान में अनशन पर क्यों बैठे वांगचुक?

Sonam Wangchuk लद्दाख को बचाने के लिए भयंकर ठंड में पांच दिन से अनशन पर बैठे हुए थे जो कि…

Sonam Wangchuk : माइनस 20 डिग्री तापमान में अनशन पर क्यों बैठे वांगचुक?

Sonam Wangchuk लद्दाख को बचाने के लिए भयंकर ठंड में पांच दिन से अनशन पर बैठे हुए थे जो कि सोमवार को समाप्त हो गया। वे लद्दाख में तेज़ी से पिघल रहे ग्लेशियर्स पर चिंता जताते हुए लेह में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव कैंपस में अपने साथियों एवं समर्थकों के साथ अनशन कर रहे थे। उन्होंने संविधान के छठे शेड्यूल को प्रभावी बनाने की मांग की है। इस मुद्दे पर Sonam Wangchuk का साथ लद्दाख अपेक्स बाडी के चेयरमैन व पूर्व सांसद थुप्स्तन छिवांग ने भी दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक क्लाइमेट फ़ास्ट है और लोग उसमे उनका कोई सहयोग नहीं बल्कि अपने पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।

क्या हैं Sonam Wangchuk की मांगे?

लद्दाख के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि लद्दाख और अन्य हिमालयन क्षेत्रों को औद्योगिक शोषण से सुरक्षा मिलनी चाहिये। Sonam Wangchuk ने कहा कि बढ़ते हुए हर तरह के उद्योगों से पर्यावरण को अच्छा खासा नुकसान पहुँच रहा है और यही कारण है कि लद्दाख के ग्लेशियर भी तेज़ी से पिघल रहे हैं। जिससे आगे चलकर बड़ा नुकसान देखने को मिल सकता है। ऐसे में संविधान का छठा शेड्यूल प्रभावी बनाना अत्यंत जरुरी है।

सड़कें बंद होने पर छत पर जारी किया उपवास

भयंकर बर्फीबारी के कारण लद्दाख की ज्यादातर सड़कों और आवागमन बंद हो चुका है। अतः Sonam Wangchuk ने सड़क से हटाए जाने के बाद खुली छत पर अपना क्लाइमेट फ़ास्ट जारी रखा। उनकी सुरक्षा के लिए पास में ही पुलिस ने भी अपना टेंट लगाया। वे गर्म कपड़ों, वाटर प्रूफ हैवी स्लीपिंग बैग की सहायता से इस कड़कड़ाती ठंड में अनशन कर रहे थे। इस ममुहिम में उनके कई समर्थक एवं स्थानीय लोग भी आगे आये और इस अनशन में भाग लिया। हालांकि सोमवार शाम 6 बजे उनके द्वारा इस उपवास की समाप्ति कर दी गयी है।

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