Friday, 17 May 2024

दिल्ली में सेवाओं पर जारी अध्यादेश वापस लें केंद्र, अन्यथा यह संसद में नाकाम होगा : केसीआर

Telangana News : हैदराबाद। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक के बाद…

दिल्ली में सेवाओं पर जारी अध्यादेश वापस लें केंद्र, अन्यथा यह संसद में नाकाम होगा : केसीआर

Telangana News : हैदराबाद। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शनिवार को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश को तत्काल वापस लेने की मांग की।

‘केसीआर’ के नाम से चर्चित राव ने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह मांग की। आम आदमी पार्टी (आप) के दोनों नेताओं ने राव से मुलाकात कर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई पर उनका समर्थन मांगा।

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राव ने आरोप लगाया कि केंद्र ने जिस तरह से अध्यादेश जारी किया उसने आपातकाल के दिनों की याद दिला दी। राव ने कहा, ‘‘(प्रधानमंत्री) मोदी और भाजपा नेता आपातकाल के खिलाफ इतनी मुखरता से बोलते हैं। ठीक ऐसा ही आपातकाल से पहले हुआ था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद, उस फैसले को रद्द करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन किया गया था।’’ उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने जैसे ही रास्ते पर है। राव ने सवाल किया कि तत्कालीन इंदिरा गांधी शासन और मौजूदा केंद्र सरकार में क्या अंतर है।

राव ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि वह अध्यादेश वापस लें नहीं, तो हम सभी केजरीवाल का समर्थन करेंगे। हम उनके साथ खड़े रहेंगे। हम अध्यादेश को नाकाम करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।’’

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं कर रहा केंद्र

उन्होंने कहा कि मोदी नीत सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली की जनता का अपमान किया है। राव ने आरोप लगाया कि केंद्र दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने दे रहा है और उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय की वृहद पीठ के फैसले का सम्मान नहीं करने का मतलब है आपातकाल की ओर जाना।’’ राव ने कहा कि ‘‘समूचा सिस्टम’’ केजरीवाल का समर्थन करेगा क्योंकि यह ‘‘लोकतंत्र के अस्तित्व का सवाल’’ है।

केजरीवाल ने राव को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देश भर में लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री न्यायालय के आदेश को नहीं मानेंगे तो लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘एक तरह से, प्रधानमंत्री दिल्ली के लोगों को चुनौती दे रहे हैं कि वह सरकार को काम नहीं करने देंगे, भले ही लोगों द्वारा चुनी गई सरकार हो।’’ केजरीवाल ने किसी राज्य में लोगों द्वारा गैर-भाजपा सरकार चुने जाने पर केंद्र पर दखल देने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा या तो ईडी भेजकर ‘‘विधायकों को खरीदती है, सरकार को गिराती है या राज्यपाल का दुरुपयोग करते हुए एक अध्यादेश लाती है, जैसा कि विभिन्न राज्यों में देखा गया है।’’ यह उल्लेख करते हुए कि भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, उन्होंने कहा कि यदि सभी गैर-भाजपा दल उच्च सदन में अध्यादेश के लिए विधेयक को नाकाम करते हैं, तो इससे देश के लोगों में विश्वास पैदा होगा कि मोदी नीत सरकार 2024 में सत्ता में नहीं लौटेगी। उन्होंने कहा कि लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।

राजभवन बन गए हैं भाजपा कार्यालय

मान ने आरोप लगाया कि राजभवन ‘भाजपा कार्यालय’ बन गए हैं और राज्यपाल केंद्र में मौजूदा राजग सरकार के लिए भाजपा के ‘स्टार प्रचारक’ हैं। मान ने यह भी कहा कि वह शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि पिछली बैठक में जो मांग की गई थी वह नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बैठकें करती है, लेकिन वही करती है जो वह चाहती है।’’ लोकसभा और राज्यसभा में राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सदस्यों की संख्या क्रमश: नौ और सात है।

केंद्र ने हाल में दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना को लेकर एक प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया, जिसे आप नीत सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के साथ ‘धोखा’ बताया था। Telangana News

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