Monday, 20 May 2024

UP Diwas- उत्तर प्रदेश, जिसने दिए देश को कई प्रधानमंत्री

UP Diwas – आज भारत देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस है। साल 2018 में पहली…

UP Diwas- उत्तर प्रदेश, जिसने दिए देश को कई प्रधानमंत्री

UP Diwas – आज भारत देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस है। साल 2018 में पहली बार उत्तर प्रदेश राज्य के स्थापना दिवस को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। इसके बाद से ही प्रतिवर्ष 24 जनवरी का दिन उत्तर प्रदेश दिवस (UP Diwas) के रुप में मनाया जाता है। आज इस खास मौके पर आइए जानते हैं, उत्तर प्रदेश राज्य के इतिहास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

क्या है उत्तर प्रदेश राज्य का इतिहास –

उत्तर प्रदेश, भारत देश का एक ऐसा राज्य जिसने अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजते हुए, बदलते हुए वक्त के साथ कदम से कदम मिलाया है। आधुनिकता को अपनाते हुए आज ये राज्य सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि धीरे-धीरे विश्व में भी अपनी पहचान बना रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं की उत्तर प्रदेश राज्य का इतिहास क्या है ? कब हुई इस राज्य की स्थापना ? और कैसे धीरे-धीरे यह राज्य देश का एक महत्वपूर्ण राज्य बन गया।

यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलकर रखा गया उत्तर प्रदेश का नाम –

इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को होगी कि उत्तर प्रदेश राज्य का पुराना नाम यूनाइटेड (Uttar Pradesh as United Province) प्रोविंस है। 24 जनवरी 1950 को भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलने का आदेश पारित किया जिसके बाद यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रख दिया गया।

कभी बंगाल के अधीन था, यह राज्य 1902 में बना यूनाइटेड प्रोविंस –

इतिहास को खंगालने पर यह बात सामने आती है कि साल 1834 में उत्तर प्रदेश राज्य बंगाल सूबे के अधीन था। उस समय पूरे देश में 3 सूबे थे – बंगाल, मुंबई व मद्रास। ऐसे में चौथे सूबे के गठन की आवश्यकता महसूस की गई और इसके पश्चात आगरा सूबे का गठन हुआ जिसके गवर्नर थे लॉर्ड कैनिंग। साल 1858 में गवर्नर लॉर्ड कैनिंग इलाहाबाद (Allahabad In present Prayagraj) आकर बस गए। लॉर्ड कैनिंग के इलाहाबाद आकर बरसाने से शासन शक्ति भी आगरा से इलाहाबाद स्थानांतरित कर दी गई। 1856 में अवध को मुख्य आयुक्त के अधीन किया गया। इसके बाद साल 1868 में उच्च न्यायालय को भी आगरा से इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया। इस तरह से उत्तरी-पश्चिमी दो सूबों का गठन हो गया। वर्तमान में भी उत्तर प्रदेश दो भागों (उत्तरी व पश्चिमी) में विभाजित है।

बाद में उत्तरी पश्चिमी के जनपदों को विलय किया जाना प्रारंभ किया गया। साल 1910 में दोनों सूबों को मिलाकर “यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध” नाम दिया गया।

1935 में लखनऊ को बनाया गया राज्य की राजधानी –

1920 में विधान परिषद के प्रथम चुनाव के बाद साल 1921 में लखनऊ में परिषद का गठन किया गया। क्योंकि परिषद के गठन के बाद गवर्नर, मंत्री व मंत्री के सचिवों को लखनऊ में ही निवास करना था, ऐसे में तत्कालीन गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर ने भी अपना मुख्यालय इलाहाबाद से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया। साल 1935 में जब संपूर्ण कार्यालय लखनऊ में ही स्थापित कर दिए गए तब लखनऊ को सूबे की राजधानी बना दी गई। तत्पश्चात अप्रैल 1937 में प्रदेश का नाम “यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध” से बदलकर सिर्फ “यूनाइटेड प्रोविंस” रख दिया गया। बाद में 24 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के अधीन इसका नाम “उत्तर प्रदेश” कर दिया गया।

UP Diwas Celebration-

पहली बार महाराष्ट्र में मनाया गया उत्तर प्रदेश दिवस –

उत्तर प्रदेश दिवस पहली बार 24 जनवरी 1989 को महाराष्ट्र में यूपी के रहने वाले लोगों द्वारा मनाया गया। इसके बाद महाराष्ट्र निवासी राम नाईक जब उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बने तो उन्होंने यूपी स्थापना दिवस (UP Diwas) के आयोजन का प्रस्ताव दिया, लेकिन उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसकी मंजूरी नहीं दी। बाद में जब यूपी की सत्ता योगी आदित्यनाथ के हाथों में आई, तब साल 2018 में एक बार फिर राम नाईक ने यूपी स्थापना दिवस मनाने का प्रस्ताव भेजा, जिसे योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार कर लिया और साल 2018 में प्रदेश में पहली बार उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस (UP Diwas) मनाया गया। इसके बाद से हर साल 24 जनवरी का दिन प्रदेश के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

राजनिति के क्षेत्र में अव्वल है प्रदेश –

उत्तर प्रदेश राज्य देश की राजनीति के क्षेत्र में सबसे बड़े गढ़ के रूप में देखा जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटें हैं। देश की राजनीति में अहम योगदान देने वाले कई बड़े नेता दिल्ली की गद्दी पर पहुंचने से पहले उत्तर प्रदेश के रास्ते से होकर गुजरे हैं। आजादी के बाद से अब तक देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश ने ही दिए हैं। जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी बाजपेई से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक यूपी के सांसद है।

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