Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 05 जून को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।
Noida News: समाचार अमर उजाला से
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “अधिग्रहण के बगैर जमीन आवंटित करने में ग्रेनो के तीन कर्मी निलंबित” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि पतवाड़ी गांव में अधिग्रहण किए बिना हो करीब 8000 वर्गमीटर भूमि का आवंटन करने के मामले में औद्योगिक वामनंदानी ने निलंबित कर दिया है। तीनों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए। हैं। इनमें महाप्रबंधक आरके देव, प्रबंधक कमलेश मगि चौधरी और तत्कालीन वरिष्ठ ड्राफ्टमैन सुरेश कुमार शामिल है। मामले में हाईकोर्ट ने अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2008 में बेनो बेस्ट के पतवाड़ी गांव में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी। प्राधिकरण को योजना एलओपी-03 के तहत पतवाड़ी के खसरा संख्या 1245 में भूखंड नियोजित किए गए। वर्ष 2023 में प्राधिकरण ने पतवाड़ी गांव में आवासीय प्लॉट योजना की शुरुआत की और 5 आवंटियों को सबसे अधिक बोली और टि वाटेत किए गए। सेक्टर-सूने पांचों आटियों को कुल 9600 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई। जबकि खसरे की 9600 वर्गमीटर में से केवल 1600 वर्गमीटर जमीन का अधिग्रहण किया गया था।
आरोपी कर्मियों ने 8000 वर्गमीटर जमीन के लॉज प्लान बना दिए। उसी कारण योजना में मनिंदर सिंह नागर व चार अन्य को 9600 वर्गमीटर जमीन का आवंटन कर दिया गया। अब हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार के औद्योगिक मंत्री ने ग्रेनों प्राधिकरण के महाप्रबंधक आरके देव, प्रबंधक कमलेश मणि चौधरी और तत्कालीन वरिष्ठ ड्राफ्टमैन सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया है। साथ ही अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। महाप्रबंधक और प्रबंधक को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और वरिष्ठ ड्राफ्टमैन को यूपीसीडा कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
Noida News:
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 131 पहुंची, संक्रमण दर हुई दोगुनी” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज़ होती दिख रही है। स्वास्थ्य विभाग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, नोएडा में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 131 हो गई है। संक्रमण दर 7.45 प्रतिशत से बढ़कर 14.11 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो चिंता का विषय बन गई है।
बुधवार को 30 नए मामले सामने आए हैं। इनमें अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण पाए गए हैं। दो मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य को होम आइसोलेशन में रखा गया है। इसी अवधि में 7 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले दो दिनों में 75 मरीजों के आने के बाद संक्रमण दर में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसीएमओ डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि अब तक जिले में कुल 138 संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है।
डॉ. सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल को 200 टेस्टिंग किट्स उपलब्ध कराई गई हैं और वहां पर नियमित रूप से सैंपल लिए जा रहे हैं। जिम्स संस्थान ने भी टेस्टिंग किट्स की मांग की है, जिन्हें शीघ्र ही उपलब्ध कराया जाएगा। इधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है। वहां 22 वर्षीय एक युवती की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई है। दिल्ली में फिलहाल 457 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।
Hindi News:
अमर उजाला ने 05 जून 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “पुलिस कमिश्नर ने किया प्रशासनिक भवन का लोकार्पण” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बुधवार को कोतवाली सेक्टर-126 के प्रशासनिक व आवासीय भवन का लोकार्पण किया। अब इसी भवन से सेक्टर-126 थाने का कामकाज शुरू हो गया है। कुछ दिन के बाद कोतवाली सेक्टर-63 के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि नवनिर्मित बिल्डिंग अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
इस मौके पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य पुलिसिंग को नागरिकों के लिए अधिक सुलभ, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस नए भवन के माध्यम से हम बेहतर सेवाएं प्रदान करेंगे और पुलिसकर्मियों के लिए एक सुरक्षित एवं समर्पित वातावरण सुनिश्चित करेंगे। नवनिर्मित भवन कई आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। नवनिर्मित भवन में महिलाओं के लिए एक अलग महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है, जहां वे निसंकोच अपनी. शिकायतें या समस्याएं दर्ज करा सकती हैं। समारोह के दौरान पुलिस आयुक्त ने ट्रैफिक मुख्यालय द्वारा प्राप्त 100 हीट कंट्रोल हेलमेट को यातायात पुलिस कर्मियों को वितरित किया। इससे पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के दौरान हीटवेव से राहत मिलेगी। इस मौके पर अपर पुलिस आयुक्त कानून/व्यवस्था राजीव नारायण मिश्र, अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय अजय कुमार, पुलिस उपायुक्त नोएडा यमुना प्रसाद, पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक लखन सिंह यादव समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
Noida News: समाचार दैनिक जागरण से
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 05 जून 2025 का प्रमुख समाचार “यूजीसी की ओर से नहीं की गई निगरानी, 14 साल से यूनिवर्सिटी करती रही मनमानी” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि हापुड़ मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री और मार्कशीट की बिक्री के मामले में नए तथ्य लगातार सामने आ रहे हैं। यह यूनिवर्सिटी, जो 2011 में स्थापित हुई थी, ने अब तक यूजीसी से किसी भी प्रकार का सत्यापन नहीं कराया है। इस फर्जीवाड़े का खेल यूजीसी और यूनिवर्सिटी प्रबंधन के बीच की नूरा-कुश्ती के रूप में चलता रहा है। दोनों संस्थाओं के बीच पिछले 10 वर्षों से पत्राचार जारी है, जिसके चलते मानकों का पालन किए बिना यूनिवर्सिटी का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसका खामियाजा हजारों छात्रों को भुगतना पड़ सकता है, जिन्होंने उच्च शिक्षा के लिए भारी रकम खर्च की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में यूनिवर्सिटी की साजिश और यूजीसी की मिलीभगत स्पष्ट हो रही है। एसटीएफ ने यूजीसी और यूनिवर्सिटी को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। मोनाड यूनिवर्सिटी का फर्जी डिग्री और मार्कशीट बेचने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
एक्सपर्ट के अनुसार, निजी यूनिवर्सिटी का संचालन करने के लिए दो स्थानों से मान्यता प्राप्त करनी होती है। प्रदेश में 60 एकड़ जमीन व अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मान्यता के लिए आवेदन किया जाता है। विधानसभा में स्वीकृति के बाद राज्यपाल की ओर से संबंधित एजेंसी या व्यक्ति को यूनिवर्सिटी खोलने की अनुमति दी जाती है। यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए सरकार की ओर से पांच साल का समय दिया जाता है। इसके बाद इसका संचालन तकनीकी आधार पर दो पहलुओं में किया जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि यूनिवर्सिटी का मालिक शैक्षिक दृष्टि से योग्य हो। शासन की ओर से यूनिवर्सिटी में मानकों का पालन कराने की जिम्मेदारी यूजीसी की होती है। इसके लिए यूनिवर्सिटी बनने के पांच साल के भीतर यूजीसी से मान्यता लेनी होती है। यूजीसी की टीम संबंधित यूनिवर्सिटी का दौरा करती है, जिसमें दो प्रशासनिक अधिकारी और उन विषयों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जिनका अध्ययन यूनिवर्सिटी में किया जाता है। मोनाड ने 2015 में आवेदन किया था, लेकिन तब से न तो यूनिवर्सिटी ने आवश्यक कागजात उपलब्ध कराए और न ही यूजीसी ने कोई आपत्ति दर्ज की। मोनाड यूनिवर्सिटी के कुलपति, डा. एम. जावेद ने कहा, हमने यूजीसी को टीम भेजने के लिए सूचना दे दी। उनकी टीम नहीं आए तो हम क्या कर सकते हैं
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में प्रमुख समाचार “नौकरी का झांसा देकर युवाओं को ठगने वाला यूट्यूबर दबोचा ” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सेक्टर-63 – पुलिस ने यूट्यूब चैनल के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को मोबाइल एंड टेलीकाम और इलेक्ट्रानिक सामान की कंपनियों में नौकरी का झांसा देकर – धोखाधड़ी करने वाले वसीम अहमद – को गिरफ्तार किया है। वसीम ने छह – महीने पहले सेक्टर-81 में “नोएडा- दिल्ली जाब” नाम से एक कार्यालय खोला था। वह प्रत्येक व्यक्ति से फार्म, साक्षात्कार और नियुक्ति पत्र के लिए 1500 से 2000 रुपये वसूलता था। पुलिस ने उसके पास से 65 विजिटिंग कार्ड, 150 विजिटिंग कार्ड, 10 विजिटिंग कार्ड, 15 विजिटिंग कार्ड, 85 साक्षात्कार फार्म, नौकरी के फार्म की दो बुकलेट, 20 ट्रेनिंग लेटर, दो ज्वाइनिंग लेटर और 840 रुपये बरामद किए हैं।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा, शक्ति मोहन, अवस्थी ने बताया कि वसीम अहमद ईकोटेक-थर्ड थानाक्षेत्र के ग्राम हल्द्वानी का निवासी है। वह यूट्यूब पर विज्ञापन के माध्यम से लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देता था। उसने सेक्टर-63 के योगेंद्र को भी अपने कार्यालय में बुलाकर पैसे ऐंठे थे। जब पीड़ित ने विरोध किया, तो वसीम ने पत्रकार होने का रौब झाड़ा। सेक्टर-63 थाना पुलिस ने शिकायत मिलने पर उसकी तलाश शुरू की और मंगलवार रात उसे बहलोलपुर गोल चक्कर से वैग्नआर गाड़ी में गिरफ्तार कर लिया।
एसीपी वर्णिका सिंह ने बताया कि वसीम युवाओं का साक्षात्कार लेकर उन्हें सैमसंग, ओप्पो, हायर, वीवो, एलजी जैसी कंपनियों के फर्जी नियुक्ति पत्र देता था। धोखाधड़ी के विरोध पर पीड़ितों को पत्रकार होने का डर दिखाता था। पुलिस का दावा है कि वसीम ने 100 से 150 लोगों को निशाना बनाकर ठगी की है।
थाना प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि वसीम बिजनौर के बढ़ापुर थाना क्षेत्र के ग्राम भक्षड़ा वाला का निवासी है। वह पीड़ितों को अलग-अलग नामों से पहचानता था। उसने अपने कार्यालय में पीड़ितों को जाल में फंसाने के लिए 12-12 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पर दो युवतियों को रखा। हुआ था। उसके पास से बरामद वैगनआर गाड़ी भी सीज की गई है।
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