Friday, 4 October 2024

आओ कुछ कर दिखाएं हम भी क्यों ना अपने शहर को स्वच्छ बनाएं

Noida News : स्वच्छता अभियान को शुरू हुए इस 2 अक्टूबर को 10 साल पूरे हो गए। इस दौरान हमने…

आओ कुछ कर दिखाएं हम भी क्यों ना अपने शहर को स्वच्छ बनाएं

Noida News : स्वच्छता अभियान को शुरू हुए इस 2 अक्टूबर को 10 साल पूरे हो गए। इस दौरान हमने बहुत कुछ सीखा जैसे कि स्वच्छ रहें, स्वच्छ जिएं, बीमारियों से बचें। हम सिर्फ सुनते आए थे लेकिन अब स्वच्छ रह कर बिमारियों से कैसे बचना है हम यह भी जान गए हैं।

23 सितंबर 2024 से नोएडा में स्वच्छता कर्मचारी हड़ताल पर है हम सभी जानते हैं और हम इस बात पर काफी खफा और शोर भी मचा रहे हैं कि कूड़े के ढ़ेर लगे पड़े हैं। सड़कें गंदी हैं, गलियां गंदी है। मैं आपसे यह एक प्रश्न पूछना चाहती हूं कि जो आपका सबसे महत्वपूर्ण काम करने सुबह आते हैं। जैसे कि सुबह कूड़ा उठाने वाली गाड़ी। हम उन्हें कूड़े वाले क्यों कहते हैं? ऐसा कहते ही हमारे आंखों के सामने एक तस्वीर बन जाती है कि एक गाड़ी आई है उसमें कूड़ा भरा हुआ है और उसे उठाने वाले आदमी को ही हम कूड़े वाला कह रहे हैं। अब जब वे नहीं आ रहे हैं तो शिकायत हमें उनसे नहीं स्वयं से होनी चाहिए। क्योंकि अपने घर के सामने यानि अपनी गली, अपने घर की साईड वाली गली, यदि पीछे भी है तो पीछे वाली गली क्या हम अपने घर को साफ करते हुए अपने घर के बाहर झाडू नहीं लगा सकते हैं? जरूर लगा सकते हैं। पर क्यों नहीं लगा रहे बल्कि चिल्ला रहे हैं। कारण, हम अपने घर के बाहर सफाई करने वालों को कूड़े वाले झाड़ू वाले कह कर बुलाते हैं।  घर के बाहर झाड़ू उठाकर जाते ही हमारा माइंड सेट बदल जाता है। क्या आपको नहीं लगता?  हमें अब अपना माइंडसेट बदलना होगा।

हम सभी देख रहे हैं हर रोज कूड़ा गाड़ी आ रही है हमारा कूड़ा ले जा रही है फिर भी हम नाराज हैं। कूड़े के लिए। मेरा आप सभी से इतना अनुरोध है आपके घर के सामने का जितना एरिया है आपके साइड में जितना एरिया है यदि पीछे मकान नहीं है आप एक झाड़ू लेकर अपने घर के आगे की सफाई स्वयं करें तो देखें बहुत आनंद आएगा। उसके बाद आपकी गली में जो भी सफाई करने आता है उसे झाड़ू वाली या झाड़ू वाला नहीं कह पाएंगे बल्कि उनका भी नाम है आप नाम लेकर ही बुलाएंगे। वैसे भी जितनी देर आप अपने घर से बाहर झाड़ू लगाएंगे अपने आस पड़ोस के लोगों से भी राम-राम, नमस्ते, दुआ-सलाम कर पाएंगे। इतना ही नहीं खाली झाड़ू लगाना तो काम नहीं होता ना या सफाई करना हम उनसे उनके बच्चों से थोड़ा सा बतिया भी लेंगे। सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि उसके बाद सफाईकर्मी जो भी उनकी परेशानियां हैं जिनको लेकर वे 23  सितंबर से आज तक बल्कि  यदि उससे आगे तक भी बैठे रहेंगे तो हमें कोई समस्या नहीं आएंगी। क्योंकि हम अपना कूड़ा तो घर में छोड़ ही नहीं रहे पूरा कूड़ा हम गाडिय़ों को दे रहे हैं तो समस्या कहां है? समस्या वहां आती है जब हम अपनी हर सेवा दूसरों पर छोड़ देते हैं। यह भी करना नहीं चाहते तो सिर्फ अपने घर के आसपास यदि कुछ कागज पत्तियां उडक़र आ गई हैं तो उन्हें ही बीन लें। कूड़े को सैगरीगेट करके ही दें उससे नालियाँ या सीवर लाइन में अवरोध पैदा नहीं होंगे। हम लोगों के सीवर सिस्टम पूरी तरह से बंद है जिनका हमसे कोई लेना देना ही नहीं है। सारा कचरा तो हम ही ने फैलाया है। यदि झाड़ू लेकर हम उस कचरे को सिर्फ इकट्ठा कर देंगे और कूड़े वाले को बाकायदा सैरीगेट करके दे देंगे तो समस्या ही नहीं रहेगी। इस बार ही यह करके तो देखें? यकीन मानिए इधर बीमारियों का सीजन उधर स्वच्छता कर्मचारी हड़ताल पर भय ही निकल जायेगा दिल से? कृया हाथ बढ़ाएं और नोएडा प्रशासन को भी आए दिन की इस चिंता से मुक्त करें।

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