Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 17 जनवरी को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।
Noida News:
समाचार अमर उजाला से
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “मॉडल टाउन अंडरपास के ऊपर बनेगा अर्द्ध चंद्राकार एफओबी” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि मेरठ एक्सप्रेसवे से नोएडा में वाहनों के प्रवेश करने के रास्ते पर रोजाना लगने वाले जाम की समस्या के समाधान के लिए नोएडा प्राधिकरण ने नया प्लान तैयार किया है। इसके तहत सेक्टर-62 स्थित मॉडल टाउन अंडरपास के ऊपर अर्द्ध चंद्राकार एफओबी बनेगा। अंडरपास के पास बने गोलचक्कर को छोटा किया जाएगा। प्राधिकरण ने इसका डिजाइन फाइनल कर लिया है। जल्द ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
मेरठ एक्सप्रेसवे से नोएडा की ओर कुछ रास्तों से रोजाना लाखों वाहन प्रवेश करते हैं। नोएडा में प्रवेश के दौरान सड़क की चौड़ाई कम होने की वजह से वाहनों की रफ्तार कम हो जाती है। जिससे मेरठ एक्सप्रेसवे पर एंट्री प्वाइंट के पास वाहनों की कतार लग जाती है। सुबह और शाम के व्यस्त समय में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। इससे निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस और प्राधिकरण ने कई योजनाएं बनाईं। सभी नाकाफी साबित हुए। जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण और ट्रैफिक पुलिस की ओर से संयुक्त सर्वे कराया गया। जिसमें कुछ बिंदुओं पर बदलाव की सहमति बनी। इसके समाधान के लिए कई मॉडलों और डिजाइनों पर विचार विमर्श के बाद नए डिजाइन को फाइनल किया गया है।
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अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “एआरटीओ के लिए यमुना सिटी मुफीद नहीं, नोएडा में मिले जमीन” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) के लिए यमुना सिटी के जेवर में आवंटित जमीन मुफीद नहीं है। शासन ने करीब 50 किमी दूर कार्यालय के लिए जमीन आवंटित करने पर आपत्ति जताई है। इससे जनता के समय, धन और सुरक्षा पर नकरात्मक प्रभाव पड़ने की बात कही गई है। परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने नोएडा के सेक्टर-108 में कार्यालय के लिए निशुल्क जमीन आवंटित करने के लिए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से संवाद शुरू किया है। उन्होंने व्यावसायिक दृष्टिकोण से इतर जनहित के मामले में प्राधिकरण से गंभीरतापूर्वक विचार करने के लिए भी कहा है।
परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को पत्र भेजा है। जिसमें जनता की सुविधा और सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए सेक्टर-82 स्थित सिटी बस टर्मिनल के एक हिस्से में या अन्य उपयुक्त भवन को एआरटीओ कार्यालय के लिए आवंटित करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि जिले की अधिकतम जनसंख्या नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहती है। वर्तमान में एआरटीओ का अपना कोई स्थायी कार्यालय नहीं है। यमुना प्राधिकरण ने जेवर में कार्यालय के लिए भूमि आवंटित की है, जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए न तो सुविधाजनक है और न ही व्यावहारिक। जेवर नोएडा से करीब पचास किमी और ग्रेनो से भी करीब तीस किमी दूर है। पत्र में बताया गया कि वर्ष 2020 में नोएडा प्राधिकरण की ओर से परिवहन विभाग को नोएडा के सेक्टर-108 में कार्यालय के लिए भूमि का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, यह भूमि बाद में पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के लिए आवंटित कर दी गई। जिस प्रकार पुलिस विभाग को निःशुल्क भूमि आवंटित की गई, उसी प्रकार परिवहन विभाग को भी जनहित में समान प्राथमिकता दिया जाना उचित होगा।
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Noida News: अमर उजाला ने 17 जनवरी 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट की वर्तमान प्रक्रिया होगी रद्द” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि लाइसेंस के लिए होने वाले ड्राइविंग टेस्ट की वर्तमान प्रक्रिया को रद्द किया जा रहा है। अमर उजाला से बातचीत करते हुए राज्य परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि बिना एसओपी जारी किए टेस्ट प्रक्रिया कराना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को केवल ट्रेनिंग देने का ही अधिकार है। वहां टेस्ट नहीं कराया जा सकता है। हां, अगर कुछ परिस्थितियों में कराया जा रहा है तो इसके लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किए जाएंगे। बकायदा एसओपी भी बनेगी। फिलहाल वर्तमान प्रक्रिया को रद्द किया जाता है। इस संबंध में आधिकारिक रूप से जल्द ही आदेश जारी हो जाएंगे।
बता दें कि परिवहन मंत्री के इस बयान के बाद नोएडा में ड्राइविंग लाइसेंसे बनाने वालों को राहत मिली है, क्योंकि लोग बिसाहड़ा स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को लेकर लगातार शिकायतें कर रहे थे। पांच माह में कुल 100 से भी अधिक शिकायतें विभाग को मिली हैं। लोगों का आरोप है कि ट्रेनिंग सेंटर संचालक जानबूझकर लोगों को फेल कर रहा है। आरोप है कि जो संचालकों को अधिक पैसे देता है केवल उन्हीं को पास किया जा रहा है। वहीं पुरानी व्यवस्था में जहां ढाई से तीन हजार लाइसेंस प्रतिमाह जिले में बन रहे थे। वह व्यवस्था में बदलाव के बाद इनकी संख्या घटकर 200 के आसपास सिमटकर रह गई। ऐसे में ट्रेनिंग सेंटर पर काफी समय से सवाल भी खड़े हो रहे थे।
समाचार दैनिक जागरण से…
Noida News: दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 17 जनवरी 2025 का प्रमुख समाचार “शहरी परिवहन व्यवस्था, हवाई अड्डा संचालन से संबंधित कंपनियां लगाएंगी प्रदर्शनी, ग्रेटर नोएडा में हवाई अड्डा और बंदरगाह संचालक कंपनियां करेंगी एक्सपो में प्रदर्शन” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 आज से दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम से शुरू हो रहा है। ग्रेटर नोएडा में एक्सपो का एक हिस्सा 19 जनवरी से शुरू होगा। यहां अर्बन मोबिलिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (यूएमआइएस) व भारत कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट एक्सपो का आयोजन 22 जनवरी तक होगा। इसमें शहरी परिवहन व्यवस्था, हवाई अड्डा संचालन, निर्माण, बंदरगाह संचालन, निर्माण कार्य से संबंधित कंपनियां अपने उत्पादों, तकनीक को प्रदर्शित करेंगी।
हवाई अड्डा संचालक और डेवलपर सुरक्षा प्रणालियों, सामान प्रबंधन और यात्री सेवाओं सहित हवाई अड्डा प्रौद्योगिकी के आपूर्तिकर्ता, हवाई अड्डे के डिजाइन, निर्माण और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनियां, जमीनी समर्थन उपकरण और सेवाओं के प्रदाता शामिल होंगे। वहीं दूसरी तरफ बंदरगाह प्राधिकरण और डेवलपर्स की ओर से आयोजित एक्सपो में समुद्री और बंदरगाह उपकरण के आपूर्तिकर्ता, रसद और कार्गो हैंडलिंग सेवाओं के प्रदाता, अंतर्देशीय जलमार्ग जहाजों और बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञता वाली कंपनियां शिरकत करेंगी। दरअसल भारत अपने परिवहन नेटवर्क में क्रांति ला रहा है। वैश्विक स्तर पर चौथी सबसे बड़ी रेलवे प्रणाली का दावा कर रहा है और तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनने जा रहा है। शहरी जन परिवहन प्रणाली एक व्यापक ढांचा है जिसमें मेट्रो, रैपिड, हाई-स्पीड रेल और अन्य कई प्रकार के साधन शामिल हैं। इस बीच, हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने पर ध्यान देने के साथ विमानन क्षेत्र विकास पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। यूएमआइएस 2025 में इन उद्योगों से जुड़ी कंपनियों नवाचारों को प्रदर्शित करेंगी। नेटवर्क बनाने और भारत के परिवहन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मंच पर शामिल होंगी। उधर भारत कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट एक्सपो में निर्माण कार्यों से जुड़ी कंपनियां नई मशीन, वाहन, तकनीक को प्रदर्शित करेंगी, जो रियल एस्टेट, सड़क निर्माण, रेल ट्रैक निर्माण आदि में अपनी काफी अहम भूमिका निभा रहा हैं।
Noida News: दैनिक जागरण के 17 जनवरी 2025 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “कालेज के गेट पर एकजुट हुए छात्रों के स्वजन, प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि बालक इंटर कालेज से लापता चार छात्रों के स्वजन ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वजन का आरोप है कि बच्चों के लापता होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया। उन्हें सही से जानकारी भी नहीं दी जा रही। जबकि उन्होंने बच्चे उन्हें सुपुर्द किए थे।
पीड़ित स्वजन सत्यप्रकाश ने बताया कि वह अपने बच्चे को खुद 10 जनवरी को छोड़ने आए थे। उनके पास बुधवार की सुबह फोन आया कि उनका बच्चा स्कूल से तीन साथियों के साथ फरार हो गया है। एक अन्य पीड़ित स्वजन ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने केवल सूचना देकर इतिश्री कर ली। उनके बच्चों को तलाशने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। हास्टल फीस के नाम पर उनसे मोटा शुल्क वसूला जा रहा है, लेकिन घटना ने स्कूल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस तरह बच्चों का लापता होना स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। बच्चों पर झूठे आरोप भी लगाए जा रहे हैं। बच्चों की निगरानी करना स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। स्वजन ने बच्चों को प्रताड़ित किए जाने की भी आशंका जताई है। पीड़ित स्वजन का कहना है कि हो सकता है कि प्रताड़ना से तंग आकर बच्चे स्कूल छोड़कर भागे हो। एक स्वजन ने बच्चों को किडनैप होने की भी आशंका जताई है। पीड़ित स्वजन ने एकजुट होकर चेतावनी दी है कि बच्चों को तलाश करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन के साथ पुलिस प्रशासन की है। यदि बच्चों को जल्द तलाश कर उन्हें सुपुर्द नहीं किया गया तो एकजुट होकर उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे।
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Hindi News: दैनिक जागरण के 17 जनवरी के अंक में “जिला अस्पताल में ब्लैकलिस्ट एजेंसी को फिर मिला ठेका” शीर्षक से भी समाचार प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि जिला अस्पताल में मानव सेवा प्रबंधन के लिए पूर्व में धोखाधड़ी करने वाली एजेंसी को ही करीब सवा करोड़ रुपये का दोबारा टेंडर देने का मामला प्रकाश में आया है। बुधवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इसकी जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। बीते वर्ष एजेंसी ने एक बैंक की फर्जी गारंटी दिखाकर अस्पताल में ठेका लिया था। जांच के दौरान खुलासा होने पर ठेका रद्द किया गया था।
जनवरी 2024 में जिला अस्पताल प्रबंधन ने मानव संसाधन के लिए जेम्स पोर्टल के जरिए अलीगढ़ की एक एजेंसी को ठेका दिया था। एजेंसी ने करीब 22 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराई थी, लेकिन आवेदन करने वाली अन्य एजेंसियों ने चयनित एजेंसी के खिलाफ शिकायत की। जांच शुरू हुई तो पता चला कि गलत कागजात का उपयोग कर ठेका लिया था। शासन स्तर पर जांच में तथ्य आए कि अलीगढ़ के रामघाट रोड पर एक बैंक के जो कागजात गारंटी के तौर पर जमा किए थे, वो बैंक ने जारी नहीं किए थे। उसके अलावा गारंटी पर बैंक के जो अधिकारियों के हस्ताक्षर थे वो भी उस दिन छुट्टी पर थे और उन्होंने फर्जी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद ठेका निरस्त कर दिया। इसमें ठेका निरस्त होने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक साल बाद फिर उसी एजेंसी को करीब सवा करोड़ रुपये का ठेका देने की बात सामने आई। इसमें 244 एजेंसियों ने आवेदन किया था। ठेका दो साल के लिए है। वहीं, सीएमएस डा. रेनू अग्रवाल ने ब्लैकलिस्ट एजेंसी को दोबारा ठेका देने की जानकारी होने से मना किया। उपमुख्यमंत्री ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
नोएडा हिन्दी खबर, 16 जनवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें
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