Tuesday, 25 March 2025

नोएडा का उद्योगपति बन गया है आस्ट्रेलिया का सबसे अमीर भारतीय

Noida News : नोएडा शहर के रहने वाले एक से बढक़र एक कमाल कर रहे हैं। ऐसा ही कमाल किया है…

नोएडा का उद्योगपति बन गया है आस्ट्रेलिया का सबसे अमीर भारतीय

Noida News : नोएडा शहर के रहने वाले एक से बढक़र एक कमाल कर रहे हैं। ऐसा ही कमाल किया है नोएडा के एक उद्योगपति ने। नोएडा शहर से अपने उद्योग की शुरूआत करने वाला उद्योगपति आज आस्ट्रेलिया जैसे देश का सबसे अमीर भारतीय बन गया है। इतना ही नहीं नोएडा के इस खास उद्योगपति ने दुनिया भर के अमीरों में भी अपना नाम दर्ज कराया है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में नोएडा के इस उद्योगपति का नाम 713वें स्थान पर स्थापित हो चुका है।

आप भी जान लीजिए नोएडा के सफलतम उद्योगति को

नोएडा से अपने उद्योग की शुरूआत करके दुनिया भर में नोएडा तथा भारत देश का नाम रोशन करने वाले उद्योगपति का नाम विवेक चांद सहगल है। विवेक चांद सहगल (Vivek Chaand Sehgal) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। विवेक चांद सहगल भारत की प्रसिद्ध कंपनी मदरसन सुमी सिस्टम लि0 (Motherson Sumi System Ltd) के मालिक हैं। अपनी माताजी के साथ छोटी सी पूंजी से कारोबार शुरू करने वाले विवेक चांद सहगल की भारतीय कंपनी का कारोबार पूरी दुनिया में फैल चुका है। यहां हम विवेक चांद सहगल की कामयाबी का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

मदरसन ग्रुप के मालिक विवेक चंद सहगल (Vivek Chaand Sehgal) का नाम आज दुनिया के पूंजीपतियों की लिस्‍ट में शामिल है। दुनिया के अमीरों की सूची में उनका नाम 713वें स्थान पर है। विवेक चांद सहगल आस्‍ट्रेलिया के सबसे अमीर भारतवंशी हैं। उनकी कंपनी दुनिया भर में मदरसन सुमी सिस्टम लि0 के नाम से प्रसिद्ध है। मदरसन कंपनी बीएमडब्‍ल्‍यू, मर्सिडीज, टोयोटा, फॉक्‍सवैगन और फोर्ड जैसी कंपनियों के लिए पार्ट्स बनाती है। ऐसा नहीं है कि विवेक चांद सहगल को यह बिजनेस विरासत में मिला था। उनके दादा जौहरी थे। चांद सहगल ने अपनी मां के साथ मिलकर चांदी की ट्रेडिंग शुरू की और फिर कई और बिजनेस में अपने पांव पसार लिए। आज मदसरसन ग्रुप सालाना 1,05,600 करोड़ रुपये का राजस्‍व अर्जित करता है। फोर्ब्‍स के अनुसार, विवेक सहगल की नेट वर्थ (Vivek Chaand Sehgal Net Worth) 40,967 करोड़ रुपये है।

विवेक चंद सहगल का जन्म 1 फरवरी, 1957 को दिल्ली में एक जौहरी के परिवार में हुआ था। उन्‍होंने स्कूली शिक्षा पिलानी के बिड़ला पब्लिक स्कूल से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढाई पूरी करने के बाद सहगल चांदी का व्‍यापार करने लगे। उन्‍होंने 1970 में एक किलोग्राम चांदी से से अपनी व्‍यापारिक यात्रा शुरू की। कुछ समय तक वो छोटे स्‍तर पर सिल्‍वर ट्रेडिंग करते रहे। इससे उन्‍हें हर महीने लगभग 2,500 रुपये की कमाई होती थी।  चांदी का फुटकर व्‍यापार करते हुए सहगल भांप गए कि इस धंधे को अगर बड़े लेवल पर किया जाए तो अच्‍छी कमाई हो सकती है।

1971 में उन्‍होंने अपनी मां श्रीमति स्‍वर्ण लता के साथ मिलकर चांदी की ट्रेडिंग बड़े पैमाने पर शुरू कर दी। 1975 में अपनी मां के साथ ही मिलकर उन्‍होंने मदरसन कंपनी की नींव रखी। कुछ साल ठीक-ठाक काम चलने के बाद चांदी के व्‍यापार में मंदी आनी शुरू हो गई। विवेक चंद सहगल ने चांदी की ट्रेडिंग की एक बड़ी फर्म के दिवालिया होने पर चांदी से व्‍यापार से निकलना ही उचित समझा। उन्‍होंने ऑटो पार्ट्स बनाने शुरू किए। कुछ समय बाद ही उन्‍होंने जापान की सुमिटोमो इलेक्ट्रिक के साथ सांझेदारी की और मदरसन सुमी की नीवं रखी. इसके बाद तो सहगल ने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। उन्‍होंने कई कंपनियों का अधिग्रहण भी किया और भारत में ऑटो पार्ट्स के बड़े निर्माता बन गए।

कमाल की प्रगति की है नोएडा के इस उद्योगपति ने

सपना बड़ा हो और किस्मत भी साथ दे तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसे ही असंभव को संभव कर देने वाले उद्योगपति की कहानी है नोएडा के प्रसिद्घ उद्योग समूह मदरसन के मालिक चांद सहगल की कहानी। नोएडा से शुरू हुआ उनका कारोबार आज पूरी दुनिया में फैला हुआ है। उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर के सेक्टर 1 से शुरू हुए कारोबार ने पूरी दुनिया में नाम फैलाया है।

उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में मदरसन सुमी सिस्टम लिमिटेड (Motherson Sumi System Ltd) सबसे बड़ा समूह है। अकेले नोएडा शहर में इस समूह की एक दर्जन से अधिक फैक्ट्री स्थापित हैं। यह समूह अपने ऑटो पार्टस यानि विभिन्न प्रकार के वाहनों के कल पुर्जे (ऑटो पार्टस) बनाने का काम करता है। पिता स्व. के. एल. सहगल व माता स्व. स्वर्णलता सहगल के पुत्र विवेक सहगल ने अपनी माताजी के साथ एक छोटे से कमरे में चांदी का कारोबार शुरू किया था।

चांदी के कारोबार में घाटा होने के कारण उस कारोबार को छोड़कर ऑटो पार्टस बनाने का काम शुरू किया। 52 वर्ष के इतिहास में ऑटो पार्टस के कारोबार में विवेक चांद सहगल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है। माता जी व पुत्र ने मिलकर कारोबार शुरू किया था इसी कारण कंपनी का नाम मदरसन (Motherson) रखा गया। मदरसन सुमी सिस्टम लिमिटेड आज दुनिया की प्रसिद्ध ऑटो पार्टस कंपनी है। इसी कंपनी ने चांद सहगल को दुनिया के प्रमुख अरबपतियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

मदरसन कम्पनी के हैं दो लाख कर्मचारी

यहां यह भी बताना जरुरी है कि एक छोटे से कमरे में शुरू की मदरसन कंपनी में आज 164899 कर्मचारी काम करते हैं। वरिष्ठ प्रबंधकों को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या दो लाख कर्मचारियों से ऊपर बैठती है। मारुति से लेकर मसर्डीज कारों तक के ऑटो पार्टस बनाने वाली मदरसन सुमी सिस्टम लिमिटेड का मुख्यालय नोएडा शहर में है। इस कंपनी के सीईओ की जिम्मेदारी वीसी सहगल संभाल रहे हैं। इस प्रकार आप समझ गए होंगे कि भारत का यह चांद बेटा कैसे पूरी दुनिया को रोशन करने का काम कर रहा है।

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