बरेली में मौलाना तौकीर के करीबी की मार्केट पर गरजा बुलडोजर

कार्रवाई 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद कड़ी प्रशासनिक निगरानी के बीच की गई। बवाल का मुख्य आरोप मौलाना तौकीर रजा पर है, जो फिलहाल फतेहगढ़ जेल में बंद हैं। अब उनके करीबियों पर भी नकेल कसने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

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पुलिस फोर्स, बुलडोजर और तीकीर रजा
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar22 Nov 2025 02:36 PM
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बरेली में शनिवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा के करीबी कॉलोनाइजर मोहम्मद आरिफ की दो संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया। यह कार्रवाई 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद कड़ी प्रशासनिक निगरानी के बीच की गई। बवाल का मुख्य आरोप मौलाना तौकीर रजा पर है, जो फिलहाल फतेहगढ़ जेल में बंद हैं। अब उनके करीबियों पर भी नकेल कसने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

सुबह 11 बजे शुरू हुई कार्रवाई, इलाके को घेर लिया गया

शनिवार सुबह करीब 11 बजे बरेली विकास प्राधिकरण की टीम बड़ी मशीनरी और स्टाफ के साथ पीलीभीत बाईपास रोड और जगतपुर क्षेत्र में पहुंची। कार्रवाई शुरू करने से पहले बारादरी थाना पुलिस ने पूरे इलाके को चारों ओर से घेरकर सुरक्षा सुनिश्चित कर ली। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने माइक्रोफोन से लोगों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे मौके से दूर रहें ताकि किसी तरह का तनाव या अव्यवस्था न फैले। आसपास के थानों से भी अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई थी। पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस तैनाती की गई।दो मंजिला मार्केट और कपड़ों के शोरूम को घोषित किया गया अवैधबीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए. मनिकंडन के अनुसार, आरिफ ने जगतपुर में दो मंजिला मार्केट और पीलीभीत बाईपास पर कपड़ों का बड़ा शोरूम बिना नक्शा स्वीकृत कराए बनवा रखे थे। परिसर के अंदर जिम, होम डेकोर सेंटर और कई अन्य दुकानों का संचालन भी चल रहा था। जांच के बाद इन निमार्णों को अवैध पाया गया। इसी आधार पर बीडीए ने 11 अक्टूबर को दोनों परिसरों को सील कर दिया था।

बुलडोजर ने गिराईं 15 दुकानें और दो बड़े शोरूमशनिवार को बीडीए टीम ने अवैध परिसर के पीछे के हिस्से से ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया। जेसीबी की लगातार चोटें पड़ते ही दीवारें एक-एक कर ढहने लगीं। कुल 15 दुकानें और दो बड़े शोरूम जमींदोज किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मौके पर बड़ी संख्या में लोग भीड़ के रूप में जमा हो गए, जिसे पुलिस नियंत्रित करती रही।

दुकानों को 30-30 लाख में बेचने का आरोप, लाखों का नुकसान

जगतपुर मार्केट के संबंध में खुलासा हुआ कि लगभग तीन साल पहले आरिफ ने अवैध दो मंजिला मार्केट बनवाया और कई दुकानों को 30-30 लाख रुपये में बेचा। जो दुकानें नहीं बिकीं, उन्हें किराये पर उठा दिया गया। किरायेदारों से 8-9 हजार रुपये प्रतिमाह किराया वसूला जाता था 11 अक्टूबर को सीलिंग के दौरान दुकानदारों ने शिकायत की थी कि उन्हें सामान निकालने का मौका भी नहीं दिया गया, जबकि उन्होंने दुकानें खरीदी थीं।

पीलीभीत रोड पर फर्नीचर शोरूम भी अवैध

आरिफ की दूसरी संपत्ति पीलीभीत रोड पर बनी है, जिसके भूतल पर जाहिद हुसैन की फर्नीचर की दुकान है। यह भवन 7-8 साल पुराना बताया गया और इसका भी कोई मानचित्र अथवा रिकॉर्ड बीडीए के पास उपलब्ध नहीं था। शनिवार को प्रशासन ने यहाँ भी बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी।

यातायात रोक दिया गया, बिजली सप्लाई भी बंद

ध्वस्तीकरण के दौरान सुरक्षा कारणों से पीलीभीत रोड का यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया। आसपास की बिजली सप्लाई एहतियातन काट दी गई। ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या खतरे से बचा जा सके। बरेली में शनिवार की कार्रवाई को प्रशासन की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई माना जा रहा है। तौकीर रजा के जेल जाने के बाद अब उनके नेटवर्क के लोगों पर भी कठोर कदम उठने शुरू हो गए हैं। बीडीए और पुलिस का यह संयुक्त एक्शन यह साफ करता है कि अवैध निर्माण और अवैध कमाई पर प्रशासन अब किसी भी प्रकार की रियायत नहीं देगा।




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सीएम योगी ने संगम पर की पूजा, तैयारियों का लिया जायजा

संगम के मध्य एक फ्लोटिंग जेटी (तैरता हुआ घाट) तैयार किया गया था, जिससे श्रद्धालुओं और मुख्यमंत्री के लिए गंगा पूजन एवं स्नान की प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा न आए।

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सीएम योगी संगम में पूजा करते हुए
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar01 Dec 2025 11:36 PM
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पवित्र संगम नगरी प्रयागराज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संगम पर गंगा पूजन कर प्रदेश की समृद्धि और जनता की मंगलकामना की। इसके साथ ही उन्होंने आगामी माघ मेले की तैयारियों का विस्तृत निरीक्षण किया और अधिकारियों से व्यवस्था संबंधी जानकारी ली।

संगम तट पर विशेष पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री योगी सुबह 10:30 बजे प्रयागराज पहुंचे। उनके आगमन पर प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। संगम के मध्य एक फ्लोटिंग जेटी (तैरता हुआ घाट) तैयार किया गया था, जिससे श्रद्धालुओं और मुख्यमंत्री के लिए गंगा पूजन एवं स्नान की प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा न आए। सीएम योगी ने यहां परंपरागत विधि-विधान से पूजा की और प्रदेश की खुशहाली, शांति और जनकल्याण के लिए प्रार्थना की।

माघ मेला तैयारियों की गहन समीक्षा

पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री ने माघ मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर निम्न बिंदुओं पर विशेष रूप से निर्देश दिए। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने पर जोर दिया। मेला परिसर में स्वच्छता और सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यातायात एवं भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं के लिए शौचालय, जलापूर्ति, चिकित्सा सुविधाएं, प्रकाश व्यवस्था और अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी प्रकार की लापरवाही न होने की सख्त हिदायत दी गई है। सीएम योगी ने कहा कि माघ मेला उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का एक महत्वपूर्ण पर्व है, इसलिए इसे भव्य और सुगठित तरीके से संपन्न कराना सरकार की प्राथमिकता है।

हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल

प्रयागराज प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विधायक हर्षवर्धन वाजपेई के आवास पर भी पहुंचे। यहां उन्होंने पवनसुत हनुमान जी की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लिया। इस धार्मिक समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में स्थानीय भक्तों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री के आगमन से वातावरण उल्लास और भक्ति से भर उठा।

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उत्तर प्रदेश के बांके बिहारी में जगमोहन से ‘नो दर्शन’, विरोध में गोस्वामी समाज

इस पूरे निर्णय को लेकर गोस्वामी समाज ने कड़ा एतराज जताते हुए हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी पर मनमानी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की निगरानी में बनी कमेटी को ऐसे फैसले लेने से पहले परंपरागत सेवादारों और गोस्वामी समाज से विस्तृत बातचीत करनी चाहिए थी।

उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित विश्वप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित विश्वप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar22 Nov 2025 12:56 PM
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उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित विश्वप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों के दर्शन को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के नाम पर मंदिर के जगमोहन हिस्से से दर्शन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में धार्मिक हलकों से लेकर गोस्वामी समाज तक में नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है।

भीड़ और सुरक्षा का हवाला देकर आदेश

जानकारी के मुताबिक, ठाकुर बांके बिहारी हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मथुरा में आयोजित की गई थी। बैठक के अगले ही दिन, 21 नवंबर को कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य मंदिर पहुंचे और मौके की स्थिति का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि मंदिर के अंदर जगमोहन क्षेत्र में पुरुष, महिलाएं और बच्चे सीड़ियों पर खड़े होकर दर्शन कर रहे थे। इतना ही नहीं, कुछ लोग जगमोहन में लगे बैरिकेड्स पर बच्चों को उठाकर खड़ा कर देते थे, जिससे न सिर्फ व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो रही थी बल्कि किसी बड़े हादसे की आशंका भी बढ़ गई थी। इसी पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश की इस हाई प्रोफाइल धार्मिक स्थली के लिए कमेटी ने सख्त निर्णय लेते हुए जगमोहन से होने वाले दर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया।

22 नवंबर से जगमोहन में प्रवेश प्रतिबंधित

कमेटी के ताज़ा आदेश के मुताबिक, 22 नवंबर से किसी भी श्रद्धालु को जगमोहन में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यानी अब भक्त इस हिस्से से खड़े होकर ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन नहीं कर पाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े चंदन स्थान की ओर जाने वाले मार्ग पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, मंदिर के अंदर स्थित गणेश मंदिर का ताला खोल दिया गया है, लेकिन यहां कोई सेवादार तैनात नहीं किया जाएगा। गणेश मंदिर में केवल दानपत्र रखा जाएगा, जहां भक्त अपनी श्रद्धानुसार दान डाल सकेंगे।

इस पूरे निर्णय को लेकर गोस्वामी समाज ने कड़ा एतराज जताते हुए हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी पर मनमानी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की निगरानी में बनी कमेटी को ऐसे फैसले लेने से पहले परंपरागत सेवादारों और गोस्वामी समाज से विस्तृत बातचीत करनी चाहिए थी।

क्या है जगमोहन? समझिए आसान भाषा में

उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की संरचना अपने आप में बेहद खास मानी जाती है। यहां गर्भगृह वह स्थान है, जहां ठाकुर जी की मूर्ति विराजमान है, जबकि आम श्रद्धालुओं के खड़े होकर दर्शन करने की जगह को ‘जगमोहन’ कहा जाता है। जगमोहन दरअसल गर्भगृह और भक्तों के बीच का वह मुख्य स्थल है, जहां विशेष अवसरों पर भीड़ सबसे ज्यादा उमड़ती है। वर्षों से भक्त यहीं खड़े होकर ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करते आए हैं। अब हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी के ताज़ा आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन व्यवस्था का यह महत्वपूर्ण हिस्सा काफी बदल चुका है।

बेहतर व्यवस्था या परंपरा पर सवाल?

एक तरफ कमेटी का तर्क है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य से आने वाले भारी भक्त-समूह को देखते हुए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। भीड़ नियंत्रण, भगदड़ की आशंका और बच्चों की सुरक्षा जैसे मुद्दों को आधार बनाकर ही जगमोहन में प्रवेश और सीढ़ियों से दर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। दूसरी तरफ, गोस्वामी समाज और पारंपरिक सेवादारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से जुड़े इस मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं को बिना संवाद के बदलना उचित नहीं है। उनका मानना है कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना ज़रूरी है, लेकिन इसके लिए ऐसे रास्ते भी निकाले जा सकते थे, जिनसे भावनाएं आहत न हों।

लगातार बैठकों के बीच जारी है विवाद

हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी पिछले कुछ समय से बांके बिहारी मंदिर में व्यवस्था सुधार के लिए लगातार बैठकें कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन और न्यायिक निर्देशों की पृष्ठभूमि में मंदिर की भीड़ प्रबंधन नीति को बार–बार अपडेट किया जा रहा है। हालांकि, ताज़ा आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की परंपरागत शैली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अब नज़रें इस पर टिकी हैं कि उत्तर प्रदेश के इस प्रमुख तीर्थस्थल में बढ़ती नाराज़गी के बीच क्या कमेटी अपने फैसले में किसी प्रकार की नरमी दिखाती है, या फिर सुरक्षा के नाम पर यह सख्ती आगे भी जारी रहेगी।