Thursday, 26 December 2024

चुनाव से पहले संगठन को मजबूत कर रहीं मायावती

Uttar Pradesh News: लोकसभा चुवान को लेकर राजनीतिक पार्टियों में मंथन और तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में…

चुनाव से पहले संगठन को मजबूत कर रहीं मायावती

Uttar Pradesh News: लोकसभा चुवान को लेकर राजनीतिक पार्टियों में मंथन और तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर धीरे-धीरे अपना रुख साफ कर रही हैं। मायावती ने रविवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक कानून के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई है। सभी पार्टियों का एक संयुक्‍त संगठन के गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर जोर है। लेकिन बीते दिनों मायावती द्वारा जारी बयान के मुताबिक, बसपा विपक्ष के इंडिया एलाइंस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सहयोग लिए बिना ही चुनाव लड़ेगी। मायावती की ओर से कहा गया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके बसपा को उतना लाभ नहीं हुआ, जितने की उम्मीद की जा रही थी। इसलिए अब चुनाव में मायावती बिना गठबंधन के उतरेंगी।

यूपी और यूके के वरिष्ठ पदाधिकारी हुए शामिल

चुनावों के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा सभी जिला अध्यक्षों की एक विशेष बैठक को सम्बोधित किया। इसमें खासकर आगामी लोकसभा आम चुनाव 2024 की जमीनी तैयारियों की समीक्षा की गई। इस सम्बन्ध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए। मीटिंग को लेकर बसपा से जुड़े सूत्र ने बताया कि मायावती का इस बैठक में सीधा निर्देश था कि ना ही एनडीए और ना ही इंडिया, किसी भी गठबंधन के साथ हम नहीं जा रहे हैं। अकेले अपने दम पर काडर वोट को साथ लेते हुए बहुजन समाज पार्टी मैदान में उतरेगी। इसके अलावा कांशीराम की ओर से जो मिशन शुरू किया गया था, उस पर पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को साथ जोड़ते हुए पार्टी आगे बढ़ेगी।

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गठबंधन की चर्चाओं पर मायावती ने लगा दिया था विराम

बता दें कि इससे पहले मायावती ने कहा था कि जब भी बसपा यूपी में किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है, तो उसके वोट साझेदार को स्थानांतरित हो जाते हैं, लेकिन उस साझेदार का वोट उसको नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ता है। इसलिए पूर्व में हुए अनुभव को देखते हुए हमने अगले साल संसदीय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं से ‘सर्व समाज’ के बीच आधार बढ़ाने के लिए गांवों में छोटी कैडर-आधारित बैठकें आयोजित करके संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने को कहा है। ताकि पार्टी की पहुंच दूर दराज गांवों के घर-घर तक हो सके।

 

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