Jammu and Kashmir : एक मासूम बच्ची ने पीएम मोदी से की भावुक अपील, कहा गंदा है स्कूल

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Jammu and Kashmir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:55 PM
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Jammu and Kashmir :  सोशल मीडिया पर एक मासूम बच्ची की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई भावुक अपील खूब वायरल हो रही है। बच्ची ने अपने स्कूल की दुर्दशा की कहानी प्रधानमंत्री को बताते हुए कहा है कि स्कूल गंदा है और हमें फर्श पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। साथ ही स्कूल की इमारत भी जर्जर है।

Jammu and Kashmir

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो जम्मू कश्मीर के कठुआ के लोहिया मल्हार गांव का है। यहां की सीरत नाज वीडियो में बता रही हैं कि हमें कैसे गंदे फर्श पर बैठकर पढ़ना पड़ता है।

बच्ची वीडियो में सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी के उनका हालचाल पूछती है और फिर अपना नाम बताती है. सीरत कहती है - पीएम मोदी जी मुझे आपसे एक बात कहनी है। मैं यहां जम्मू में सरकारी स्कूल में पढ़ती हूं जिसकी हालत बहुत खराब है। इसके बाद वह कैमरा घुमा कर अपना स्कूल दिखाती है। वह कहती है ये सामने प्रिंसिपल रूम और स्टाफ रूम है और देखिए ये फर्श कितना गंदा और खराब है। हमें यहीं बैठाकर पढ़ाया जाता है।

https://twitter.com/factual_dogra/status/1641750402902401024?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1641750402902401024%7Ctwgr%5Eeaea44338d436a823821324189097cbdb8ebfc39%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Ftrending%2Fstory%2Fjammu-kashmir-kathua-girl-in-video-asks-pm-narendra-modi-to-repair-her-school-social-media-tstm-1674571-2023-04-14

सीरत नाज कैमरा लेकर आगे बढ़ती है और कहती है चलिए मैं आपको स्कूल की बड़ी सी बिल्डिंग दिखाती हूं। वह कैमरा घुमाती है तो दिखता है कि स्कूल में निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। वह कहती है कि ये देखिए पिछले 5 सालों से कितनी गंदी बिल्डिंग है यहां पर, चलिए मैं अंदर से दिखाती हूं। इसके बाद वह एक गंदा फर्श दिखाती है और कहती है- हम इसी पर बैठकर पढ़ते हैं।

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Delhi News : आबकारी नीति मामले में झूठे सबूतों से अदालत को गुमराह कर रहा ईडी : केजरीवाल

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Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:51 PM
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Delhi News : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर आबकारी नीति मामले में अदालत को झूठे सबूतों से गुमराह करने का आरोप लगाया। दिल्ली विधानसभा में आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से मुखातिब केजरीवाल ने कहा, “ईडी लोगों को प्रताड़ित करके और उन पर दबाव बनाकर झूठे बयान ले रही है। संजय सिंह के मामले में भी यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने अलग बयान दिया और ईडी ने आरोपपत्र में कुछ और लिखा।”

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मुख्यमंत्री ने ईडी द्वारा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर लगाए गए मोबाइल फोन नष्ट करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि ईडी ने दावा किया है कि सिसोदिया ने अपने मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे, लेकिन इनमें से कई फोन जांच एजेंसी के पास हैं। केजरीवाल ने कहा, “ईडी अदालत को झूठे सबूतों से गुमराह कर रही है, लोगों को प्रताड़ित कर रही है और झूठे बयान ले रही है। इस पूरे मामले में कुछ भी नहीं है। पूरा मामला मनगढ़ंत और झूठे सबूतों पर आधारित है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार डॉ. बी आर आंबेडकर के नक्शेकदम पर चलते हुए शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “आज बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती है, जो भारतीय इतिहास के सबसे चमकते सितारे हैं, जिन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा और जिन्होंने अंतत: भारत का संविधान लिखा।”

उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने अपने जीवन में सबसे बड़ा संदेश यह दिया कि हर किसी को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। और उनके नक्शेकदम पर चलते हुए हम भी शिक्षा को सबसे ज्यादा अहमियत दे रहे हैं। चाहे वह गरीब का बच्चा हो या अमीर का बच्चा, हर किसी को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए।”

ईडी ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा था कि कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार सिसोदिया ने यह दर्शाने के लिए फर्जी ईमेल का सहारा लिया था कि नीति को जनता की स्वीकृति हासिल थी। जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल के समक्ष सिसोदिया की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए यह दलील पेश की थी।

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Scam WFH : सावधान वर्क फ्रॉम होम के नाम पर चल रही बड़ी ठगी

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Work From Home
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:14 AM
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Scam WFH : वर्ष 2020 में कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में लगे लॉक डाउन के बाद वर्क फ्रॉम होम का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। हालांकि लॉक डाउन खुलने के बाद जहां कुछ कंपनियों ने अपने अपने दफ्तर खोलकर कर्मचारियों को कार्य पर बुला लिया, वहीं दूसरी ओर आज ज्यादातर कंपनियां घर से ही काम करा रही है। आज के वक्त में विश्व में ही नहीं भारत में भी कई बड़ी कंपनियों से लेकर छोटी कंपनियां भी घर से ही काम करा रही है। वर्क फ्रॉम होम के इस प्रचलन के बीच साइबर ठग भी पूरी तरह से सक्रिय हुए हैं। यह साइबर ठग वर्क फ्रॉम होम के बहाने लोगोंं के बैंक एकाउंट खाली करने का काम कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी किए जाने के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं।

Scam WFH

Work From Home स्कैम के शिकार

प्रयागराज के रहने वाले एक इंजीनियर की नौकरी चली जाने के बाद उसने नए सिरे से नौकरी की तलाश की और कई जॉब पार्टल पर अपना रिज्यूम सेंड किया। एक दिन उसे WhatsApp पर मैसेज आता है। मैसेज एक जॉब प्रपोजल का था। इसमें कहा जाता है कि Concentrix नाम की एक कंपनी में वैकेंसी है और इसके लिए उसका CV शॉर्टलिस्ट किया गया है। इसके बाद सिर्फ़ दो दिन के अंदर उसके साथ 3.5 लाख की ठगी हो गई। इसी तरह UP के और शख्स के साथ 40 लाख रुपये की ठगी हो गई। उसके पास इतने पैसे थे भी नहीं, लेकिन दोस्तों से क़र्ज़ लेकर उसने ख़ुद स्कैमर्स को पैसे ट्रांसफ़र कर दिए।

कैसे काम करते हैं धोखेबाज

वर्क फ्राम होम के तहत कुछ ठगबाज लोगों को झांसा देते हैं कि घर पर रहकर रोजाना लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि एकाउंट को फॉलो और लाइक करने पर आपको पैसा मिलेगा। एकाउंट लाइक और फॉलो करने के काम को इस तरीके से बताया गया जैसे ये काम कंपनी के ग्रोथ के लिए काफी जरूरी है। बिल्कुल प्रोफेशनल तरीके से मैसेज ड्राफ्ट करके भेजे जाते हैं। हर दिन 20 अकाउंट फॉलो करने और पोस्ट लाइक करने के लिए कहा जाता है। कई बार फर्जी ID Card भी भेजा जाता है ताकि लोग आसानी से झांसे में आ जाएं।

कंपनी को एक को इंप्लॉइ की ज़रूरत है जो हमें अपने कस्टमर के पेजेज को फ़ॉलो करने में मदद करे। डेली बेसिस पर एक्स्ट्रा इनकम के लिए आप इसे ज्वाइन कर सकते हैं। पेमेंट के लिए आपको एक टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन कराया जाएगा, जहां डेली 20 से 25 टास्क दिए जाएंगे और हर टास्क के लिए 70 रुपये मिलेंगे।

टास्क के तौर पर हर दिन अलग अलग लोगों और पेज के इंस्टा हैंडल दिए जाते हैं। इन्हें फ़ॉलो करके स्क्रीनशॉट सेंड करना होता है। इसके बाद पेमेंट के तौर पर हर दिन अकाउंट में पैसे आने शुरू हो जाते हैं। यहां से ट्रस्ट बिल्ड करने का पूरा खेल शुरू हो जाता है।

पहले भरोसा जीतते हैं स्कैमर्स...

पार्ट टाइम जॉब बता कर कहा जाता है कि दिन के 20-30 इंस्टा हैंडल और यूट्यूब वीडियो लाइक करने हैं जिसके लिए पैसे मिलेंगे। शाम तक स्कैमर्स उनके बैंक अकाउंट में पैसे डाल देते हैं। पैसे मिलने के बाद लोगों को भरोसा हो जाता है कि ये काम सही है। यहीं से शुरू होता है स्कैमर्स का असली काम। ठग पूरे दिन अलग अलग अकाउंट का हैंडल भेजते हैं और ये उन्हें अपने अकाउंट से फ़ॉलो करते हैं। इसी तरह YouTube वीडियो लाइक करने का भी टास्क होता है।

टास्क पूरा होते ही स्कैमर्स विक्टिम के बैंक अकाउंट में पैसे भेज देते हैं। इसके बाद विक्टिम्स को टेलीग्राम ग्रुप में ऐड किया जाता है जिसमें कुछ लोग पहले से होते हैं। ग्रुप में ऐड करने के बाद बताया जाता है कि आपको अगर और पैसे कमाने हैं तो कुछ टास्क दिए जाएंगे जिन्हें ग्रुप के साथ मिल कर कंप्लीट करना है। चूँकि उस ग्रुप में पहले से काफ़ी लोग होते हैं, इस वजह से विक्टिम को आसानी से भरोसा भी हो जाता है। दूसरी बात ये भी कि विक्टिम के अकाउंट में हर दिन कुछ पैसे स्कैमर्स भेजते रहते हैं, ताकि विक्टिम्स का भरोसा बना रहे।

दूसरा टास्क... अब दूसरे टास्क के तौर पर Telegram ग्रुप का एडमिन एक लंबा चौड़ा मैसेज सेंड करता है जो देखने में प्रोफेशनल लगता है। यहाँ ट्रेडिंग के कुछ स्टेप्स लिखे होते हैं और बताया जाता है कि कुछ रकम डालने से उसका कुछ परसेंट इंसेटिव के तौर पर मिलेगा। दरअसल, ये पूरा स्टेप सिर्फ़ इसलिए डिज़ाइन किया गया होता है ताकि लोगों को ऐसा लगे कि वो सही में ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म पर क्रिप्टो की ट्रेडिंग कर रहे हैं।

टेलीग्राम के उस ग्रुप का सुपरवाइजर एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म जैसी दिखने वाली वेबसाइट पर विक्टिम का अकाउंट बना कर देता है। लिंक क्लिक करके यूजरनेम पासवर्ड डालने पर एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म ओपन होता है। यहां Bitcoin, Eherium जैसे क्वाइन्स की ट्रेडिंग और ग्राफ दिखते हैं। ये पूरा प्लैटफॉर्म उनका ही बनाया हुआ एक मायाजाल जैसा होता है जो अपने आप में एक फ्रॉड है। यहाँ उनका नाम और डिटेल्स होते हैं। साथ ही यहाँ ट्रेडिंग जैसा दिखने वाला इंटरफ़ेस होता है और एक वर्चुअल वॉलेट होता है।

क्या होता है वर्क फ्रॉम होम

वर्क फ्रॉम होम के तहत आप जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, उस कंपनी के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है। जो काम आप कंपनी के आफिस में बैठकर करते थे, वही काम घर पर रहकर किया जाता है। कार्य करने का समय कंपनी के नियमों के अनुसार तय होता है।

Scam WFH - वर्क फ्रॉम होम का प्रचलन क्यों बढ़ा

कोरोना वायरस के कारण लगे विश्व व्यापी लॉकडाउन के बाद यह प्रचलन बढ़ा। लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए​ कि दो गज की दूरी और कम भीड़ में ही कंपनियां काम करा सकती है। ऐसे में यदि कंपनी का दफ्तर खोलकर काम कराया जाता तो कोविड के नियमों का पालन नहीं होता है। जिस पर कंपनियों ने घर से ही कार्य कराना शुरु कर दिया। इसका फायदा यह हुआ कि जो कंपनी महंगे किराये के दफ्तरों में चलती थी, उन कंपनियों पर आफिस रेंट का बोझ कम हो गया और वह एक छोटे से आफिस से ही काम करने लगी। बाकी काम उनके कर्मचारी घर से ही करते रहे। Scam WFH

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