विश्व कप फाइनल मैच: 13वें विश्व कप के फाइनल में आज मेजबान भारत का मुक़ाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ। ये फाइनल मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले भारत को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। भारत ने पहले खेलते हुए 240 रनों का स्कोर खड़ा किया। 241 रनों के स्कोर का पीछा करने उतरी कंगारू टीम को शुरुआत में ही झटके लगने शुरू हो गए। लेकिन फिर ट्रेविस हेड ने मार्नस लाबुशेन के साथ शानदार साझेदारी कर टीम को 6 विकेट से जीत दिला दी।
विश्व कप फाइनल मैच: भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए तेज शुरुआत की
विश्व कप फाइनल मैच: इस मैच में पहले खेलने उतरी भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज कप्तान रोहित शर्मा ने अपना वही जाना पहचाना रूप अपनाया। रोहित ने तेजी से खेलते हुए गेंदबाजों की लाइन लेंथ बिगाड़नी शुरू ही करी थी, कि दूसरे छोर से शुभमन गिल स्टार्क का शिकार बन गए। इसके बाद फॉर्म में चल रहे अनुभवी विराट कोहली ने रोहित का अच्छा साथ दिया। इन दोनों ने दबाव में न आते हुए पहले पावर प्ले में तेजी से रन जोड़े।
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फिर भारत को लगे झटके, रनगति हुई कम
पहले पावर प्ले को भारत अपने पक्ष में कर ही रहा था कि ग्लेन मैक्सवेल ने रोहित शर्मा को 47 रनों पर आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया। फिर भारत इस झटके से उबर नहीं सका। अगले ही ओवर में शानदार फॉर्म में चल रहे श्रेयस अय्यर भी पैट कमिंस का शिकार हो गए। फिर केएल राहुल ने विराट के साथ स्थिति को संभालने का प्रयास किया। लेकिन इस कोशिश में भारतीय टीम की रनगति गिर गई।
फिर संभल नहीं सकी टीम इंडिया, बनाया 240 का स्कोर
इसके बाद भारत की उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा, अच्छे फॉर्म में चल रहे विराट भी 54 रन बनाकर दुर्भाग्यवश बोल्ड हो गए। इसके बाद नियमित अंतराल पर भारत के विकेट गिरते रहे। सिर्फ केएल राहुल ही संघर्ष कर सके और आखिरी ओवर में पूरी पारी 240 रनों पर सिमट गई। केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 रन बनाए, वो स्टार्क का शिकार बने। ऑस्ट्रेलिया के लिए स्टार्क ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए, जबकि 2-2 विकेट हेजलवुड और पैट कमिंस के हिस्से आए। वहीं जंपा और ग्लेन मैक्सवेल ने 1-1 विकेट लिया।
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शुरुआती झटकों से चौंका ऑस्ट्रेलिया, विश्व कप फाइनल मैच
241 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया को तेजी से रन बनाने के प्रयास में शुरुआती झटके लगे। उसके एक के बाद एक 3 बल्लेबाज पहले पावर प्ले में चलते बने। पहले दिग्गज डेविड वार्नर, इसके बाद मिचेल मार्श और फिर स्टीव स्मिथ जल्दी-जल्दी आउट हो गए। जिससे कंगारू टीम संकट में नजर आई। बुमराह ने 2 विकेट और मोहम्मद शमी ने 1 विकेट लिया।
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हेड ने संभाला मोर्चा, मार्नस लाबुशेन के साथ मिलकर करी निर्णायक साझेदारी
ओपनर ट्रेविस हेड एक छोर से जमे रहे और 3 विकेट गिरने के बाद भी संयम नहीं खोया। उन्होंने लाजवाब बल्लेबाजी करते हुए इसके बाद बल्लेबाजी के लिए उतरे मार्नस लाबुशेन के साथ बड़ी साझेदारी की। इन दोनों के सामने भारतीय गेंदबाज बेबस नजर आए। दोनों ने मिलकर भारत की मैच में वापसी की संभावनाओं को खारिज कर दिया। इन दोनों ने निर्णायक साझेदारी कर भारत का विजय रथ रोकते हुए ऑस्ट्रेलिया को छठी बार चैम्पियन बना दिया।
ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच 6 विकेट से अपने नाम किया। ट्रेविस हेड ने अंतिम क्षणों में आउट होने से पहले 137 की यादगार पारी खेली। इस हार से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल की यादें ताजा हो गईं, जब इसी साल भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। भारत का अपने घर में चैम्पियन बनने का सपना टूट गया।
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