Assam News : बाल विवाह : असम में गिरफ्तारियों पर दो धड़ों में बंटा नागरिक समाज

Bal
Child marriage : Civil society divided into two factions on arrests in Assam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:58 AM
bookmark
गुवाहाटी। असम में बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में हाल में 3,000 से अधिक व्यक्तियों की गिरफ्तारी ने नागरिक समाज को दो धड़ों में बांट दिया है। एक वर्ग का कहना है कि महज कानून के बल पर इस समस्या को हल नहीं किया जा सकता है, जबकि कुछ का तर्क है कि कम से कम अब कानून पर चर्चा की जा रही है। इससे इस कुरीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

Assam News

असम में बाल विवाह में कथित संलिप्तता के लिए अभी तक 3,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वे अस्थायी जेलों में बंद हैं, जिसके कारण महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं और अपने परिवार के कमाने वाले इकलौते सदस्यों की गिरफ्तारी का विरोध कर रही हैं।

UPGIS 2023 निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाली है यूपी की लॉजिस्टिक नीति: अनुप्रिया पटेल

मानवाधिकार वकील देबस्मिता घोष ने कहा कि एक बार शादी हो जाने के बाद कानून इसे वैध मानता है और ऐसी शादी से हुए बच्चों को सभी कानूनी अधिकार मिलते हैं। उन्होंने कहा कि कानून कहता है कि बाल विवाह तभी अमान्य है, जब वह व्यक्ति जिला अदालत में याचिका दायर करता है जो शादी के वक्त नाबालिग था। अगर याचिकाकर्ता नाबालिग है तो याचिका उसके अभिभावक के जरिए दायर की जा सकती है। घोष ने कहा कि अगर ऐसा व्यक्ति याचिका दायर करता है जो शादी के वक्त नाबालिग था तो यह उस व्यक्ति के बालिग होने के दो साल के भीतर दायर की जानी चाहिए। घोष ने कहा कि ज्यादातर गिरफ्तारियों में दंपति अब वयस्क होंगे और अगर उन्होंने अपनी शादी निरस्त करने क लिए कोई याचिका दायर नहीं की तो सरकार को उनकी निजी जिंदगी में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। प्रख्यात विद्वान मनोरमा शर्मा ने कहा कि बाल विवाह बंद होने चाहिए, लेकिन यह एक सामाजिक बुरायी है, कानून एवं व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है। सेवानिवृत्त प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और आजीविका के साधनों पर ध्यान देकर इसे खत्म किया जा सकता है, न कि अतीत में हो चुकी किसी घटना में कानून लागू करके। इसे भविष्य में सख्ती से लागू किया जा सकता है।

Assam News

बाल अधिकार कार्यकर्ता एम. दास क्वेह ने कहा कि राज्य सरकार निश्चित तौर पर एक मजबूत संदेश देना चाहती है कि बाल विवाह बंद होने चाहिए, लेकिन उसे ऐसी कार्रवाई के बाद होने वाले प्रदर्शनों पर ध्यान देना चाहिए। यूनिवर्सल टीम फॉर सोशल एक्शन एंड हेल्प (उत्साह) के संस्थापक क्वेह ने कहा कि पुलिस जब किसी बाल विवाह को रोकने की कोशिश करती है तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता है। इस मामले में इतने लोगों को गिरफ्तार किया गया तो विरोध तो होना ही था। अभियान की बेहतर तरीके से योजना बनायी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की समस्या को पूरी तरह खत्म करने के लिए एक दीर्घकालीन सतत अभियान की आवश्यकता है।

Global Investors Summit : यमुना प्राधिकरण में 4000 करोड़ की लागत से बनेगा इनोवेशन सेंटर, मिलेगा 20 हजार को रोजगार

सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत कुछ सीमाएं हैं, जिसके तहत एक अदालत किसी अपराधी को दो साल की कैद की सजा सुना सकती है और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा सकती है। क्वेह ने कहा कि कानून के अनुसार अगर लड़की और लड़का दोनों शादी के वक्त नाबालिग थे, लेकिन अब बालिग हैं तो उन्हें सजा नहीं दी जाएगी, बल्कि उनकी शादी कराने वाले वयस्कों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से शादी करने वालों के खिलाफ राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही यह 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों और वयस्कों के बीच यौन कृत्य को अपराध की श्रेणी में डालता है। उन्होंने कहा कि पोक्सो कानून के तहत किसी वयस्क और एक नाबालिग के बीच कोई भी यौन कृत्य दुष्कर्म है। तस्करी तथा धोखे से शादी के मामलों में ही आपराधिक पहलू पर गौर किया जाएगा। असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एएससीपीसीआर) की अध्यक्ष सुनीता चांगकाकोटी ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा सख्त संदेश दिए जाने के बाद अब लोग कानून पर चर्चा कर रहे हैं, जिसकी उनमें से कई लोगों को पहले जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि लोगों को अब मालूम है कि एक कानून के तहत बाल विवाह दंडनीय है। हमने उन जिलों में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जहां बाल विवाह के अधिक मामले आते हैं और प्राधिकारियों से समाज में संदेश देने के लिए कुछ मामले दर्ज करने का कहा है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Tripura Elections : BJP की ‘डबल इंजन’ सरकार ही त्रिपुरा को ‘तिहरी मुसीबत’ से बचा सकती है: शाह

16 10
Tripura Elections 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Feb 2023 09:03 PM
bookmark
Tripura Elections 2023 : चांदीपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि त्रिपुरा आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, माकपा और टिपरा मोथा की "तिहरी मुसीबत" का सामना कर रहा है।

Tripura Elections 2023

शाह ने यह भी कहा कि त्रिपुरा में लंबे समय तक आदिवासियों को धोखा देने वाला वाम दल अब लोगों को ‘‘धोखा’’ देने के लिए एक आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश कर रहा है। उन्होंने यहां उनाकोटी जिले में एक रैली में कहा, ‘‘यदि आप इस ‘तिहरी मुसीबत’ से बचना चाहते हैं तो ‘डबल इंजन’ वाली भाजपा सरकार को वोट दें।’’ जितेंद्र चौधरी माकपा के शीर्ष आदिवासी नेताओं में से एक हैं और त्रिपुरा में वाम-कांग्रेस गठबंधन के सत्ता में आने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। माकपा और कांग्रेस 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को होने वाले चुनाव में मिलकर लड़ रही हैं। शाह ने कहा कि कांग्रेस और वाम दल का एकसाथ आना इस बात का संकेत है कि उन्होंने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हार मान ली है। केंद्रीय मंत्री शाह ने त्रिपुरा में गरीबों के लिए 2025 तक आवास का वादा भी किया।

Maharashtra के राज्यपाल पद से कोश्यारी के इस्तीफे का राकांपा, उद्धव नीत शिवसेना ने स्वागत किया

Delhi : अडाणी मुद्दे को लेकर ‘आप’ ने भाजपा मुख्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

National News : दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए

Dayanand
A large number of people gathered to celebrate the 200th birth anniversary of Dayanand Saraswati
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:04 AM
bookmark
नई दिल्ली। समाज सुधारक दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में सालभर चलने वाले समारोह की शुरुआत के अवसर पर एक कार्यक्रम में भगवा साफा पहने बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में समारोहों का उद्घाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम में जयंती समारोहों के लिए एक ‘लोगो’ का भी अनावरण किया। समारोहों को ‘ज्ञान ज्योति पर्व’ के रूप में मनाया जा रहा है।

National News

भगवा साफा पहने और वैदिक मंत्र लिखे स्कार्फ धारण किये हुए लोगों से स्टेडियम भरा हुआ था। पूरा आयोजन स्थल वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा। स्टेडियम परिसर में समाज सुधारक दयानंद सरस्वती की विरासत और उनके द्वारा स्थापित संस्थानों पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है।

Maharashtra के राज्यपाल पद से कोश्यारी के इस्तीफे का राकांपा, उद्धव नीत शिवसेना ने स्वागत किया

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि 1824 में जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने समय की सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। बयान के अनुसार, आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनवरी में एक बैठक में मोदी ने देशभर के अकादमिक और सांस्कृतिक संस्थानों से महान दूरदृष्टा और समाज सुधारक दयानंद सरस्वती के साथ-साथ आर्य समाज के योगदानों पर अच्छी तरह अध्ययन करने का आह्वान किया था। 2025 में आर्य समाज को अस्तित्व में आए 150 साल पूरे हो जाएंगे। सरस्वती ने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी।

National News

Global Investors Summit : यमुना प्राधिकरण में 4000 करोड़ की लागत से बनेगा इनोवेशन सेंटर, मिलेगा 20 हजार को रोजगार

मोदी पूर्वाह्न करीब 11 बजे आयोजन स्थल पर पहुंचे। मंच पर भारत माता की जय के नारों से उनका स्वागत किया गया। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और अर्जुन राम मेघवाल ने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया। पीएमओ ने शनिवार को जारी बयान में कहा था कि सरकार समाज सुधारकों और महत्वपूर्ण हस्तियों, विशेष रूप से उन लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके योगदानों को अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर उपयुक्त महत्व नहीं दिया गया है। इसमें कहा गया है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने से लेकर श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने तक, प्रधानमंत्री मोदी इस तरह की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।