FINANCIAL News: दिसंबर अंत में राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष का 60 प्रतिशत हुआ

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calendar28 Nov 2025 03:50 PM
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FINANCIAL News: नई दिल्ली। राजस्व संग्रह में सुस्त वृद्धि से दिसंबर के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 59.8 प्रतिशत हो गया। वित्त मंत्रालय ने यह आंकड़ा जारी किया।

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मंत्रालय के मुताबिक, सरकार के राजस्व एवं व्यय के बीच के अंतर को दर्शाने वाला राजकोषीय घाटा वास्तविक संदर्भ में अप्रैल-दिसंबर, 2022 की अवधि में 9,92,976 करोड़ रुपये रहा। यह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 59.8 प्रतिशत है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 16.61 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान बजट में जताया था जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत है। इस घाटे की भरपाई बाजार से कर्ज जुटाकर की जाती है। एक साल पहले की समान अवधि में अप्रैल-दिसंबर के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 50.4 प्रतिशत रहा था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के मुताबिक, 15.55 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कर राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 80.4 प्रतिशत था। एक साल पहले की समान अवधि में यह तत्कालीन बजट अनुमान का 95.4 प्रतिशत था। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में गैर-कर राजस्व 2.14 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 79.5 प्रतिशत है। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 106.7 प्रतिशत था। अप्रैल-दिसंबर के दौरान सरकार का कुल व्यय समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 71.4 प्रतिशत रहा है। यह एक साल पहले की समान अवधि के 72.4 प्रतिशत के बजट अनुमान से कम है। दिसंबर, 2022 के अंत में पूंजी व्यय 4.89 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 65.4 प्रतिशत है। एक साल पहले की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 70.7 प्रतिशत था। सीजीए आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 18.25 लाख करोड़ रुपये रहीं जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 79.9 प्रतिशत हैं। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 89.1 प्रतिशत थी।

NATIONAL: ‘पीएम केयर्स फंड’ सरकारी कोष नहीं:केंद्र

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NATIONAL: ‘पीएम केयर्स फंड’ सरकारी कोष नहीं:केंद्र

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calendar29 Nov 2025 04:21 PM
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NATIONAL: नई दिल्ली। ‘पीएम केयर्स फंड’ एक सरकारी कोष नहीं है क्योंकि इसमें दिया गया दान भारत की संचित निधि में नहीं जाता है और संविधान तथा सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत इसकी चाहे जो भी स्थिति हो, तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी गई।

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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक अवर सचिव द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि ट्रस्ट पारदर्शिता के साथ काम करता है और इसकी निधि का लेखा परीक्षण एक लेखा परीक्षक (ऑडिटर) द्वारा किया जाता है। यह ऑडिटर एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट होता है, जिसे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार पैनल से चुना जाता है। हलफनामे में तर्क दिया गया है कि संविधान और आरटीआई अधिनियम के तहत आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष यानी ‘पीएम केयर्स फंड’ की जो भी स्थिति हो, लेकिन तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा करने की अनुमति नहीं है। हलफनामा एक याचिका के जवाब में दायर किया गया था, जिसमें संविधान के तहत ‘पीएम केयर्स फंड’ को ‘राज्य’ (स्टेट) घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, ताकि इसके कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इसी याचिकाकर्ता ने आरटीआई अधिनियम के तहत ‘पीएम केयर्स फंड’ को ‘‘सार्वजनिक प्राधिकार’’ घोषित करने के लिए एक अन्य याचिका भी दायर की है, जिसकी सुनवाई इस याचिका के साथ हो रही है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल की ओर से दी गई दलीलों को सुना और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के कार्यालय से कहा कि वह मामले में बहस करने के लिए उनकी उपलब्धता के बारे में अदालत को सूचित करें। पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि ‘पीएम केयर्स’ आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत ‘‘सार्वजनिक प्राधिकार’’ नहीं है। उन्होंने कहा, मैं दोहराता हूं कि ‘पीएम केयर्स फंड’ को एक सार्वजनिक परमार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है। यह ट्रस्ट भारत के संविधान या संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी कानून के जरिये सृजित नहीं किया गया है।

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Gujrat News: अहमदाबाद में विस्फोट करने की धमकी देने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

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Gujrat News
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calendar01 Dec 2025 01:05 PM
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Gujrat News: अहमदाबाद। गुजरात पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर अहमदाबाद शहर में सिलसिलेवार विस्फोट करने की कथित धमकी देने वाले 34 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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अहमदाबाद अपराध शाखा की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जांच में पता चला है कि आरोपी आशीष कुमार दुसाध की मंशा एक व्यक्ति को फंसाने की थी, जिसने आशीष को अपनी एक महिला रिश्तेदार से दूर रहने को कहा था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जांच में यह पता चला कि आशीर्ष ने पत्र लिखकर बम विस्फोट करने की धमकी दी थी और पत्र में खुद की पहचान ओम प्रकाश पासवान बताई थी। दरअसल, वह ओम प्रकाश को फंसाना चाहता था। Gujrat News उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले आशीष को गुजरात के खेड़ा जिले के बरेजा गांव से गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 24 जनवरी को अहमदाबाद पुलिस आयुक्त के दफ्तर में एक पत्र मिला, जिसमें गणतंत्र दिवस पर सिलसिलेवार विस्फोट करने की धमकी दी गई थी। पुलिस ने कहा कि यह पत्र हस्तलिखित था और पत्र भेजने वाले ने अपनी पहचान ओम प्रकाश पासवान के तौर पर बताई थी तथा उसमें फोन नंबर भी दिया गया था।

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