धर्मांतरण पर विहिप की चेतावनी, मंदिर-दान के उपयोग पर भी उठाए सवाल
संगठन पदाधिकारियों के मुताबिक 17 दिसंबर से शुरू होने वाली मुख्य बैठक में देशभर से करीब 450 प्रन्यासी और कार्यकर्ता हस्तिनापुर पहुंचेंगे, जहां आगामी रणनीति और सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

UP News : उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के ऐतिहासिक हस्तिनापुर में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की वार्षिक प्रन्यासी मंडल बैठक से पहले मंगलवार को प्रबंध समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई। संगठन ने संकेत दिए कि इस बार विमर्श का फोकस सिर्फ संगठनात्मक फैसलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित देशभर में चर्चा में रहे मुद्दों धर्मांतरण, मंदिरों की संपत्तियों/दानराशि के उपयोग में पारदर्शिता और “अल्पसंख्यक” की परिभाषा पर भी मंथन होगा। विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा कि धर्मांतरण से जुड़ी चुनौतियों पर गंभीर विचार जरूरी है और मंदिरों के दान का उपयोग “धर्महित” के अनुरूप, स्पष्ट नीति व जवाबदेही के साथ होना चाहिए। बैठक में विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की मौजूदगी ने चर्चा को और वजन दिया। संगठन पदाधिकारियों के मुताबिक 17 दिसंबर से शुरू होने वाली मुख्य बैठक में देशभर से करीब 450 प्रन्यासी और कार्यकर्ता हस्तिनापुर पहुंचेंगे, जहां आगामी रणनीति और सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
मंदिर-दान और संस्थानों में उपयोग पर सवाल
बातचीत के दौरान विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने एक उदाहरण पेश करते हुए दावा किया कि श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से जुड़े एक मेडिकल कॉलेज में छात्र-चयन के अनुपात को लेकर सवाल उठते हैं। उनका कहना था कि जिस ढांचे को देशभर और खासकर उत्तर प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं सहित हिन्दू भक्तों की आस्था और दान से बल मिलता है, वहां संसाधनों के इस्तेमाल में पारदर्शिता और उद्देश्य की स्पष्टता होना जरूरी है। बांगड़ा ने जोर देकर कहा कि दानराशि और संस्थागत सुविधाओं का उपयोग “धर्महित” और “हिन्दू हित” के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर नीति-आधारित विमर्श किया जाना चाहिए।
“अल्पसंख्यक” की परिभाषा पर पुनर्विचार की मांग
विहिप के केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और विशेष अधिकारों को लेकर समय-समय पर व्यापक विमर्श होता रहा है, लेकिन उनके मुताबिक कुछ मामलों में इन प्रावधानों की व्याख्या और लागू करने के तरीके पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने दावा किया कि कहीं-कहीं “गलत विवेचना” या “दुरुपयोग” जैसी स्थितियां भी उभरती हैं, जिससे व्यवस्था में असंतुलन की आशंका पैदा होती है। इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राष्ट्र स्तर पर “अल्पसंख्यक” की परिभाषा पर दोबारा गंभीरता से विचार किया जाए, ताकि अधिकारों और जिम्मेदारियों का ढांचा अधिक स्पष्ट, संतुलित और न्यायोचित बन सके।
“जिहाद” और आतंकवाद पर संगठन का दावा
बजरंग लाल बांगड़ा ने यह भी कहा कि देश में “जिहाद के नाम पर आतंकवाद” जैसी गतिविधियों को लेकर सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कुछ जांच-पड़ताल के संदर्भों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि ऐसे मामलों में उच्च शिक्षा प्राप्त लोग भी शामिल पाए गए हैं। (यह संगठन का पक्ष है, जिस पर अलग-अलग मत हो सकते हैं।)
बैठक में यह भी कहा गया कि ‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150वें वर्ष को देशभर में मनाया जाना गौरव की बात है और इससे राष्ट्रीय भावना को बल मिला है।
विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी का दावा
संगठन के अनुसार वार्षिक प्रन्यासी मंडल बैठक में भारत के विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, श्रीलंका सहित कई देशों से जुड़े हिन्दू संगठनों/मंचों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के ऐतिहासिक हस्तिनापुर में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की वार्षिक प्रन्यासी मंडल बैठक से पहले मंगलवार को प्रबंध समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई। संगठन ने संकेत दिए कि इस बार विमर्श का फोकस सिर्फ संगठनात्मक फैसलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित देशभर में चर्चा में रहे मुद्दों धर्मांतरण, मंदिरों की संपत्तियों/दानराशि के उपयोग में पारदर्शिता और “अल्पसंख्यक” की परिभाषा पर भी मंथन होगा। विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा कि धर्मांतरण से जुड़ी चुनौतियों पर गंभीर विचार जरूरी है और मंदिरों के दान का उपयोग “धर्महित” के अनुरूप, स्पष्ट नीति व जवाबदेही के साथ होना चाहिए। बैठक में विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की मौजूदगी ने चर्चा को और वजन दिया। संगठन पदाधिकारियों के मुताबिक 17 दिसंबर से शुरू होने वाली मुख्य बैठक में देशभर से करीब 450 प्रन्यासी और कार्यकर्ता हस्तिनापुर पहुंचेंगे, जहां आगामी रणनीति और सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
मंदिर-दान और संस्थानों में उपयोग पर सवाल
बातचीत के दौरान विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने एक उदाहरण पेश करते हुए दावा किया कि श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से जुड़े एक मेडिकल कॉलेज में छात्र-चयन के अनुपात को लेकर सवाल उठते हैं। उनका कहना था कि जिस ढांचे को देशभर और खासकर उत्तर प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं सहित हिन्दू भक्तों की आस्था और दान से बल मिलता है, वहां संसाधनों के इस्तेमाल में पारदर्शिता और उद्देश्य की स्पष्टता होना जरूरी है। बांगड़ा ने जोर देकर कहा कि दानराशि और संस्थागत सुविधाओं का उपयोग “धर्महित” और “हिन्दू हित” के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर नीति-आधारित विमर्श किया जाना चाहिए।
“अल्पसंख्यक” की परिभाषा पर पुनर्विचार की मांग
विहिप के केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और विशेष अधिकारों को लेकर समय-समय पर व्यापक विमर्श होता रहा है, लेकिन उनके मुताबिक कुछ मामलों में इन प्रावधानों की व्याख्या और लागू करने के तरीके पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने दावा किया कि कहीं-कहीं “गलत विवेचना” या “दुरुपयोग” जैसी स्थितियां भी उभरती हैं, जिससे व्यवस्था में असंतुलन की आशंका पैदा होती है। इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राष्ट्र स्तर पर “अल्पसंख्यक” की परिभाषा पर दोबारा गंभीरता से विचार किया जाए, ताकि अधिकारों और जिम्मेदारियों का ढांचा अधिक स्पष्ट, संतुलित और न्यायोचित बन सके।
“जिहाद” और आतंकवाद पर संगठन का दावा
बजरंग लाल बांगड़ा ने यह भी कहा कि देश में “जिहाद के नाम पर आतंकवाद” जैसी गतिविधियों को लेकर सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कुछ जांच-पड़ताल के संदर्भों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि ऐसे मामलों में उच्च शिक्षा प्राप्त लोग भी शामिल पाए गए हैं। (यह संगठन का पक्ष है, जिस पर अलग-अलग मत हो सकते हैं।)
बैठक में यह भी कहा गया कि ‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150वें वर्ष को देशभर में मनाया जाना गौरव की बात है और इससे राष्ट्रीय भावना को बल मिला है।
विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी का दावा
संगठन के अनुसार वार्षिक प्रन्यासी मंडल बैठक में भारत के विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, श्रीलंका सहित कई देशों से जुड़े हिन्दू संगठनों/मंचों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। UP News












