High-court: अब खुद मैली हो गई है पापियों के पाप धोने वाली पवित्र गंगा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Jul 2022 05:46 PM
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Prayagraj: प्रयागराज। ‘राम तेरी गंगा मैली हो गई, पापियों के पाप धोते-धोते।’ लगभग चार दशक पहले फिल्माया गया यह गाना मौजूदा वक्त में बिल्कुल सटीक बैठता है। कभी पापियों के पाप धोने वाली मां गंगा आज खुद मैली हो गई है। उस समय लोग अपने पाप को धोने के लिए पवित्र गंगा में स्नान करते थे और मां गंगा उनके पापों को धो देती थीं। लेकिन, अब लोग जान-बूझकर गंगा को मैली करने पर आमादा हैं। इस हालात पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बेहद खफा है। खरबों रुपये खर्च होने के बाद भी गंगा के प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जल निगम की कार्यशैली पर सख्त नाराजगी जाहिर की। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यहां तक कहा कि जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कुछ कर ही नहीं रहा है तो क्यों न उसे समाप्त कर दिया जाए। अदालत ने नमामि गंगे परियोजना के निदेशक से इस परियोजना में अब तक हुए खरबों रुपये के खर्च का ब्यौरा तलब किया है। साथ ही पूछा कि गंगा अब तक साफ क्यों नहीं हो सकी? अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी जांच और कार्रवाई से संबंधित पूरी रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी। स्वतः संज्ञान ली गई जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने बताया कि गंगा में शोधित जल नहीं जा रहा है। कानपुर में लेदर इंडस्ट्री, गजरौला में शुगर इंडस्ट्री की गंदगी शोधित हुए बगैर गंगा में गिर रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा कि आपका क्या रोल है? कैसे निगरानी कर रहे हो? आपके पास इस संबंध में कितनी शिकायतें पहुंची हैं और कितने पर कार्रवाई की गई है? बोर्ड के अधिवक्ता इस पर ठीक जवाब नहीं दे पाए तो कोर्ट ने कहा कि जब आप निगरानी नहीं कर पा रहे हैं और कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं तो क्यों न बोर्ड को बंद कर दिया जाए? कोर्ट ने गंगा प्रदूषण पर कानपुर आईआईटी और बीएचयू आईआईटी की टेस्ट रिपोर्ट देखकर हैरानी जताई। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि यह रिपोर्ट तो आंखों में धूल झोंकने वाली है। ट्रीटमेंट प्लांट बेकार है। आपने एसटीपी की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे रखी है। वे काम हीं नहीं कर रहे हैं। जांच के लिए जो नमूने भेजे गए, वह पर्याप्त मात्रा में नहीं थे। कुछ नमूनों की रिपोर्ट में शोधित पानी की रिपोर्ट मानक के अनुरूप नहीं पाई गई। कोर्ट ने जिम्मेदार लोगों को फटकार लगाते हुए कहा कि जब जांच करानी होती है तो साफ पानी मिलाकर सैंपल भेजकर अच्छी रिपोर्ट तैयार करा ली जाती है। ऐसे काम नहीं चलेगा। रिपोर्ट से साफ है गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। परियोजना प्रबंधक ने कहा कि जब गंदा पानी ज्यादा मात्रा में एसटीपी से जाएगा तो शोधित नहीं हो पाएगा, इस पर बाउंड नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि जब बाउंड नहीं है तो एसटीपी का कोई मतलब ही नहीं है। कोर्ट ने फिर पूछा कि आपके पास कोई पर्यावरण एक्सपर्ट (इंजीनियर) है। जल निगम इस मामले में कैसे काम कर रहा है? सीसा, पोटेशियम व अन्य रेडियोएक्टिव चीजें गंगा को दूषित कर रहीं हैं। यूपी में एसटीपी के संचालन की जिम्मेदारी अडानी ग्रुप की कंपनी को दी गई है, लेकिन संयंत्रों के काम न करने से गंगा मैली हो रही है। कोर्ट ने कहा कि प्रयागराज, वाराणसी सहित गंगा के किनारे बसे यूपी के कई शहर धार्मिक महत्व के हैं। इन शहरों में स्थानीय लोगों के साथ रोजाना और कुंभ, महाकुंभ के दौरान करोड़ों लोग पहुंचते हैं। उनसे निपटने के लिए किस तरह से प्रबंध करते हैं। क्या योजना है? योजना कैसे बनाई जाती है? इसका सरकारी अधिवक्ता और जल निगम के परियोजना प्रबंधक के पास कोई जवाब नहीं था। परियोजना निदेशक से पूछा कि एसटीपी की रोजाना मॉनिटरिंग कैसे होती है? इस पर परियोजना निदेशक ने एक रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने उस पर नाराजगी जताते हुए सवाल किया, यह तो मंथली (महीनेवार) रिपोर्ट है, प्रतिदिन की रिपोर्ट कहां है? परियोजना निदेशक उसे पेश नहीं कर पाए। कोर्ट ने रिपोर्ट देखकर पूछा कि निगरानी कैसे करते हो, तो निदेशक ने कहा कि ऑनलाइन होती है। कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर मॉनिटरिंग करते हो। इस पर अपर महाधिवक्ता नीरज कुमार तिवारी ने प्रतिदिन की रिपोर्ट तैयार करने का आश्वासन दिया।
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Prayagraj- खूबसूरत सहेली पर आया दिल तो सर्जरी करवा कर लड़की से बन गई लड़का

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प्रतीकात्मक फोटो
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userचेतना मंच
calendar06 Jul 2022 03:18 PM
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Prayagraj- प्यार एक ऐसा एहसास है, जिसके लिए लोग किसी भी हद तक गुजर जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज (Prayagraj) जिले से। यहां एक 20 साल की लड़की को जब अपनी ही एक खूबसूरत सहेली से प्यार हो गया, तो उसके लिए उस लड़की ने अपना जेंडर ही बदलवा लिया। दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज (Prayagraj) जिले के फाफामऊ इलाके की रहने वाली एक 20 वर्षीय लड़की को अपनी एक सहेली से प्यार हो गया। दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसमें खा ली। लेकिन लड़की के माता-पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। ऐसे में प्यार में पड़ी इस लड़की ने अपने प्यार को पाने के लिए अपना लिंग परिवर्तन (Girl changed her gender by surgery) कराने का फैसला किया। जेंडर चेंज कराने के लिए लड़की ने प्रयागराज में स्थित स्वरूपरानी जिला चिकित्सालय में संपर्क किया। सर्वप्रथम डॉक्टरों ने लड़की का मनोचिकित्सक द्वारा काउंसलिंग करवाया। काउंसलिंग में इस बात की पुष्टि हो गई कि लड़की दिमागी रूप से बिल्कुल स्वस्थ है। इसके बाद स्वरूप रानी अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन विभाग के डॉक्टर मोहित जैन और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमृत चौरसिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने लड़की के जेंडर चेंज कराने की चुनौती ली। प्लास्टिक सर्जन विभाग के डॉक्टर मोहित जैन के अनुसार उन्होंने लड़की के जेंडर चेंज करने की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले सहमति पत्र पर लड़की का हस्ताक्षर करवाया। इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई।

शल्य चिकित्सा से किया गया बाहरी परिवर्तन -

लड़की के जेंडर चेंज करने की प्रक्रिया की शुरुआत बाहरी परिवर्तन के साथ शुरू हुई। इसके लिए सर्वप्रथम शल्य चिकित्सा की मदद से उसके स्तनों को हटाया गया, व ऑपरेशन करके उसके गर्भाशय को भी निकाला गया। लड़की को टेस्टोस्टरॉन हार्मोनल थेरेपी दी गई, जिससे उसके शरीर में पुरुष हार्मोन विकसित हो सके और जिसकी मदद से दाढ़ी, मूछ एवं अन्य परिवर्तन किए जा सके।
Nupur Sharma Case नूपुर का सर कलम करने की बात कहने वाला गिरफ्तार
फिलहाल कई महीनों के लंबी प्रक्रिया के बाद सफलतापूर्वक लड़की का लिंग परिवर्तन किया जा चुका है। यह पहला मामला नहीं है जब देश में इस तरह से सर्जरी के माध्यम से जेंडर परिवर्तन किया गया हो। दिल्ली मुंबई जैसे बड़े महानगरों में पहले भी इस तरह के केसेस देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश में भी यह दूसरा केस है। इससे पहले मेरठ जिले में भी ऐसा मामला सामने आ चुका है, जहां मां बाप के बेटे के सपने को पूरा करने के लिए, पांच बहनों में सबसे बड़ी लड़की अपना लिंग परिवर्तन करवा कर लड़का बनी थी।
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Prayagraj - बिजली विभाग का जेई रिटायरमेंट के बाद भी करता रहा नौकरी, अब पूरी पेंशन की कटौती का आदेश

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userचेतना मंच
calendar22 Jun 2022 03:58 PM
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Prayagraj- पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रयागराज से एक जालसाजी का मामला सामने आया है। यहां पर अवर अभियंता के पद पर तैनात सैयद अली अहमद ने रिटायरमेंट के बाद भी अपनी नौकरी पूरे 1 साल तक जारी रखी और सरकार से पूरा वेतन वसूल करते रहे। 1 साल बाद अभियंता के रिटायरमेंट के बाद इस बात का खुलासा हुआ और आनन-फानन में जांच कराई गई, तो विभाग में अनियमितताएं पाई गई। दरअसल प्रयागराज (Prayagraj) में विद्युत वितरण खंड द्वितीय में अवर अभियंता के पद पर तैनात सैयद अली अहमद की रिटायरमेंट 30 जून 2018 को होनी थी। मगर इस तिथि के 1 साल बाद यानी 30 जून 2019 को ये सेवानिवृत्त हुए। इनकी रिटायरमेंट के 1 महीने बाद 9 अगस्त 2019 को अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई और मामले की जांच शुरू हुई। जांच के दौरान यह पाया गया कि अवर अभियंता सैयद अली अहमद ने बड़ी हेरफेर की है। यह हेर फेर नियुक्ति के समय तथ्यों को छुपाने से लेकर कपट पूर्ण तरीके से 1 वर्ष की अतिरिक्त सेवा लाभ लेने तक की है।

जांच में क्या बातें आई सामने -

विभाग में सैयद अली अहमद की जो जन्मतिथि दर्ज की गई है, वह है 30 जुलाई 1961, व उन्हें नौकरी मिली है साल 1976 में। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि जब उन्हें विभाग में नौकरी मिली तब उनकी आयु मात्र 14 वर्ष 10 माह थी, जबकि सरकारी सेवा में नियुक्ति की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। अब यदि उनकी नियुक्ति के समय उनकी आयु को 18 वर्ष मान लिया जाए तो, उसके अनुसार उनकी सेवानिवृत्ति 30 जून 2018 को होनी चाहिए थी, परंतु उनकी सेवानिवृत्ति 30 जून 2019 को हुई। जांच में यह बात सामने आई है कि या तो नियुक्ति के समय इनके जन्मतिथि कॉलम को खाली छोड़ा गया था, या फिर इसमें बाद में कोई छेड़छाड़ की गई। वजह जो भी हो परंतु इन्होंने निर्धारित अवधि से 1 वर्ष अधिक तक नौकरी कर, अनाधिकृत रूप से विभाग से 10.97 लाख रुपए का वेतन लिया।
द्रौपदी मुर्मू होंगी देश की अगली राष्ट्रपति!
ऐसे में कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने इनकी इस षड्यंत्रकारी कृत्य के लिए इनके पेंशन से शतप्रतिशत कटौती का आदेश जारी किया है। साथ ही इसके लिए प्रयागराज (Prayagraj) क्षेत्र के मुख्य अभियंता ओम प्रकाश यादव को लापरवाही का दोषी मानते हुए उनके पेंशन से 3% कटौती का आदेश दिया गया है।