उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर सियासी घमासान तेज
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दावा किया कि प्रदेश में मतदाता सूची से करीब चार करोड़ नाम कम हो गए हैं। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी लगभग 26 करोड़ है, जिसमें से लगभग 65 प्रतिशत लोग मतदाता बनने की पात्रता रखते हैं। इस हिसाब से राज्य में करीब 16 करोड़ मतदात

UP News : उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच इस मुद्दे पर तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दावा किया कि प्रदेश में मतदाता सूची से करीब चार करोड़ नाम कम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुल आबादी लगभग 26 करोड़ है, जिसमें से लगभग 65 प्रतिशत लोग मतदाता बनने की पात्रता रखते हैं। इस हिसाब से राज्य में करीब 16 करोड़ मतदाता होने चाहिए।
करीब चार करोड़ मतदाता सूची से गायब
सीएम योगी ने बताया कि जनवरी 2025 में जारी मतदाता सूची में 15.44 करोड़ नाम दर्ज थे। इसके बाद एक जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए युवा मतदाता भी जुड़ने चाहिए थे, जिससे संख्या बढ़नी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट, जो ड्राफ्ट मतदाता सूची सामने आई है, उसमें केवल 12 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल हैं। यानी करीब चार करोड़ मतदाता सूची से गायब हैं।
योगी ने कहा-लापता मतदाता पार्टी के विरोधी नहीं
मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकतार्ओं से अपील करते हुए कहा कि ये लापता मतदाता पार्टी के विरोधी नहीं हैं, बल्कि इनमें से 80 से 90 प्रतिशत लोग भाजपा समर्थक हैं। उन्होंने कार्यकतार्ओं को निर्देश दिया कि वे ड्राफ्ट सूची की प्रतियां निकलवाकर बूथ स्तर पर मिलान करें। प्रत्येक बूथ पर मौजूद 200-250 परिवारों के आधार पर आसानी से जांच की जा सकती है। सीएम ने कहा कि अभी समय सीमित है, इसलिए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़वाने के लिए उपयुक्त फॉर्म भरवाए जाएं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि चुनाव बूथ स्तर पर जीते जाते हैं और किसी भी पात्र मतदाता का नाम छूटना नहीं चाहिए, जबकि अपात्र का नाम सूची में शामिल नहीं होना चाहिए।
अखिलेश यादव का तीखा जवाब
मुख्यमंत्री के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब खुद मुख्यमंत्री यह स्वीकार कर रहे हैं कि एसआईआर प्रक्रिया में हटाए गए चार करोड़ मतदाताओं में से 85-90 प्रतिशत भाजपा के वोटर हैं, तो यह सीधे तौर पर पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की जीत को दर्शाता है। अखिलेश यादव ने कहा कि इसका एक अर्थ यह भी निकलता है कि पीडीए समर्थकों की सतर्कता के चलते एसआईआर प्रक्रिया में भाजपा अपनी मनमर्जी नहीं चला पाई। दूसरा निष्कर्ष यह है कि जिन मतदाताओं के नाम साक्ष्यों के अभाव में हटाए गए, उनमें से बड़ी संख्या भाजपा समर्थकों की थी, यानी गड़बड़ी भी उन्हीं के स्तर से हो रही थी।
जितने वोट कट वे भाजपा को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए काफी
उन्होंने आगे गणित समझाते हुए कहा कि यदि चार करोड़ में से करीब 3.40 करोड़ मतदाता भाजपा के थे, तो इसका मतलब है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 403 सीटों पर कुल मिलाकर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यह औसतन प्रति सीट लगभग 84 हजार वोटों की कमी के बराबर है, जो भाजपा को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए काफी है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सत्ताधारी दल के नुकसान को देखते हुए ही एसआईआर प्रक्रिया की समयसीमा दो सप्ताह के लिए बढ़ाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीडीए समर्थक अब पहले से कहीं अधिक सतर्कता के साथ इस प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और किसी भी प्रकार की अनियमितता को सफल नहीं होने देंगे।
UP News : उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच इस मुद्दे पर तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दावा किया कि प्रदेश में मतदाता सूची से करीब चार करोड़ नाम कम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुल आबादी लगभग 26 करोड़ है, जिसमें से लगभग 65 प्रतिशत लोग मतदाता बनने की पात्रता रखते हैं। इस हिसाब से राज्य में करीब 16 करोड़ मतदाता होने चाहिए।
करीब चार करोड़ मतदाता सूची से गायब
सीएम योगी ने बताया कि जनवरी 2025 में जारी मतदाता सूची में 15.44 करोड़ नाम दर्ज थे। इसके बाद एक जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए युवा मतदाता भी जुड़ने चाहिए थे, जिससे संख्या बढ़नी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट, जो ड्राफ्ट मतदाता सूची सामने आई है, उसमें केवल 12 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल हैं। यानी करीब चार करोड़ मतदाता सूची से गायब हैं।
योगी ने कहा-लापता मतदाता पार्टी के विरोधी नहीं
मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकतार्ओं से अपील करते हुए कहा कि ये लापता मतदाता पार्टी के विरोधी नहीं हैं, बल्कि इनमें से 80 से 90 प्रतिशत लोग भाजपा समर्थक हैं। उन्होंने कार्यकतार्ओं को निर्देश दिया कि वे ड्राफ्ट सूची की प्रतियां निकलवाकर बूथ स्तर पर मिलान करें। प्रत्येक बूथ पर मौजूद 200-250 परिवारों के आधार पर आसानी से जांच की जा सकती है। सीएम ने कहा कि अभी समय सीमित है, इसलिए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़वाने के लिए उपयुक्त फॉर्म भरवाए जाएं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि चुनाव बूथ स्तर पर जीते जाते हैं और किसी भी पात्र मतदाता का नाम छूटना नहीं चाहिए, जबकि अपात्र का नाम सूची में शामिल नहीं होना चाहिए।
अखिलेश यादव का तीखा जवाब
मुख्यमंत्री के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब खुद मुख्यमंत्री यह स्वीकार कर रहे हैं कि एसआईआर प्रक्रिया में हटाए गए चार करोड़ मतदाताओं में से 85-90 प्रतिशत भाजपा के वोटर हैं, तो यह सीधे तौर पर पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की जीत को दर्शाता है। अखिलेश यादव ने कहा कि इसका एक अर्थ यह भी निकलता है कि पीडीए समर्थकों की सतर्कता के चलते एसआईआर प्रक्रिया में भाजपा अपनी मनमर्जी नहीं चला पाई। दूसरा निष्कर्ष यह है कि जिन मतदाताओं के नाम साक्ष्यों के अभाव में हटाए गए, उनमें से बड़ी संख्या भाजपा समर्थकों की थी, यानी गड़बड़ी भी उन्हीं के स्तर से हो रही थी।
जितने वोट कट वे भाजपा को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए काफी
उन्होंने आगे गणित समझाते हुए कहा कि यदि चार करोड़ में से करीब 3.40 करोड़ मतदाता भाजपा के थे, तो इसका मतलब है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 403 सीटों पर कुल मिलाकर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यह औसतन प्रति सीट लगभग 84 हजार वोटों की कमी के बराबर है, जो भाजपा को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए काफी है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सत्ताधारी दल के नुकसान को देखते हुए ही एसआईआर प्रक्रिया की समयसीमा दो सप्ताह के लिए बढ़ाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीडीए समर्थक अब पहले से कहीं अधिक सतर्कता के साथ इस प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और किसी भी प्रकार की अनियमितता को सफल नहीं होने देंगे।












