kanpur Dengue Fever : बारिश के मौसम में डेंगू जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ गया है। डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी की वजह से मरीजों की मौत भी हो सकती है। आइये जानते हैं कैसे निपटें डेंगू से और कैसे कंट्रोल करें प्लेटलेट्स…
चेतना मंच स्पेशल। मानसून का महीना भले ही मौसम सुहावना कर देता है, लेकिन इन दिनों मच्छरों से होने वाली बीमारियां बहुत अधिक जन्म लेने लगती हैं। मच्छरों के काटने से होने वाले डेंगू रोग ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिये हैं। डेंगू के मरीजों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा हो रहा है। राजधानी दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास क्षेत्रों में पिछले 15 दिनों में डेंगू के मरीज बढ़े हैं। बीते दो दिन में ही 18 नये मरीज सामने आए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में 20 नए मामले दर्ज किए गए हैं, तो एक माह में 48 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक जुलाई माह में देश में डेंगू के 156 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। अक्सर डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं, जिसे खतरनाक माना जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि इसमें लापरवाही बरतने पर मरीज की जान भी जा सकती है।
कैसे होते हैं डेंगू के लक्षण
डेंगू हल्का या गंभीर दोनों हो सकता है। ऐसे में इसके लक्षण भी अलग-अलग नजर आते हैं। खासतौर से बच्चों और किशोरों में माइल्ड डेंगू होने पर कई बार कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं। इन लक्षणों में तेज बुखार (104°) के अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, आंखों में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकत्ते होना, ग्लैंड्स में सूजन होना आदि लक्षण शामिल हैं।
वहीं, गंभीर मामलों में रक्तस्रावी बुखार का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में, रक्त वाहिकाएं यानी ब्लड वैसेल्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और रक्त में प्लेटलेट काउंट की कमी होने लगती है। ऐसी स्थिति में गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव, मूत्र, मल या उल्टी में खून आना, सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन या बेचैनी आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।
4 तरह का होता है वायरस
कानपुर मेडिकल कॉलेज के डॉ नवनीत सहगल के अनुसार डेंगू फीवर एक तरीके का वायरल फीवर है, जो मादा मच्छर एडीज एजिप्टटी के काटने से फैलता है। इस मच्छर की खासियत यह है कि यह दिन में ही काटता है। सूर्याेदय के 2 से 3 घंटे बाद और सूर्यास्त के 2 से 3 घंटे पहले काटता है। इस समय हमें मच्छर के काटने सेबचाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
kanpur Dengue Fever डेंगू का वायरस मूल रूप से 4 तरह का होता है। सीरो टाइप डन 2 और डन सीरोटाइप 4 ज्यादा खतरनाक होता है। डेंगू वाले मच्छर के किसी इंसान को काटने के बाद डेंगू का वायरस इंसान के ब्लड में 2 से 7 दिनों तक रहता है। डॉ नवनीत सहगल के अनुसार डेंगू बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के 4 से 7 दिनों में दिखते हैं। बुखार अकसर तेज होता है और दिन में चार पांच बार आता है। डेंगू बुखार तकरीबन 7 से 10 दिनों तक बना रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है। बुखार से प्रभावित 10 फीसदी को ही हॉस्पिटल ले जाने की जरूरत होती है।
बढ़ जाती है प्लेटलेट्स की कमी और रक्तस्राव का खतरा
डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने के मुख्य रूप से तीन कारण हो सकते हैं। पहला, हमारा बोन मैरो सप्रेस हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट उत्पादन में कमी आती है। दूसरा, डेंगू वायरस से प्रभावित रक्त कोशिकाएं प्लेटलेट्स को क्षति पहुंचाकर उन्हें नष्ट करने लगती हैं। तीसरा, इस दौरान बनने वाली एंटीबॉडीज से भी प्लेटलेट्स कम होने लगता है।
डेंगू की गंभीर बीमारी के तीसरे-चौथे दिन तक प्लेटलेट काउंट आमतौर पर कम रह सकता है। हालांकि आठ से नौंवे दिन में इसमें सुधार भी आने लग जाता है। चूंकि प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाने में मदद करते हैं, इसलिए शरीर में इसकी कमी होने के कारण डेंगू के मामलों में उल्टी या शौच के साथ खून आने की समस्या हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि इस मौसम में सभी लोगों को अपने प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सके।
क्या होती हैं प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स, हमारे रक्त में छोटे, रंगहीन कोशिकाओं के टुकड़े होते हैं, जो थक्के बनाते हैं और रक्तस्राव को रोकते हैं। प्लेटलेट्स हमारे बोन मैरो में बनते हैं। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर ब्लड तक होती है। 450,000 से अधिक प्लेटलेट्स होने को थ्रोम्बोसाइटोसिस और इसकी मात्रा 150,000 से कम होने को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर, डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट काउंट कम होने की समस्या अधिक होती है।
कैसे करें प्लेटलेट्स को कंट्रोल
kanpur Dengue Fever डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति गंभीर रोग का संकेत होती है। रोगी को अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए, जिससे रक्तस्राव की समस्या के साथ अन्य लक्षणों को कंट्रोल किया जा सके। डॉक्टर दवाओं के माध्यम से इसमें सुधार करते हैं। इसके अलावा ओमेगा-3, विटामिन, आयरन और अन्य खनिजों से भरपूर चीजों का सेवन बढ़ाने से आपके लाभ मिल सकता है। ये रोगजनकों से लड़ने में मदद करते हैं और डेंगू में प्लेटलेट काउंट भी बढ़ा सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन सी सप्लीमेंट लेने वाले रोगियों में प्लेटलेट काउंट बढ़ गया था। इसके लिए आपको आम, अनानास, ब्रोकोली, हरी या लाल शिमला मिर्च, टमाटर और फूलगोभी का सेवन बढ़ा देना चाहिए। डेंगू रोगियों को अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ, फलों के जूस, नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
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