Wednesday, 3 July 2024

UP Live Breaking News: उप्र के 427 फार्मेसी कॉलेजों पर होगी कार्रवाई,सरकार को किया गुमराह

  UP Live Breaking News: लखनऊ। गलत जानकारी देकर फार्मेसी की पढ़ाई करा रहे उत्तर प्रदेश के 427 फार्मेसी कॉलेजों…

UP Live Breaking News: उप्र के 427 फार्मेसी कॉलेजों पर होगी कार्रवाई,सरकार को किया गुमराह

 

UP Live Breaking News: लखनऊ। गलत जानकारी देकर फार्मेसी की पढ़ाई करा रहे उत्तर प्रदेश के 427 फार्मेसी कॉलेजों पर सरकार कार्रवाई करने जा रही है। ये ऐसे  फार्मेसी कॉलेज हैं, जिन्होंने एफिडेविड में गलत जानकारी देकर सरकार को गुमराह किया है। यह जानकारी यूपी के तकनीकी शिक्षमंत्री Ashish Singh Patel  ने दी।

जिलाधिकारियों ने की थी जांच

UP Live Breaking News  मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि Board Of Technical Education UP (बीटीईयूपी) ने 427 कॉलेजों को डिबार करने को कहा है। ऐसे कॉलेज जिन्होंने सरकार से झूठ बोलकर एफिलिएशन ली है। ऐसे में यह कॉलेज लाइफ टाइम बीटीईयूपी से फार्मेसी कॉलेज चलाने के लिए एफिलिएशन नहीं ले पाएंगे। कुछ दिन पूर्व यूपी के जिलों में तैनात जिलाधिकारियों ने फार्मेसी कॉलेजों की जांच की थी, ये गड़बड़ी उसी जांच में सामने आइ है।

1000 कॉलेजों ने ली थी NOC

साल 2022 में लगभग 1000 फार्मेसी कॉलेजों को डीफार्मा कोर्स चलाने के लिए फार्मेसी काउंसिल के स्टैंडर्ड के आधार पर एनओसी दी गई थी। एनओसी जारी करने के बाद एफिडेविड में बताए गए स्टैंडर्ड (इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य जानकारी) की जांच कराई गई तो 427 कॉलेज अपने वादे से कहीं झूठे निकले। एफिडेविड में गलत जानकारी देने वालों पर शासन ने एक्शन लेते हुए एनओसी को कैंसिल और बीटीईयूपी से लाइफटाइम के लिए डिबार करने की बात कही है।

पॉलिटेक्निक प्रिंसिपल ने भी की थी जांच

आशीष पटेल ने बताया, एनओसी जारी होने के बाद शासन स्तर से इसकी जांच जिलाधिकारी को सौंपी गई थी। अपने-अपने जिले के कॉलेजों की जांच कर उसकी रिपोर्ट ऊपर भेजी गई। उस रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया, ​​​​​​एफिडेविड में गड़बड़ी की शिकायत काफी समय से मिल रही थी। जिलाधिकारी स्तर पर एफिडेविड में बताई गई बातों की फिजिकल जांच कराने पर इसका खुलासा हुआ। इससे पहले पॉलिटेक्निक प्रिंसिपल ने भी जांच की थी। अब उनकी जांच पर भी सवाल हो रहे है।

UP Live Breaking News सरकार को किया गुमराह

फार्मेसी कॉलेज प्रबंधन ने सरकार को गुमराह करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। कुछ कॉलेज ने तो ऐसा खेल किया जिसका खुलासा होने के बाद अधिकारी भी हरकत में पड़ गए। कई कॉलेज ऐसे निकले जो कानपुर देहात में कॉलेज चला रहे हैं और एफिडेविड में उरई की जमीन को दिखा रखा है। इसी तरह डिग्री या इंटर कॉलेज की जमीन को भी एफिडेविड में दिखाया गया है।

कई जगह मौके पर बिल्डिंग ही नहीं

कुछ तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने प्लाट को कॉलेज की जगह बता दिया। मौके पर निरीक्षण में वहां पर कोई बिल्डिंग ही नहीं मिली। एफिडेविड में गलत जानकारी देने वाले कॉलेजों की सोसाइटी को निरस्त करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी को लेटर लिखा गया है। यह कॉलेज अब सोसाइटी पर किसी अन्य एकेडमिक इंस्टीट्यूट को भी नहीं चला पाएंगे। हालांकि इन सोसाइटी की ओर से यदि पूर्व में कोई कॉलेज चल रहा हैं तो वहां के स्टूडेंट्स के समायोजन या कोर्स पूरा कराने पर फैसला शासन स्तर पर लिया जाएगा।

अधिकारियों पर हो चुकी कार्रवाई

आशीष पटेल ने बताया, फार्मेसी कॉलेजों को एनओसी जारी करने के मामले में अभी तक दो बोर्ड सेक्रेट्री को पद से हटाया जा चुका है। साल 2022 में एनओसी जारी होने के शुरुआती दिनों में बीटीईयूपी के सेक्रेटी सुनील सोनकर को पद से हटाकर कानपुर स्थित प्राविधिक शिक्षा निदेशालय संबंद्ध किया गया था। निदेशालय से प्रधानाचार्य मुख्यालय पद पर कार्यरत एफआर खान को बोर्ड सेक्रेटी पद पर तैनात किया गया था। बीते दिनों 427 कॉलेजों के एफिडेविड में गड़बडी उजागर होने के बाद एफआर को प्रधानाचार्य मुख्यालय के पद पर वापस भेज दिया गया है।

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