Noida : नोएडा। बंदी के कगार पर पहुंच चुके उद्योगों को पुर्नस्थापित करने और आत्मनिर्भर भारत (Self-reliant India) के निर्माण के लिए सिस्टम को उद्योगपतियों के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन नोएडा के निदेशक डा. प्रवीण पचौरी(Dr. Praveen Pachauri) ने विधिवत कार्यभार संभालने के बाद हुई पत्रकार वार्ता (press conference) में उक्त बात कही। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश (UP) में बंद हो रही औद्योगिक इकाइयों को पुनर्स्थापित करने के साथ ही नए उद्यमियों को तकनीकी ज्ञान के साथ ही बेहतरीन संसाधन मुहैया कराने की दिशा में 12 सूत्री कार्यक्रम चलाना उनकी प्राथमिकता होगा। इसके लिए सिस्टम उद्यमियों के दरवाजे पर जाएगा।
सेक्टर-62 स्थित इंस्टिट्यूट के सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ पचौरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही है। इनमें एमएसएमई के साथ स्टार्टअप शामिल है। इन योजनाओं का लाभ उद्योगपतियों को मिले इसके लिए सरकार कृत संकल्प है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तकनीकी मंत्री की प्राथमिकताओं में बंदी के कगार पर पहुंच चुके उद्योगों को पुनस्र्थापित करना और आत्मनिर्भर भारत के तहत नए उद्यमियों को बढ़ावा देना शामिल है।
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन नोएडा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक वे पांच से ज्यादा ऐसी संस्थाएं स्थापित कर चुके हैं। जहां उद्योगपतियों को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें एनआईईटी महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश हिंदुस्तान के उन प्रदेशों में हैं जहां औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण (Noida Greater Noida and Yamuna Development Authority ) तीनों ऑटोनोमस बॉडी है । यहां औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह के संसाधन मुहैया कराई जा रहे हैं। डॉ पचौरी ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे उद्यमी हैं जिन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। उनकी प्राथमिकता होगा की ऐसे उद्यमियों के प्रोडक्ट को बाजार में स्थापित करने के लिए जिन संसाधनों की आवश्यकता हो वह मुहैया कराई जाए। इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञ उद्योगपतियों के दरवाजे पर जाएंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना विकास प्राधिकरण के डिजाइनिंग का काम इंस्टिट्यूट के तकनीकी विशेषज्ञ करेंगे।