क्राइम कंट्रोल की नई टेक-ताकत: उत्तर प्रदेश में लॉन्च हुआ ‘यक्ष ऐप’

इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपराधियों का एकीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार कर पहचान, क्राइम हिस्ट्री और पुराने मामलों की कड़ियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। अब तक थानों में रजिस्टरों और फाइलों में बिखरी जानकारी खंगालने में समय लगता था, जिससे कई बार जांच की गति भी प्रभावित होती थी

CM योगी के हाथों हुआ ‘यक्ष ऐप’ का शुभारंभ
CM योगी के हाथों हुआ ‘यक्ष ऐप’ का शुभारंभ
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar29 Dec 2025 11:07 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में पुलिस ने तकनीक का बड़ा दांव खेला है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए  ‘यक्ष ऐप’ लॉन्च किया है, जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपराधियों का एकीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार कर पहचान, क्राइम हिस्ट्री और पुराने मामलों की कड़ियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। अब तक थानों में रजिस्टरों और फाइलों में बिखरी जानकारी खंगालने में समय लगता था, जिससे कई बार जांच की गति भी प्रभावित होती थी। लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘यक्ष ऐप’ के जरिए यह प्रक्रिया डिजिटल सिस्टम में शिफ्ट हो रही है जहां AI की मदद से डेटा जल्दी मैच होगा, संदिग्धों का नेटवर्क ट्रेस करना आसान होगा और पुलिस की कार्रवाई तेज़, सटीक और ज्यादा प्रभावी बन सकेगी।

क्या है ‘यक्ष ऐप’ और UP पुलिस को कैसे देगा बढ़त?

‘यक्ष ऐप’ के जरिए उत्तर प्रदेश के हर जिले और हर थाने से जुड़ा अपराधियों का डेटा अब एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समेटा जा सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी भी मामले में संदिग्ध या पकड़े गए व्यक्ति की तुरंत पहचान, उसकी पुरानी एफआईआर/मुकदमों की हिस्ट्री, गैंग से जुड़ाव और गतिविधियों का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड पुलिस के सामने कुछ ही पलों में आ जाएगा। साफ है कि UP पुलिस अब पारंपरिक रिकॉर्ड-खोज से आगे बढ़कर डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग की ओर कदम बढ़ा रही हैजहां बीट पर निगरानी से लेकर क्राइम एनालिटिक्स तक, हर स्तर पर फैसले डिजिटल इनपुट और इंटेलिजेंस के आधार पर लिए जाएंगे।

ऐप की खासियत

‘यक्ष ऐप’ में उत्तर प्रदेश के अपराधियों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को एकदम व्यवस्थित और अपडेटेड डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जाएगा। खास बात यह है कि यह सिर्फ रिकॉर्ड रखने वाला ऐप नहीं, बल्कि AI-आधारित इंटेलिजेंस टूल की तरह काम करेगा। इसमें फेस रिकग्निशन से पहचान, वॉइस रिकग्निशन से आवाज का मिलान, गैंग-लिंक एनालिसिस से नेटवर्क की कड़ियां, और संदिग्ध के इलाके/मूवमेंट में बदलाव पर लोकेशन शिफ्ट अलर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही डिजिटल रिकॉर्ड स्टोरेज के जरिए पूरी क्राइम हिस्ट्री एक ही जगह मिल सकेगी।

निगरानी होगी केंद्रीकृत

उत्तर प्रदेश एसटीएफ मुख्यालय में ‘यक्ष ऐप’ का समर्पित कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिससे प्रदेशभर में होने वाली डेटा मॉनिटरिंग और रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन एक ही केंद्रीय सिस्टम से संभव हो सकेगा। इस कंट्रोल रूम के जरिए जरूरत पड़ने पर थानों, फील्ड यूनिट्स और स्पेशल टीमों को तुरंत इनपुट और अलर्ट भेजे जा सकेंगे। माना जा रहा है कि UP में बढ़ते डिजिटल और संगठित अपराध से निपटने में ‘यक्ष ऐप’ पुलिस के लिए एक हाई-टेक ढाल साबित होगा, जो अपराधियों की पहचान से लेकर उनकी गिरफ्त तक की प्रक्रिया को तेज, सटीक और ज्यादा प्रभावी बनाएगा।

UP में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पुलिसिंग की दिशा

‘यक्ष ऐप’ का लॉन्च उत्तर प्रदेश में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पुलिसिंग की उसी तेज होती रफ्तार का संकेत है, जिसमें अपराध के साथ-साथ कानून-व्यवस्था के तरीकों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इससे पहले भी सरकार ने पुलिस विभाग में AI के उपयोग को लेकर कई पहलें आगे बढ़ाई हैं, ताकि ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर क्राइम और लगातार बदलते अपराध के नए-नए तौर-तरीकों पर कड़ी और स्मार्ट निगरानी रखी जा सके। साफ है कि UP अब परंपरागत पुलिसिंग से आगे बढ़कर डेटा, तकनीक और विश्लेषण के दम पर क्राइम कंट्रोल की नई रणनीति गढ़ रहा है। UP News


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वोटर लिस्ट से नाम गायब? घबराएं नहीं,इस तरह से फिर जुड़ जाएगा नाम

उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट मतदाता सूची से करीब 2.89 करोड़ नाम हटाए जाने की बात सामने आई है, जो कुल मतदाता संख्या का लगभग 18.7% बताया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका नाम सूची में नजर नहीं आ रहा, तो घबराने के बजाय तय प्रक्रिया अपनाकर आप अपना नाम फिर से दर्ज करा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश वोटर अपडेट
उत्तर प्रदेश वोटर अपडेट
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar29 Dec 2025 10:37 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में विधानसभा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच वोटर लिस्ट में बड़े बदलावों ने सियासी हलकों से लेकर आम मतदाताओं तक हलचल बढ़ा दी है। कई जिलों में ड्राफ्ट रोल से नाम गायब होने या हटाए जाने की चर्चा के बाद लोग अपने मतदान अधिकार को लेकर बेचैन हैं। लेकिन राहत की खबर यह है कि निर्वाचन आयोग ने पात्र मतदाताओं के लिए फॉर्म-6 के जरिए नाम दोबारा जोड़ने का साफ और वैधानिक रास्ता खुला रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट मतदाता सूची से करीब 2.89 करोड़ नाम हटाए जाने की बात सामने आई है, जो कुल मतदाता संख्या का लगभग 18.7% बताया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका नाम सूची में नजर नहीं आ रहा, तो घबराने के बजाय तय प्रक्रिया अपनाकर आप अपना नाम फिर से दर्ज करा सकते हैं।

कानपुर देहात का उदाहरण

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में बड़ा अपडेट सामने आया है। जिले में विभिन्न कारणों से 2,03,966 मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें मृतक मतदाता, लंबे समय से अनुपस्थित, स्थानांतरित हो चुके लोग और मैपिंग/सत्यापन पूरा न होने जैसे मामले बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जिले में वर्ष 2003 की मतदाता सूची से जुड़े 1,24,065 मतदाताओं की मैपिंग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। प्रशासनिक स्तर पर यह भी तय किया गया है कि अनंतिम सूची के प्रकाशन के बाद ऐसे मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे, ताकि वे समय रहते आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर अपने नाम को कटने से बचा सकें।

नाम कट गया या ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं दिख रहा? यही करें

उत्तर प्रदेश में SIR के दौरान अगर आपका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं दिख रहा या कट गया है, तो घबराने के बजाय सही फॉर्म के जरिए तुरंत कार्रवाई करें। नाम जोड़ने या दोबारा जोड़ने के लिए फॉर्म-6 भरें, यह आवेदन आप अपने क्षेत्र के बीएलओ (BLO) को जमा कर सकते हैं और बूथ स्तर पर तय समय-सीमा में सत्यापन के बाद नाम जोड़ने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। वहीं, अगर आपका नाम सूची में मौजूद है लेकिन नाम, पता, उम्र या फोटो जैसी जानकारी में त्रुटि है, तो फॉर्म-8 के जरिए सुधार कराना सही विकल्प है। और यदि सूची में किसी नाम को लेकर आपत्ति दर्ज करनी हो - जैसे गलत एंट्री, अपात्रता या डुप्लीकेट नाम तो फॉर्म-7 के माध्यम से आपत्ति दाखिल की जा सकती है।

कौन-कौन से दस्तावेज लग सकते हैं?

उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया के तहत मैपिंग से छूटे या सत्यापन के दायरे में आए मतदाताओं को लेकर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए हैं। ऐसे मतदाता आयोग द्वारा मान्य 12 पहचान पत्रों में से किसी एक के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। आपके क्षेत्र के बीएलओ या निर्वाचन कार्यालय से यह अधिकृत सूची आसानी से प्राप्त की जा सकती है। आवेदन से पहले जरूरी है कि पहचान से जुड़े दस्तावेजों की फोटो-कॉपी के साथ मूल प्रति भी तैयार रखें, ताकि सत्यापन के दौरान किसी तरह की अड़चन न आए और आपका नाम समय रहते मतदाता सूची में सुरक्षित रह सके।

नोटिस और समयसीमा पर क्या कहा गया?

सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी गिरवर प्रसाद के मुताबिक, मैपिंग से बाहर रह गए 1,24,065 मतदाताओं को 31 दिसंबर के बाद निर्धारित तिथि पर नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद संबंधित मतदाता आयोग द्वारा मान्य किसी एक पहचान पत्र के साथ आवेदन कर सकेंगे, ताकि उनका नाम मतदाता सूची से कटने से बचाया जा सके। अधिकारियों ने यह भी साफ किया है कि यदि किसी कारणवश नाम सूची से हट चुका है, तो फॉर्म-6 भरकर मतदाता सूची में नाम दोबारा दर्ज कराया जा सकता है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपनी एंट्री जांच लें वोटर लिस्ट में नाम खोजें, EPIC नंबर और दस्तावेजों का मिलान करें, और जरूरत पड़ने पर फॉर्म-6/8/7 के जरिए आवेदन करें ताकि आगामी चुनाव में उत्तर प्रदेश का कोई भी पात्र मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित न रह जाए। UP News

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उत्तर प्रदेश में शीतलहर ने बढ़ाई मुश्किलें, 1 जनवरी तक स्कूलों में अवकाश

कई जिलों में जिलाधिकारियों ने कक्षावार आदेश जारी करते हुए स्कूल संचालन पर आंशिक प्रतिबंध लगाए हैं। जहां शीतलहर ज्यादा सख्त है, वहां कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि कुछ जिलों में एहतियातन 12वीं तक अवकाश घोषित किया गया है।

यूपी में सर्दी की मार
यूपी में सर्दी की मार
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar29 Dec 2025 10:08 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में लगातार गिरते तापमान, घने कोहरे और शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। सुबह-शाम ठंड का प्रकोप बढ़ने और दृश्यता कम होने से स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूलों में 1 जनवरी 2026 तक अवकाश रखने का आदेश जारी किया है। यह फैसला सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी सभी स्कूलों पर लागू होगा। साथ ही यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई और बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े विद्यालय भी इस आदेश के दायरे में आएंगे।

अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग निर्देश

उत्तर प्रदेश में ठंड और कोहरे की तीव्रता जिले-दर-जिले अलग होने के चलते प्रशासन ने भी फैसला स्थानीय हालात के मुताबिक लिया है। कई जिलों में जिलाधिकारियों ने कक्षावार आदेश जारी करते हुए स्कूल संचालन पर आंशिक प्रतिबंध लगाए हैं। जहां शीतलहर ज्यादा सख्त है, वहां कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि कुछ जिलों में एहतियातन 12वीं तक अवकाश घोषित किया गया है।

किन जिलों में क्या आदेश?

  1. सुल्तानपुर: शीतलहर व घने कोहरे को देखते हुए कक्षा 1 से 8 तक स्कूल बंद रखने के निर्देश।
  2. अमरोहा: कक्षा 1 से 8 तक अवकाश; डीएम निधि गुप्ता वत्स के आदेश के बाद स्कूल बंद।
  3. रायबरेली: कड़ाके की ठंड के चलते 1 जनवरी 2026 तक प्राथमिक व बेसिक विद्यालयों में अवकाश; कुछ जगह अन्य बोर्ड के स्कूलों पर भी निर्देश लागू।
  4. चंदौली और सहारनपुर: कक्षा 1 से 8 तक स्कूल बंद रखने के आदेश।
  5. संभल: शीतलहर के कारण 29 और 30 दिसंबर 2025 को नर्सरी से इंटरमीडिएट तक छुट्टी का आदेश।
  6. लखनऊ: राजधानी उत्तर प्रदेश में बढ़ती ठंड को देखते हुए 12वीं तक स्कूल 1 जनवरी 2026 तक बंद; सभी बोर्ड के स्कूलों पर निर्देश लागू।
  7. गोरखपुर: जिलाधिकारी के निर्देश पर 31 दिसंबर तक 12वीं तक स्कूल बंद।
  8. गाज़ियाबाद: 29 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026 तक कक्षा 1 से 12 के स्कूल बंद; टीचर और कर्मचारी स्कूल में उपस्थित रहेंगे और शासकीय योजनाओं/प्रशासनिक कार्यों का संचालन करेंगे।
  9. सहारनपुर (अपडेट): जिलाधिकारी मनीष बंसल के निर्देश पर कक्षा 1 से 12 तक 1 जनवरी 2026 तक अवकाश; डीआईओएस कार्यालय ने आदेश जारी किया।
  10. बुलंदशहर: बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए 29 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026 तक कक्षा 1 से 12 के लिए अवकाश; सभी बोर्ड के स्कूल शामिल।

क्यों लिया गया फैसला?

प्रशासन का कहना है कि उत्तर प्रदेश में छोटे बच्चों पर ठंड का असर तेजी से पड़ता है। सुबह के समय घना कोहरा और कम दृश्यता के कारण स्कूल जाना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए एहतियातन स्कूलों को बंद कर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

मौसम विभाग का अलर्ट बना अहम वजह

मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में आने वाले दिनों में शीतलहर और घने कोहरे की तीव्रता बढ़ सकती है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट भी दर्ज की जा रही है। इसी अलर्ट के आधार पर समय रहते स्कूलों में अवकाश का निर्णय लिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से अभिभावकों ने राहत महसूस की है। उनका कहना है कि ठंड और कोहरे में बच्चों को स्कूल भेजना कठिन हो रहा था। वहीं शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे मौसम की स्थिति पर नजर बनाए रखें और जरूरत पड़ने पर आगे के निर्देश तत्काल जारी करें। UP News

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