यूपी में फर्जी मार्कशीट से बने 22 मास्टर साहबों पर गिरी गाज, 9 साल से उठाया वेतन

9 साल तक उठाते रहे वेतन
माध्यमिक इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) पद पर भर्ती हुई इन शिक्षकों की तैनाती 2016 में की गई थी। जांच में सामने आया कि इन 22 शिक्षकों ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की थी और लगभग 9 साल तक वेतन उठाते रहे। अब जब जांच में यह बात खुलकर सामने आई है और इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है तब योगी सरकार ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके इन शिक्षकों पर कड़ा एक्शन लिया है।जांच में खुलासा, 22 शिक्षक बर्खास्त
आजमगढ़ मंडल के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने सभी 22 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। जांच में पाया गया कि उन्होंने अंकपत्र और प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार किए थे। बर्खास्तगी के बाद विभाग ने इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई और वेतन वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी। इससे पहले यूपी में बेसिक स्कूलों में भी फर्जी मार्कशीट के सहारे शिक्षक बनने का मामला सामने आ चुका है। अब मामला माध्यमिक इंटर कॉलेजों तक पहुंच गया है, जिससे शिक्षा विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। Uttar Pradesh Samacharअगली खबर पढ़ें
9 साल तक उठाते रहे वेतन
माध्यमिक इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) पद पर भर्ती हुई इन शिक्षकों की तैनाती 2016 में की गई थी। जांच में सामने आया कि इन 22 शिक्षकों ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की थी और लगभग 9 साल तक वेतन उठाते रहे। अब जब जांच में यह बात खुलकर सामने आई है और इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है तब योगी सरकार ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके इन शिक्षकों पर कड़ा एक्शन लिया है।जांच में खुलासा, 22 शिक्षक बर्खास्त
आजमगढ़ मंडल के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने सभी 22 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। जांच में पाया गया कि उन्होंने अंकपत्र और प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार किए थे। बर्खास्तगी के बाद विभाग ने इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई और वेतन वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी। इससे पहले यूपी में बेसिक स्कूलों में भी फर्जी मार्कशीट के सहारे शिक्षक बनने का मामला सामने आ चुका है। अब मामला माध्यमिक इंटर कॉलेजों तक पहुंच गया है, जिससे शिक्षा विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। Uttar Pradesh Samacharसंबंधित खबरें
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