Friday, 17 May 2024

वरूण गांधी के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहे हैं उनके समर्थक, मां के कारण साधी चुप्पी

Uttar Pradesh News : भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्राण्ड नेता वरूण गांधी को लेकर उत्तर प्रदेश से दिल्ली तक…

वरूण गांधी के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहे हैं उनके समर्थक, मां के कारण साधी चुप्पी

Uttar Pradesh News : भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्राण्ड नेता वरूण गांधी को लेकर उत्तर प्रदेश से दिल्ली तक खूब चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश ही नहीं देश भर में जहां-जहां भी वरूण गांधी के समर्थक हैं सभी एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि वरूण गांधी का अगला कदम क्या होगा? क्या वरूण गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति में मौजूद रहेंगे या राजनीति को अलविदा कहने का समय आ गया है। सबको पता है कि उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से भाजपा ने वरूण गांधी का टिकट काट दिया है।

क्या करेंगे वरूण गांधी

उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से टिकट कटने के बाद वरूण गांधी पूरी तरह चुप्पी साधकर बैठ गए हैं। वरूण गांधी की चुप्पी का कारण उनकी मां मेनका गांधी को माना जा रहा है। भाजपा ने मेनका गांधी को टिकट दे दिया है। ऐसे में यदि वरूण गांधी कोई बड़ा कदम उठाते हैं तो उसका सीधा असर उनकी मां मेनका गांधी के चुनाव पर पड़ेगा। वरूण गांधी का हर समर्थक यही सवाल पूछ रहा है कि अब वरूण गांधी का क्या होगा?

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वरूण गांधी पर बड़ा सस्पेंस

उत्तर प्रदेश तथा भाजपा की राजनीति पर नजर रखने वाले बता रहे हैं कि वरूण गांधी किसी प्रकार की बगावत करने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं। बीजेपी ने जिस लिस्ट में वरुण की पीलीभीत सीट से जितिन के नाम का ऐलान किया, उसी लिस्ट में मेनका गांधी को सुल्तानपुर सीट से टिकट का ऐलान भी था। पीलीभीत में चुनाव पहले चरण में है और सुल्तानपुर में मतदान चौथे चरण में होना है। वरुण अगर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में या दूसरे दल से चुनाव मैदान में उतरते हैं तो बीजेपी इसे सहजता से लेगी, ऐसा लगता नहीं है। ऐसा हुआ तो वरुण की मां मेनका गांधी की सीट पर नकारात्मक असर पडऩे का खतरा हो सकता है। ऐसे में बीजेपी ने एक ही लिस्ट में मां को टिकट और बेटा बेटिकट का ऐसा दांव चला कि वरुण भी इसमें उलझकर रह गए हैं।

वरुण गांधी की आगे की सियासी राह क्या होगी, चर्चा इसे लेकर भी हो रही है। कोई वरुण के निर्दलीय लडऩे की संभावना जता रहा है तो कोई कांग्रेस से लडऩे की सलाह दे रहा, सोशल मीडिया पर भी अलग ही डिबेट चल रही है. सोशल मीडिया पर तो लोग वरुण को यह सलाह भी देने लगे हैं कि वह अब गांधी परिवार यानि कांग्रेस की ओर लौट जाएं। कांग्रेस से जुड़े कई लोग भी सोशल मीडिया पर यह कह रहे हैं कि वरुण गांधी को अपने परिवार की सीट अमेठी या रायबरेली से चुनाव लडऩा चाहिए. एक एक्स यूजर ने तो वरुण गांधी के कांग्रेस के टिकट पर अमेठी से चुनाव लडऩे की उम्मीद जाहिर कर दी है। इस पोस्ट पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी प्रियंका गांधी का जिक्र करते हुए चुटकी ली है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में देश की 102 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है जिसमें पीलीभीत समेत यूपी की आठ सीटें भी शामिल हैं।  पहले चरण की सीटों के लिए नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 27 मार्च है. पीलीभीत से बीजेपी के उम्मीदवार जितिन प्रसाद 27 मार्च को नामांकन करेंगे। बता दें कि पीलीभीत सीट पर 1996 से ही मेनका गांधी का दबदबा रहा है। मेनका 1989 में जनता दल के टिकट पर इसी सीट से पहली बार संसद पहुंची थीं। 1991 में इस सीट से बीजेपी को जीत मिली लेकिन 1996 में फिर मेनका को जीत मिली और तब से अब तक इस सीट से वह खुद या उनके बेटे वरुण गांधी ही लोकसभा पहुंचते रहे हैं. पीलीभीत से बेटिकट हुए वरुण का अगला कदम क्या होगा? इसे लेकर वरुण या उनके समर्थकों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। Uttar Pradesh News

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