Noida/Jewar : नोएडा/जेवर। गौतमबुद्धनगर के सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा (Mahesh Sharma) की सुरक्षा में कल रात हुई भारी चूक के मामले में पुलिस लीपापोती करने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों में काफी आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि यह एक सुनियोजित साजिश है तथा डा. महेश शर्मा इस साजिश के निशाने पर थे। इसके बाद भी पुलिस इस मामले पर लीपापोती कर रही है, जो काफी शर्मनाक है।
भाजपा कार्यकर्ताओं व सांसद के समर्थकों का कहना है कि जिस तरह से परशुराम जयंती कार्यक्रम के समापन के वक्त जोरदार धमाके के कारण पंडाल पर हादसा हुआ। उससे यह प्रतीत होता है यह मामूली हादसा नहीं बल्कि डा. महेश शर्मा पर कातिलाना हमले की एक सुनियोजित साजिश थी। इस गंभीर घटना को गौतमबुद्ध नगर की पुलिस लीपापोती कर मामूली घटना बनाने पर तुली हुई है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस इस साजिश का खुलासा करने के बजाए मामले पर पर्दा डालने पर जुटी है। एक सांसद (Mahesh Sharma) के गंभीर मामले में पुलिस की यह बचकानी हरकत न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि गंभीर भी है।
पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि सांसद महेश शर्मा (Mahesh Sharma) पर बमनुमा जलती हुई चीज गिर जाती तो भयंकर हादसा से इंकार नहीं किया जा सकता। फिर भी पुलिस की बेशर्मी देखो कि मामले पर लीपापोती कर रही है। बता दें कि जेवर के प्राचीन दाउजी मंदिर में रविवार की रात परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम चल रहा था। इस कार्यक्रम में गौतमबुद्धनगर के सांसद डा. महेश शर्मा, अलीगढ के सांसद सतीश गौतम, एमएलसी श्रीचंद शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी समेत कई नेता मौजूद थे।
जब यह हादसा हुआ तब कार्यक्रम का समापन हो रहा था। तभी करीब रात 10 बजे जोरदार धमाके के साथ एक जलती हुई चीज पंडाल में छेद करती हुई नीचे गिरी। इससे मंच पर अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत डा. महेश शर्मा व अन्य नेताओं को गाडिय़ों में बैठाया तथा वहां से चले गये। मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व आयोजक शिव कुमार शर्मा व महासचिव हेमंत मिश्रा की ओर से पुलिस में मामले की लिखित शिकायत भी की गई जिसमें जांच करके कार्यवाही की मांग की गयी।
सफेद झूठ बोल रही है पुलिस!
नोएडा। सांसद डा. महेश शर्मा के कार्यक्रम में हुए हादसे को लेकर गौतमबुद्धनगर की पुलिस सफेद झूठ बोल रही है।
इस संबंध में पुलिस का कहना है कि जहां परशुराम जयंती कार्यक्रम चल रहा था। उसी पंडाल में कथा का भी कार्यक्रम था। कथा समापन के बाद आतिशबाजी चलाई गई थी। इस दौरान कोई सुतली बम पंडाल पर गिरा होगा। कथा आयोजकों का कहना है कि कथा का समापन शाम 4 बजे हो गया था। इसके बाद आतिशबाजी चलाई गई थी जो समाप्त हो गयी। परशुराम जयंती का कार्यक्रम रात 8 बजे शुरू हुआ। यह हादसा परशुराम जयंती के समापन के वक्त हुआ तब करीब 9.30 बजे थे। ऐसे में पुलिस पूरे मामले पर सफेद झूठ बोल रही है।
मामला गंभीर
सांसद डा. महेश शर्मा का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है। उन्होंने पुलिस के शीर्ष अफसरों से मामले की गंभीरता से जांच करने को कहा है। यदि सुतली बम की बात सही है तो भी पुलिस पूरे मामले का पता कर ऐसी हरकत करने वाले को गिरफ्तार करे।
उल्लेखनीय है कि सांसद डा. महेश शर्मा ने रविवार को अपने सभी कार्यक्रमों की जानकारी शनिवार को ही सोशल मीडिया के जरिए दे दी थी। इसके बाद भी पुलिस ने सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया। यदि पुलिस सक्रिय रही होती तो यह हादसा नहीं होता। जिसमें डा. महेश शर्मा बाल-बाल बचे।
सख्त कार्यवाही हो
विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस घटना की घोर निंदा की है। अधिकतर संगठनों का कहना है कि यह मामला सुरक्षा चूक से जुड़ा हुआ एक गम्भीर प्रकरण है। इस मामले में प्रदेश व केंद्र की सरकार को दख़ल देकर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कुछ संगठनों का तो यहाँ तक कहना है कि यदि आवश्यकता पडे तो मामले की ष्टक्चढ्ढ से जाँच कराई जानी चाहिए।