New Delhi : नई दिल्ली। द्रोपदी मुर्मू के रूप में देश को 15वां राष्ट्रपति मिल गया है। आजाद भारत के इतिहास में यह चुनाव सिर्फ खास ही नहीं, ऐतिहासिक भी रहा। द्रोपदी मुर्मू ने इस चुनाव में कई कीर्तिमान भी बनाए हैं। देश के 15वें राष्ट्रपति चुनाव में विजयी हुईं द्रोपदी मुर्मू का सामना कभी भाजपा के दिग्गज नेता रहे यशवंत सिन्हा से था। शुरू में दोनों के बीच कडे़ मुकाबले की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन समय बीतने के साथ ही लगभग तय हो गया था कि मुर्मू इतिहास बनाने के बेहद करीब हैं। इस चुनाव में द्रोपदी मुर्मू कई कीर्तिमान भी स्थापित किए।
द्रोपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वालीं पहली आदिवासी महिला हैं। वह आजाद भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं। आठ साल पहले नरेंद्र मोदी भी आजाद भारत में पैदा होने वाले पहले पीएम बने थे। द्रोपदी मुर्मू देश की सबसे युवा राष्ट्रपति का भी कीर्तिमान स्थापित किया है। यह कीर्तिमान पहले नीलम संजीव रेड्डी के नाम था। उन्होंने 64 साल 2 महीने और 6 दिन की उम्र में शपथ ली थी। मुर्मू जब 25 जुलाई को शपथ लेंगी, तब उनकी उम्र 64 साल एक महीना और 8 दिन होगी। वह देश की प्रथम नागरिक बनने वाली पहली पार्षद हैं। 1997 में वह वार्ड पार्षद बनी थीं। इस चुनाव में ओडिशा का भी नाम इतिहास के पन्नों में जुड़ गया। उस राज्य से पहली बार कोई राष्ट्रपति के पद तक पहुंचा है।