Sunday, 5 May 2024

DELHI UNIVERSITY: परिसर में अव्यवस्था फैलाना छात्र संगठनों का मकसद:कुलपति

DELHI UNIVERSITY: नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने कहा है कि कुछ छात्र संगठनों द्वारा ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग…

DELHI UNIVERSITY: परिसर में अव्यवस्था फैलाना छात्र संगठनों का मकसद:कुलपति

DELHI UNIVERSITY: नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने कहा है कि कुछ छात्र संगठनों द्वारा ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के विवादास्पद वृत्तचित्र को दिखाने का मकसद विश्वविद्यालय परिसर में ‘अव्यवस्था’’ पैदा करना था। उन्होंने कहा कि परिसर में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि डीयू के बुनियादी ढांचे का कायाकल्प शीर्ष प्राथमिकता में है और नये पाठ्यक्रम पेश करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीयू विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र को दिखाने का मकसद विश्वविद्यालय परिसर में ‘अव्यवस्था’’ पैदा करना था। वे ऐसा करने में कामयाब भी रहे।

उन्होंने कहा, मैं परिसर में इस तरह का व्यवहार नहीं होने दूंगा, इसलिए मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन ने पिछले महीने कहा था कि वे 2002 के गुजरात दंगों पर विवादित वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ का डीयू के उत्तरी परिसर में अलग-अलग समय पर प्रदर्शन करेंगे।

गौरतलब है कि 27 जनवरी को ‘स्क्रीनिंग’ के दिन पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को आगे बढ़ने से रोका तो हंगामा हो गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय से 24 छात्रों को हिरासत में लिया गया था। इस घटना के बाद सुरक्षा में कमियों की जांच करने के वास्ते ‘चीफ प्रॉक्टर’ रजनी अब्बी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।

कुलपति ने कहा कि समिति ने 31 जनवरी को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी थी और समिति विस्तृत जांच के तहत घटना में शामिल छात्रों के माता-पिता के साथ बातचीत कर रही है। सिंह ने कहा, जांच जारी है और जल्द ही परिणाम सामने आयेगा। हंसराज कॉलेज में मांसाहार पर पाबंदी को ‘तुच्छ मुद्दा’ बताते हुए सिंह ने कहा कि यदि प्राचार्य आर्य समाज के मूल्यों को लागू करना चाहते हैं तो किसी को इससे परेशानी नहीं होनी चाहिए।

सिंह ने कहा यह एक तुच्छ विवाद है। खानपान की आदतें व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करती हैं। लेकिन जब हम ऐसे कॉलेज में हैं जिसे आर्य समाज द्वारा सहायता प्रदान की जा रही हैं और यदि प्राचार्य आर्य समाज के मूल्यों को लागू करना चाहते हैं तो हमें इसका समर्थन करना चाहिए। ‘ साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को अपने अहंकार को एक तरफ रखना चाहिए।

भारत से बाहर दिल्ली विश्वविद्यालय के विस्तार की योजना पर सिंह ने कहा कि फिलहाल कोई योजना नहीं है, लेकिन हम इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं।

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