Saturday, 4 May 2024

Fake Lab Test Case: मामले में दिल्ली के LG ने की, CBI जांच की सिफारिश

Fake Lab Test Case: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर एक और धोखाधड़ी का आरोप लगा है। आप सरकार पर…

Fake Lab Test Case: मामले में दिल्ली के LG ने की, CBI जांच की सिफारिश

Fake Lab Test Case: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर एक और धोखाधड़ी का आरोप लगा है। आप सरकार पर आरोप है कि फर्जी लैब टेस्ट के जरिए धोखाधड़ी की गई है। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में फर्जी रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी के टेस्ट कराकर प्राइवेट लैब को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। इस मामले के प्रकाश में आने से पहले से ही मुसीबतों में घिरी केजरीवाल सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस मामले में दिल्ली के एलजी ने सीबीआई जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

उपराज्यपाल ने Fake Lab Test Case में की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश

दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ अब एक मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है। एलजी सक्सेना ने आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में अदृश्य मरीज द्वारा नकली लैब टेस्ट कराने के मामले में सीबीआई से जांच करने की सिफारिश की है। इससे पहले एलजी ने नकली दवा और वन विभाग मामले में भी सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। अब एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले में भी केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने के आदेश दिए हैं।

एलजी ने इस मामले में अपनी सिफारिशी खत में लिखा है कि “मोहल्ला क्लीनिकों में नकली लैब टेस्ट हो रहे हैं। इसके लिए नकली या जो मोबाइल नंबर मौजूद ही नहीं हैं, उन्हें दर्ज करा कर मरीजों की एंट्री दिखाई जा रही है। जांच में आम आदमी मोहल्ला क्लीनिकों में भारी अनियमितताएं मिली हैं, जिसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग की एक जांच रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शाहदरा, उत्तर पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी जिले के मोहल्ला क्लीनिकों में डॉक्टर ही नहीं आते।”

Fake Lab Test Case: क्या है ये पूरा मामला

दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक में प्रयोगशाला जांच सेवाएं आउटसोर्स की हुई हैं। उसने एजिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड और मेट्रोपॉलिस हेल्थ केयर लिमिटेड को ये सेवाएं दी हुई हैं। ये सेवा प्रदाता मोहल्ला क्लीनिकों में लैब परीक्षण प्रदान कर रहे हैं। आरोप ये हैं कि फर्जी जांच करने के बदले इन सेवा प्रदाताओं को भुगतान किया गया। अर्थात जांच का भुगतान तो हुआ, लेकिन जांच के लिए मरीज थे ही नहीं।

इस मामले की जांच में हुए महत्वपूर्ण खुलासे

इस मामले में हुई जांच में कई खामियां पाई गईं। जैसे कि कई रोगियों के मोबाइल नंबर में केवल 0 अंक दर्ज हैं, ऐसे कुल 11,657 रिकॉर्ड पाए गए। इसी तरह कुल 8251 रिकॉर्ड ऐसे भी पाए गए, जिनमें मोबाइल नंबर रिकॉर्ड खाली हैं। इसके अलावा 3092 रोगियों के मोबाइल नंबर को 9999999999 के रूप में दर्ज किया गया है।

तो वहीं 1,2,3,4,5 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर जोकि भारत में अस्तित्व रखने वाले मोबाइल नंबर नहीं हैं, इनकी संख्या 400 रिकॉर्ड कि गई। इसके अतिरिक्त 15 बार या उससे अधिक बार दिखाए गए मोबाइल नंबर की संख्या 999 रिकॉर्ड दर्ज की गई।

Fake Lab Test Case

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