आर पी रघुवंशी
Greater Noida: Dadri/Noida दादरी/नोएडा। दादरी तहसील (Dadri News) के ‘चिटहैरा’ गांव में हुआ भूमि घोटाला (Greater Noida Land Scam) किसी एक गांव में हुआ प्रदेश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला है। इस घोटाले के जरिए भूमाफियाओं, सरकारी अफसरों एवं गांव के ही कई सफेदपोशों ने तीन सौ करोड़ रूपये का मुआवजा हड़प लिया है। इस प्रकरण में पिछले 20 वर्षों में ढ़ेर सारी जांच हुई हैं। किन्तु नतीजा जीरो रहा है। एक बार फिर जांच की खानापूर्ति का खेल चल रहा है। बड़े-बड़े दावे प्रचारित किए जा रहे हैं कि जांच पूरी हो गयी है।
सब जानते हैं कि जिले के बड़े गांवों में गिना जाने वाला गांव ‘चिटहैरा’ दादरी कस्बे से लगा हुआ है। इस गांव की जमीन का रकबा 5 हजार बीघे से भी अधिक है। गांव समाज की जमीन (L.M.C.) भी डेढ़ हजार बीघे के आसपास है। वर्ष-1997 में गांव के तत्कालीन गांव प्रधान ने एलएमसी के पट्टे करने शुरू किए। आरोप है कि पट्टों के बदले मोटी रकम वसूल कर 90 प्रतिशत पट्टे अपात्र लोगों यानि आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों को दे दिए गए। गांव के जागरूक लोगों को जब तक इस घोटाले का पता चलता तब तक बड़ा खेल हो चुका था। फिर भी शिकायतें की गई। इन शिकायतों पर जांच का तथाकथित खेल चला किन्तु नतीजा कुछ नहीं निकला। गांव की लगभग 1200 बीघे जमीन के अवैध रूप से 282 पट्टे करके खूब दलाली की गयी।
गांव की बेशकीमती जमीन को हड़पने के इस खेल में वर्ष-2013 में बागपत जिले का रहने वाला यशपाल तोमर नामक एक भूमाफिया की एंट्री हुई। इस भूमाफिया ने तो गजब ही कर डाला। गांव के कुछ दलाल किस्म के लोगों के साथ ही साथ राजनीतिक तौर पर ब्लॉक स्तर पर स्थापित एक सफेद पोश परिवार की मदद लेकर पट्टों की तमाम जमीन को 300 रूपए गज के मामूली भाव पर खरीद लिया। यह बात सभी जानते हैं कि इन पट्टों की खरीद-फरोख्त पूरी तरह अवैध व गैर कानूनी है। पंजाब, हरियाणा व कर्नाटक तक के लोगों को फर्जी ढंग से चिटहैरा का नागरिक दर्शा कर उनके नाम जमीन के एग्रीमेंट व बैनामे करा लिए गए।
अवैध ढंग से बैनामे कराने के बाद असंक्रमणीय जमीन को संक्रमणीय कराकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुआवजे की खुली लूट की गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पट्टों की मूल जमीन तथा रातोंरात रकबा बढ़ाकर लगभग सवा आठ सौ बीघे जमीन का मुआवजा उठाया (खुली लूट) गया। इस मुआवजे की रकम 3450000000 रूपए (तीन सौ पैंतालीस करोड रूपए) बैठती है। इतनी बड़ी रकम का घोटाला पूरे उत्तर प्रदेश के किसी दूसरे गांव में नहीं हुआ है। यानि यह घोटाला प्रदेश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला (Greater Noida Land Scam) है। समय-समय पर गांव के कुछ जागरूक लोगों ने इस घोटाले की शिकायतें भी की हैं। जिस-जिस ने शिकायत की उन सबको फर्जी मुकदमों में फंसाने का अभियान भी चलता रहा है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को तो फर्जी मुदकमों में जेल तक भेजा गया। कुल मिलाकर प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले में ‘खुला खेल फर्रूखाबादी’ चलता रहा।
कुछ दिन पूर्व इस पूरे घोटाले का मास्टर माइंड यशपाल तोमर उत्तरांचल के एक प्रकरण में गिरफ्तार होकर जेल गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से इस प्रकरण की जांच शुरू हुई है। अलग-अलग स्तर पर चल रही जांच प्रक्रिया को देखकर कहीं से भी नहीं लग रहा है कि इस प्रकरण में कुछ ठोस होने वाला है। बड़े-बड़े दावे जरूर किए जा रहे हैं कि कार्यवाही होगी।
हवा-हवाई जांच !
चिटहैरा के भूमि घोटाले में आधा दर्जन लेखपाल, तहसीलदार, चार से अधिक एस.डी.एम., पूर्व जिलाधिकारी, एक कमिश्नर, गांव के कई पूर्व प्रधान व गांव का ही एक राजनीतिक परिवार परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप से शमिल रहे हैं। सीबीआई जैसे किसी मजबूत एजेंसी से जांच के बिना इस प्रकरण का सही-सही खुलासा होना असंभव प्रतीत हो रहा है। फिर भी कागजों पर जांच जारी है। देखना होगा कि जांच का कोई नतीजा निकलता है अथवा यह जांच भी पहले की आधा दर्जन जांचों की तरह हवा-हवाई ही साबित होती है।