Friday, 26 April 2024

Noida Land Scam Exclusive: ‘अफसर’ भी शामिल हैं यूपी के सबसे बड़े भूमि घोटाले में

आर.पी. रघुवंशी Noida Land Scam: नोएडा/दादरी। प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले का मास्टर माइंड रहा कुख्यात भू-माफिया भूमि हड़प…

Noida Land Scam Exclusive: ‘अफसर’ भी शामिल हैं यूपी के सबसे बड़े भूमि घोटाले में

आर.पी. रघुवंशी

Noida Land Scam: नोएडा/दादरी। प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले का मास्टर माइंड रहा कुख्यात भू-माफिया भूमि हड़प कर करोड़ों कमाने के खेल में अकेला नहीं है। इस अंतर्राज्यीय माफिया के साथ प्रशासनिक अफसरों की पूरी टीम इस धंधे में शामिल थी। जानकार सूत्रों का दावा है कि आधा दर्जन से अधिक सरकारी अधिकारी भू-माफिया के गिरोह का हिस्सा रहे हैं। इन अधिकारियों में तहसीलदार से लेकर कमिश्नर स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं।

ज्ञात रहे कि उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भूमि घोटाला (एक ही गांव की जमीन का) दादरी तहसील  (Noida Land Scam) के चिटहैरा गांव में हुआ है। ‘चिटहैराÓ दादरी कस्बे से लगा हुआ है। इस गांव की जमीन का रकबा 7 हजार बीघे से भी अधिक है। गांव समाज की जमीन (एल.एम.सी.) भी डेढ़ हजार बीघे के आसपास है। वर्ष-1997 में गांव के तत्कालीन गांव प्रधान ने एलएमसी के पट्टे करने शुरू किए थे। आरोप है कि पट्टों के बदले मोटी रकम वसूल कर 90 प्रतिशत पट्टे अपात्र लोगों को दे दिए गए। गांव के जागरूक लोगों को जब तक इस घोटाले का पता चलता तब तक बड़ा खेल हो चुका था। फिर भी शिकायतें की गई। इन शिकायतों पर जांच का तथाकथित खेल चला किन्तु नतीजा कुछ नहीं निकला। गांव की लगभग 1200 बीघे जमीन के अवैध रूप से 282 पट्टे करके खूब दलाली की गयी।

गांव की बेशकीमती जमीन को हड़पने (Noida Land Scam) के इस खेल में वर्ष-2013 में बागपत जिले का रहने वाला यशपाल तोमर Yashpal Tomar)  नामक एक भूमाफिया की एंट्री हुई। इस भूमाफिया ने तो गजब ही कर डाला। गांव के कुछ दलाल किस्म के लोगों के साथ ही साथ राजनीतिक तौर पर ब्लॉक स्तर पर स्थापित एक सफेद पोश परिवार की मदद लेकर पट्टों की तमाम जमीन को 300 रूपए गज के मामूली भाव पर खरीद लिया। यह बात सभी जानते हैं कि इन पट्टों की खरीद-फरोख्त पूरी तरह अवैध व गैर कानूनी है। पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) व कर्नाटक (Karnataka )  तक के लोगों को फर्जी ढंग से चिटहैरा का नागरिक दर्शा कर उनके नाम जमीन के एग्रीमेंट व बैनामे करा लिए गए।

अवैध ढंग से बैनामे कराने के बाद असंक्रमणीय जमीन को संक्रमणीय कराकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Noida News) के मुआवजे की खुली लूट की गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पट्टों की मूल जमीन तथा रातोंरात रकबा बढ़ाकर लगभग सवा आठ सौ बीघे जमीन का मुआवजा उठाया (खुली लूट) गया। इस मुआवजे की रकम 3450000000 रूपए (तीन सौ पैंतालीस करोड रूपए) बैठती है। इतनी बड़ी रकम का घोटाला पूरे उत्तर प्रदेश के किसी दूसरे गांव में नहीं हुआ है। यानि यह घोटाला प्रदेश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला है।

यह भी अब सर्वविदित तथ्य हो चुका है कि इस घोटाले का मास्टर माइंड बागपत जिले का मूल निवासी यशपाल तोमर है। इस कुख्यात भू-माफिया को हाल ही में उत्तराखंड की एसटीएफ ने दबोचा है। इन दिनों वह जेल में बंद है। उत्तर प्रदेश के बागपत, मेरठ व गौतमबुद्धनगर  (Noida News)  जनपदों में भी उसके विरूद्ध अनेक अपराधिक मामले दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश की पुलिस उसे प्रदेश स्तर का भू-माफिया घोषित करके उसके द्वारा अर्जित की गयी संपत्ति को जब्त करने की योजना बना रही है।

जानकार सूत्रों का दावा है कि सैकड़ों करोड़ रूपए के मुआवजे को हड़पने के इस खेल में तोमर अकेला नहीं है। उसके साथ उत्तर प्रदेश के कई अफसर भी मिले हुए हैं। इन अफसरों की मदद से ही उसने सीधे-साधे किसानों एवं गरीब मजदूरों की बेशकीमती जमीन हथियाकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Noida Land Scam) का मुआवजा ठगा है। उसके गिरोह में तहसीलदार से लेकर कमिश्नर स्तर तक के पूर्व अधिकारी शामिल बताए जाते हैं। इनमें से कुछ अधिकारी तो सेवानिवृत्त हो गए हैं तथा कुछ अभी भी विभिन्न जनपदों में तैनात हैं। सौ टके का सवाल यह है कि क्या भू-माफियागिरी का धंधा करने वाले ये अफसर पकड़े जाएंगे? अथवा इस पूरे मामले में जांच के नाम पर लीपापोती ही होती रहेगी?

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