Friday, 3 May 2024

Cruelty of Bihar Police : फिर दिखा बिहार पुलिस का अमानवीय चेहरा, सीएम काफिले के लिए किया मासूम की ज़िंदगी से खिलवाड़

Cruelty of Bihar Police : बिहार पुलिस अपनी निष्ठुरता के लिए जानी जाती है। बिहार पुलिस निर्ममता के अपने इस…

Cruelty of Bihar Police : फिर दिखा बिहार पुलिस का अमानवीय चेहरा, सीएम काफिले के लिए किया मासूम की ज़िंदगी से खिलवाड़

Cruelty of Bihar Police : बिहार पुलिस अपनी निष्ठुरता के लिए जानी जाती है। बिहार पुलिस निर्ममता के अपने इस तमगे को खोना नहीं चाहती, शायद इसीलिए गाहे-बगाहे बिहार पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ ही जाता है। एक बार फिर सुशासन पुलिस की संवेदनहीनता सामने आई है, जब मुख्यमंत्री के काफिले को निकालने के लिए उन्होंने एक मासूम बच्चे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी।

Cruelty of Bihar Police : बिहार पुलिस ने फिर दिखाई निर्ममता

बिहार की राजधानी पटना में स्थानीय पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर तब सामने आ गया, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले को निकालने के लिए बिहार पुलिस ने निर्दयता दिखाई। शुक्रवार को जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे एक मासूम को हॉस्पिटल ले जा रही, एंबुलेंस को करीब एक घंटे तक रोककर बच्चे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी।

मामला राजधानी पटना से सटे फतुहा थाना क्षेत्र स्थित आरओबी के पास का है। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपने गृह जिले नालंदा के बिहार शरीफ के दीपनगर थाना क्षेत्र के फतेहली ग्राम में चंद्रिका पावर के इथेनॉल उत्पादन फैक्ट्री का उदघाटन कर वापस लौट रहे थे। घटना की जानकारी देने पर बिहार के सीएम नीतीश बाबू ने इस पर अपनी अनभिज्ञता जाहिर कर अपना पल्ला झाड़ लिया।

बेहोश मासूम एंबुलेंस में 1 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझता रहा

बिहार पुलिस द्वारा रोकी गई ये एंबुलेंस करीब एक घंटे तक वहाँ फंसी रही, जबकि उस एंबुलेंस में एक मासूम बच्चा जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। वो मासूम एंबुलेंस में काफी देर तक बेहोश रहा, बच्चे की माँ और अन्य परिजन पुलिस से लगातार उन्हें जाने देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और टस से मस नहीं हुई। Cruelty of Bihar Police

एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि फतुहा के एक निजी अस्पताल से उस बच्चे को लेकर ये लोग पटना के अस्पताल जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने मुख्यमंत्री के काफिले को पास करने के लिए सभी गाड़ियो रोकी हुई थी। उन्होंने हमें भी रोक लिया, जबकि हमने पुलिस को बताया भी इसमें इमरजेंसी पेशेंट है, लेकिन पुलिस नहीं मानी और हमारी एंबुलेंस को करीब घंटे भर रोकी रही।

Cruelty of Bihar Police

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