Haryana News : राजनीति में खेला शब्द खूब पॉपुलर हो गया है। केन्द्र में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी आए दिन कोई न कोई राजनीतिक खेला करती रहती है। रविवार को कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा खेला कर दिया है। कांग्रेस ने हरियाणा प्रदेश में भाजपा को जोरदार झटका देते हुए बड़े जाट नेता वीरेन्द्र सिंह के परिवार को अपने पाले में मिला लिया है। हरियाणा की हिंसार लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद तथा वीरेन्द्र सिंह के पुत्र बृजेन्द्र सिंह ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। अपने पिता वीरेन्द्र सिंह के साथ हिंसार के सांसद बृजेन्द्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस उठा पटक को हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस का बहुत बड़ा खेला माना जा रहा है। सांसद बृजेंद्र सिंह का परिवार हरियाणा का राजनीति में एक मजबूत स्थान रखता है।
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हरियाणा में बड़ा खेला
हिसार लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बृजेन्द्र सिंह ने भाजपा छोड़ दी है। भाजपा से त्यागपत्र की घोषणा सांसद बृजेन्द्र सिंह ने खुद अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी है। भाजपा से इस्तीफा देेते समय सांसद बृजेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा को धन्यवाद भी कहा है। बृजेन्द्र सिंह के त्याग-पत्र को राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस पार्टी का बड़ा खेला बता रहे हैं। सबको पता है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र सिंह बड़े जाट नेता माने जाते हैं। एक समय था जब चौधरी वीरेन्द्र सिंह हरियाणा की राजनीति के केन्द्र में रहा करते थे। वीरेन्द्र सिंह लम्बे अर्से तक कांग्रेस के नेता रहे उनका पूरा परिवार खासतौर से बृजेन्द्र सिंह भी मूलरूप से कांग्रेसी ही रहे हैं। यह अलग बात है कि सांसद बृजेंद्र सिंह राजनीति के मैदान में उतरने से पहले एक आईएएस अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे। वर्ष 2019 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने बृजेंद्र सिंह को सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दिलवाकर लोकसभा का चुनाव लड़ाया था।
हरियाणा का समीकरण
आपको बताते चले कि हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। बात 2019 के लोकसभा चुनावों की करें तो भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हिसार से भाजपा के कैंडिडेट बृजेंद्र सिंह 314068 वोटों से चुनाव जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में नौकरशाह से नेता बने बृजेंद्र सिंह ने जेजेपी के दुष्यंत चौटाला और भव्य बिश्नोई जो उस समय कांग्रेस के साथ थे उन्हें हराकर हिसार लोकसभा सीट जीती थी। बृजेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं और आईएएस की नौकरी छोडक़र चुनावी दंगल में उतरे थे। पूर्व बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह के पिता बीरेंद्र सिंह 2022 तक राज्यसभा सदस्य रहे। वह पांच बार 1977, 1982, 1994, 1996 और 2005 में उचाना से विधायक चुने गए और तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। बृजेंद्र सिंह 1984 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से ओमप्रकाश चौटाला को हराकर सांसद बने थे। इस पूरे घटनाक्रम से हरियाणा की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। सभी विश्लेषक इसे कांग्रेस का बड़ा खेला बता रहे हैं। विषेशलकों का दावा है कि कांग्रेस के इस दांव से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का बड़ा नुकसान हो सकता है। वैसे भी हरियाणा में भाजपा व जेजेपी का गठबंधन में पेंच फंसा हुआ है। सांसद बृजेंद्र सिंह नही चाहते थे कि भारतीय जनता पार्टी जेजेपी के साथ अपना गठबंधन जारी रखें। Haryana News
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