Wednesday, 15 May 2024

यूं ही नंबर वन एयरलाइंस नहीं बन गई है इंडिगो, संस्थापक ने किया है कमाल

Indigo Airlines : भारत की सबसे सस्ती एयरलाइंस इंडिगो नंबर वन एयरलाइंस बन गई है। इंडिगो नंबर वन है यह…

यूं ही नंबर वन एयरलाइंस नहीं बन गई है इंडिगो, संस्थापक ने किया है कमाल

Indigo Airlines : भारत की सबसे सस्ती एयरलाइंस इंडिगो नंबर वन एयरलाइंस बन गई है। इंडिगो नंबर वन है यह तो आपको पता चल गया किंतु यह इंडिगो नंबर वन बनी कैसे ? यहां हम भारत की सर्वश्रेष्ठ बन चुकी इंडिगो एयरलाइंस के नंबर वन बनने का पूरा राज बता रहे हैं। इंडिगो की सफलता का राज छुपा हुआ है इस एयरलाइंस के संस्थापक की स्टोरी में।

Indigo Airlines

राहुल भाटिया है इंडिगो के संस्थापक

इंडिगो एयरलाइंस के मालिक यानि कि संस्थापक का नाम राहुल भाटिया है। राहुल भाटिया उत्तराखंड के शहर नैनीताल के रहने वाले हैं। इनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। आज यह व्यक्ति इंडिगो एयरलाइंस का मालिक बनकर हवाई यात्रा की दुनिया में चमत्कार पर चमत्कार कर रहा है। इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया आज आसमान के बादशाह कहलाते हैं। इंडिगो के विमानों ने देश के एयरस्पेस में कब्जा किया हुआ है। हर साल 8 करोड़ से अधिक लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लाते और ले-जाते हैं। उनकी कंपनी की वैल्यूएशन 1 लाख 46 हजार 490 करोड़ (1,46,490.49) रुपये है। इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया के पिता एक बिजनेसमैन थे। वे दिल्ली एक्सप्रेस (Delhi Express) नाम से एक ट्रैवल कंपनी चलाते थे। 20 साल पुराना उनका यह बिजनेस दिवालिया (Bankrupt) हो गया था। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद राहुल भाटिया IBM में काम करते हुए यह सब देख रहे थे।

इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया ने साल 1988 में अपने पिता की सहायता करने की ठानी। चूंकि उनके पिता के पास ट्रैवल इंडस्ट्री का बड़ा अनुभव था, तो राहुल भाटिया ने भी इसी फील्ड में उतरना बेहतर समझा। राहुल ने अपनी एक ट्रैवल कंपनी शुरू की, जिसका नाम रखा गया इंटरग्लोब (Interglobe)। इसी को आज दुनिया इंडिगो (Indigo) के नाम से जानती है।

साल 1988 में शुरू हुई इंटरग्लोब कंपनी धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई और राहुल भाटिया भी आगे बढते चले गए। उनकी नजर कुछ बड़ा करने पर थी। साल 1992 में भारत सरकार ने एयरलाइन्स के लिए प्राइवेट लाइसेंस देने शुरू किए। इसके बाद कई खिलाड़ी एविएशन इंडस्ट्री में उतरे, मगर राहुल भाटिया एक बेहतर रणनीति के साथ बाजार में उतरने की योजना पर काम कर रहे थे। उन्होंने राकेश गंगवाल (US एयरवेज़) के साथ साझेदारी की और एक लम्बी प्रक्रिया के बाद 2004 में उन्हें इंडीगो एयरलाइन्स का लाइसेंस मिल गया। इस प्रकार शुरू हुई इंडिगो एयरलाइंस की कहानी।

सबसे ज्यादा उड़ान भरने वाली एयरलाइंस है इंडिगो

एयरलाइंस इंडस्ट्री के बाकी प्लेयर जब पानी की तरह पैसा बहा रहे थे, तब राहुल भाटिया ने 2005 में हुए पेरिस एयर शो (Paris Air Show) में 6.5 बिलियन डॉलर के 100 हवाई जहाज ऑर्डर किए. उन्होंने A320-200 एयरक्राफ्ट खरीदे. 2006 में इंडिगो का पहला प्लेन नई दिल्ली से इम्फाल (वाया गुवाहाटी) तक उड़ा। यहां से एविएशन इंडस्ट्री की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलनी शुरू हो गईं. इंडिगो की फ्लाइट का किराया कम था, कोई तकनीकी झंझट नहीं थे, जिसे हवाई यात्रियों ने खूब पसंद किया। इंडिगो एयरलाइंस आज भी भारत की सबसे सस्ती और टाइम पर चलने वाली एयरलाइंस बनी हुई है।

फिलहाल इंडिगो रोजाना 1800 फ्लाइट उड़ा रही है। इंडिगो एयरलाइंस भारत ही नहीं दुनिया के 100 डेस्टिनेशन्स को कनेक्ट करती है। एक खास बात यह भी जानने लायक है कि केवल इंडिगो ही ऐसी एयरलाइनस है जो भारत में 300 से ज्यादा जहाज उड़ा रही है। वित्त वर्त 2023 में कंपनी ने 54,446.45 करोड़ रुपये की सेल की। दिसंबर 2023 वाली तिमाही में इंडिगो ने 19,452.15 करोड़ के सेल की। इसी तिहामी में कंपनी का प्रॉफिट (PAT) 2,998.49 करोड़ रुपये रहा। तो अह आप समझ ही गए होंगे कि यूं ही इंडीगो नंबर 1 एयर लाइंस नहीं बन गई है।

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