Wednesday, 8 May 2024

Latest News : पूर्व कर्मचारी ने JNUऔर IIT Delhi के 38 प्रोफेसरों को लगाया करोड़ों चूना

Latest News : नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और अन्य संस्थानों के कई प्रोफेसरों ने जेएनयू के एक पूर्व…

Latest News : पूर्व कर्मचारी ने JNUऔर IIT Delhi के 38 प्रोफेसरों को लगाया करोड़ों चूना

Latest News : नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और अन्य संस्थानों के कई प्रोफेसरों ने जेएनयू के एक पूर्व कर्मचारी पर आवास विकास योजना के तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की जमीन पर घर देने का वादा कर उनसे करोड़ों रुपये ठगने का आरोप लगाया है।

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सात साल से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद जब इन शिक्षाविदों को खोखले वादों के अलावा कुछ नहीं मिला तो उनका धैर्य टूट गया और उन्होंने दिल्ली पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई।

प्रथम दृष्टया, पुलिस को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दोष साबित करने योग्य साक्ष्य मिले हैं और उसने प्राथमिकी दर्ज की है।

दरअसल, जेएनयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक तकनीकी कर्मचारी डॉ. डी पी गायकवाड़ ने 2015 में सेवानिवृत्त होने से ठीक पहले एक सोसायटी बनाई और इसे नोबल सोशियो-साइंटिफिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसडब्ल्यूओ) नाम दिया।

डॉ. डी पी गायकवाड़ ने यह दावा करते हुए अपने साथियों को इस सोसायटी की सदस्यता बेच दी कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत द्वारका नजफगढ़ क्षेत्र में एल-जोन में सोसायटी की जमीन है।

गायकवाड़ ने जेएनयू, आईआईटी-दिल्ली और आस-पास के अन्य संस्थानों के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों से विभिन्न किस्तों में तीन साल के लिए दो लाख रुपये से लेकर 16 लाख रुपये तक एकत्र किए, और उन्हें आश्वासन दिया कि यह परियोजना चालू है।

इस धोखाधड़ी का शिकार हुए जेएनयू के आण्विक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर गोबर्धन दास ने कहा कि इसे वास्तविक दिखाने के लिए वह हममें से कई लोगों को जमीन का एक टुकड़ा दिखाने के लिए ले गया, लेकिन बाद में पता चला कि एनएसएसडब्ल्यूओ जमीन का मालिक नहीं था।

प्रोफेसर गोबर्धन दास ने कहा कि एनएसएसडब्ल्यूओ के सभी सदस्यों को धोखा देकर मोटी रकम वसूलने के बाद उसने बातचीत बंद कर दी और अपने सभी फोन नंबर ब्लॉक कर दिए।

उसके संपर्क तोड़ने के बाद, हालांकि कुछ प्रोफेसरों ने गुरुग्राम में उसका पता लगाया और वे उसके पास गए। फिर भी, उसने एक और आकर्षक योजना की पेशकश के साथ उन्हें फिर से अपने झांसे में ले लिया।

डॉ. डी पी गायकवाड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले 10 लोगों में से एक आईआईटी-दिल्ली के प्रोफेसर विश्वजीत कुंडू ने कहा कि उसने धोखाधड़ी की अपनी चाल जारी रखी और फरवरी 2019 में, उसने एनएसएसडब्ल्यूओ की हमारी सदस्यता को सिद्धार्थ ऑफिसर्स हाउसिंग एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी (एसओएचएसडब्ल्यूएस) नामक एक अन्य संस्था को स्थानांतरित करने की पेशकश की, जिसके माध्यम से हमारे फ्लैटों को वितरित किया जाना था।

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