Wednesday, 8 May 2024

सुभाष चंद्र बोस ने दी थी महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि

Mahatma Gandhi Jayanti 2023 : यह तो पूरी दुनिया जानती है कि महात्मा गांधी को प्रत्येक भारतीय राष्ट्रपिता के नाम…

सुभाष चंद्र बोस ने दी थी महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि

Mahatma Gandhi Jayanti 2023 : यह तो पूरी दुनिया जानती है कि महात्मा गांधी को प्रत्येक भारतीय राष्ट्रपिता के नाम से जानता है। उन्हें हम सभी राष्ट्रपिता कहकर ही संबोधित करते हैं, लेकिन शायद यह बात आपको नहीं पता होगी कि महात्मा गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी थी ? आज हम आपको बताते हैं कि महात्मा गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता की उपाधि देने वाले नेता का नाम प्रसिद्ध क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस था।

Mahatma Gandhi Jayanti 2023

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में दी थी राष्ट्रपिता की उपाधि

2 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। यही वह दिन है जब भारत की धरती पर महात्मा गांधी ने जन्म लिया था। उनके बचपन का नाम मोहनदास था। आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित करती है। महात्मा गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता की उपाधि 4 जून 1944 को दी गई थी। 4 जून 1944 को सिंगापुर से एक रेडियो संदेश प्रसारित करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। उसी दिन से पूरा भारत महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित करता है।

यहां यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी सुभाष चंद्र बोस एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे। लेकिन अनेक मुद्दों पर दोनों में भारी मतभेद भी थे। नेताजी महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत से सहमत नहीं थे। नेताजी का मत था कि अहिंसा एक शानदार विचारधारा हो सकती है, किंतु केवल अहिंसा के बल पर अंग्रेजों को हटाया नहीं जा सकता है। इस कारण यह आवश्यक है कि आजादी के आंदोलन में जब आवश्यकता पड़े तभी हथियार उठा लेना चाहिए। महात्मा गांधी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इस राय से बिल्कुल सहमत नहीं थे। महात्मा गांधी का स्पष्ट मानना था कि अहिंसा ही देश को स्वतंत्र करने का एकमात्र मार्ग है।

आधिकारिक नहीं है राष्ट्रपिता का संबोधन

यह सच है कि पूरा भारत महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित करता है किंतु न तो यह संवैधानिक है और न ही इसको कोई कानूनी दर्जा प्राप्त है। हमारे संविधान में इस प्रकार की कोई व्यवस्था ही नहीं है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या नेता को राष्ट्रपिता घोषित किया जा सके। यही कारण है कि आज अधिकारिक तौर पर ऐसा कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है, जिसमें महात्मा गांधी को सरकारी तौर पर राष्ट्रपिता घोषित किया गया हो।

एक आरटीआई कार्यकर्ता नरोत्तम मिश्रा ने भारत सरकार से यह सवाल पूछा था कि किसी दस्तावेज में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित किया गया है ? आरटीआई के जवाब में भारत सरकार ने स्पष्ट लिखा है कि इस प्रकार की कोई अधिसूचना न तो जारी की गई है और न ही ऐसी कोई अधिसूचना जारी की जा सकती है।

पढ़ने लायक़ आलेख : महात्मा गाँधी के जीवन के कुछ अनछुए पहलु

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