Thursday, 2 May 2024

अब जल्द ही देश के बच्चों को लग सकेगी कोविड वैक्सीन, 7 से 11 साल तक के बच्चों को मिलेगा इसका लाभ

नई दिल्ली। कोरोना की भयावहता को देखते हुए हर माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। चिंता का…

अब जल्द ही देश के बच्चों को लग सकेगी कोविड वैक्सीन, 7 से 11 साल तक के बच्चों को मिलेगा इसका लाभ

नई दिल्ली। कोरोना की भयावहता को देखते हुए हर माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। चिंता का कारण यह है कि भारत में अब तक 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के पास कोविड से बचने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है। सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है और बच्चों की वैक्सीन के परीक्षणों का दौर जारी है। इसी बीच देश में 7 से 11 साल के बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। कोवोवैक्स वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन(Covaxin) और Zydus Cadila की जायकोव-डी(ZyCoV-D) के बाद बच्चों पर ट्रायल किए जाने वाली तीसरी कोरोना वैक्सीन है। आप को बता दें कि पुणे स्थित भारती विद्यापीठ मेडिकल कालेज और अस्पताल में बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन (Covovax Vaccine) के दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो गया है। कोवोवैक्स वैक्सीन का ट्रायल 7 से 11 साल के बच्चों पर किया जा रहा है। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा. संजय लालवानी ने बताया कि बुधवार को 7 से 11 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स के 2/3 फेज का ट्रायल शुरू किया गया है। इस वैक्सीन के ट्रायल में 9 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। डॉ. लालवानी ने बताया कि जो माता-पिता अपने बच्चे का ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं, उन्हें स्थानीय स्थानीय भाषा में परामर्श दिया जाता है और दृश्य-श्रव्य परामर्श प्रक्रिया का दस्तावेजीकरण किया जाता है। एक बार जब माता-पिता अपनी सहमति दे देते हैं, तो स्वयंसेवक (वालंटियर) का आरटी-पीसीआर टेस्ट और एक एंटीबाडी टेस्ट किया जाता है। हालांकि, यह उन्हें ट्रायल का हिस्सा बनने से नहीं रोकता है। इस फेज के ट्रायल के लिए पूरे भारत में 9 सेंटर्स की पहचान की गई है, जिसमें भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी शामिल है।

नोवावैक्स को अभी नहीं मिली इजाजत :
अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन को अभी भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है। सितंबर के आरंभ में सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने उम्मीद जताई थी कि अगले साल जनवरी-फरवरी तक 18 साल से कम उम्र के बच्चों के टीके ‘कोवोवैक्स’ को लगाने की मंजूरी मिल जाएगी।

कोवॉक्सिन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी में अभी देरी :
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवॉक्सिन’ को आपात इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूए) के लिए कुछ और डाटा मांगा है। इससे इस वैक्सीन को विश्व संस्था की मंजूरी मिलने में और देरी हो सकती है। इस कारण विदेश जाने वाले भारतीयों की मुसीबत और बढ़ गई है। इनमें बड़ी संख्या में विद्याथी शामिल हैं।

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