नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लोकतंत्र के बारे में ब्रिटेन में दिया गया बयान भारत को लेकर उनकी चिंता के कारण नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक विरासत के लिए है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल को पूर्वोत्तर के हाल के चुनाव परिणाम के संकेतों को समझना चाहिए और राजनीतिक हवा का अंदाजा लगा लेना चाहिए।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने त्रिपुरा में अपने दम पर और नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ मिलकर सत्ता बरकरार रखी। मेघालय में भी पार्टी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को समर्थन दिया है। ईरानी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि हम 2014 और 2019 (लोकसभा) चुनावों को छोड़ दें, कांग्रेस को पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के हालिया चुनाव परिणामों से संकेत समझ लेना चाहिए और राजनीतिक हवा भांप लेनी चाहिए। राहुल गांधी की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए ईरानी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में नहीं है, कांग्रेस पार्टी खतरे में है।
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केंद्नीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी भारत के प्रति उनकी चिंता के कारण नहीं आई है, बल्कि राजनीतिक विरासत के बारे में उनकी चिंता के कारण आई। वह वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले जम्मू में कहा था कि भारत में सब कुछ ठीक है। ब्रिटेन में बातचीत के दौरान गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर हमला किया जा रहा है और देश के संस्थानों पर बड़े पैमाने पर भी हमला किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने लंदन में ब्रिटिश सांसदों से यह भी कहा था कि लोकसभा में जब कोई विपक्षी सदस्य महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है, तो माइक्रोफोन अक्सर बंद कर दिए जाते हैं।
ईरानी ने हिंदुत्व और नए भारत की बात की और कहा कि पहले यह माना जाता था कि अगर आप स्थिर हैं और सुधारों की जरूरत है, तो आपको हिंदू जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे न्यू इंडिया में मेरा जीवन जीने का तरीका अच्छे स्वास्थ्य और एक समृद्ध देश की बात करता है।
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