Wednesday, 8 May 2024

पश्चिम बंगाल में हो गया बड़ा खेला, अबकी बार भाजपा फंसी

Loksabha Election 2024 : अभी कुछ पहले गुजरात के सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना बड़ी चर्चा में…

पश्चिम बंगाल में हो गया बड़ा खेला, अबकी बार भाजपा फंसी

Loksabha Election 2024 : अभी कुछ पहले गुजरात के सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना बड़ी चर्चा में रहा था । पश्चिम बंगाल में अब भाजपा प्रत्याशी के साथ कुछ-कुछ सूरत जैसा ही मामला हो गया है। दरअसल पश्चिम बंगाल की बीर भूम संसदीय सीट से बीजेपी के उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी  धर ने अपने नामांकन के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया था।

चुनाव के लिए छोड़ी IPS की नौकरी

आपको बता दे कि भाजपा के उम्मीदवार देबाशीष धर पूर्व आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं । नियम अनुसार अगर कोई नौकरी करने वाला व्यक्ति नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ता है तो उसे उसे विभाग से नो ड्यूज और नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेकर जमा करना होता है लेकिन धर ने अपने नामांकन के साथ यह कागजात जमा नहीं कराए थे जिस वजह से आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया।

नामांकन हुआ रद्द Loksabha Election 2024 

भाजपा ने अब देबतनु भट्टाचार्य को बीरभूम से उम्मीदवार बनाया है।  उन्होंने पर्चा भी भर दिया है।  बीरभूम निर्वाचन क्षेत्र में चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होनी है। टीएमसी ने बीरभूम से मौजूदा सांसद शताब्दी रॉय को फिर से उम्मीदवार बनाया है।

अब देबतनु भट्टाचार्य को बनाया उम्मीदवार

आपको बता दें कि बीरभूम को टीएमसी का गढ़ माना जाता है हालांकि इस बार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के जेल में होने के कारण बीरभूम में टीएमसी को बीजेपी से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद थी । देवाशीष के नामांकन रद्द हो जाने से बीजेपी की उम्मीद को एक बड़ा झटका लगा है। देबाशीष धर की बात करें तो उन्होंने हाल ही में आईपीएस अधिकारी के पद से इस्तीफा दिया था और राजनीति में के मैदान में अपनी किस्मत आजमाने आए थे। धर का नामांकन रद्द होने के बाद उन्होंने इस फैसले को कोलकाता हाई कोर्ट में चुनौती भी दी और साथ ही हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में तुरंत सुनवाई की अपील की। लेकिन चीफ जस्टिस टीएस शिव गणनम ने इससे इनकार कर दिया। अभी हाल ही में ममता बनर्जी ने भी एक चुनावी सभा में सार्वजनिक तौर पर देबाशीष धर को निशाने पर लिया था।  अभी भी पद से इस्तीफा देने के बावजूद धर को रिलीज ऑर्डर नहीं दिया गया है  और साथ ही  उन पर 2021 की गोलीबारी कांड में विभागीय कार्रवाई भी चल रही है।

Loksabha Election 2024  क्या हुआ था सूरत में

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही गुजरात की सूरत सीट से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत कोई संयोग नहीं थी। इसकी पटकथा बहुत पहले से ही लिखी जाने लगी थी और इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई स्वयं कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी ने। कुंभाणी ने प्रदेश कांग्रेस को अंधेरे में रखते हुए भाजपा के पक्ष में काम किया। नामांकन खारिज होने के बाद से ही कुंभाणी का किसी से संपर्क नहीं हो रहा था। मंगलवार को वह भाजपा में शामिल हो गए। दरअसल, कुंभाणी ने अपने नामांकन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी के सदस्यों को प्रस्तावक ना बनाकर अपने रिश्तेदारों को बनाया था। उनके प्रस्तावकों में उनके बहनोई और दो बिजनेस पार्टनर शामिल थे। उन्होंने कांग्रेस के डमी उम्मीदवार सुरेश पडशाला का प्रस्तावक भी अपने भांजे भौतिक कोलडिया को बनवाया। नामांकन करते समय भी वह किसी प्रस्तावक को चुनाव अधिकारी के सामने नहीं ले गए। इसका मकसद सिर्फ यही था कि उनका और डमी प्रत्याशी का नामांकन जांच में खारिज हो जाए।

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