Sunday, 27 April 2025

नोएडा हिन्‍दी खबर, 7 अप्रैल के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा…

नोएडा हिन्‍दी खबर, 7 अप्रैल के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 7 अप्रैल को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

Noida News: समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “भंगेल एलिवेटेड रोड का काम 95% पूरा, बिछाई जा रही अंतिम लेयर, मई से खोलने की तैयारी में प्राधिकरण, कई सेक्टरों के निवासियों को मिलेगी जाम से राहत” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि भंगेल एलिवेटेड रोड पर अंतिम लेयर लगभग बिछ चुकी है। सड़क निर्माण करीब 75 प्रतिशत पूरा हो गया है। प्राधिकरण का दावा है कि यह परियोजना करीब 95 प्रतिशत से ज्यादा पूरी हो गई है। अगर काम न रुका तो मई में इसे खोलने को नोएडा प्राधिकरण व कार्यदायी संस्था सेतु निगम तैयार हैं। एलिवेटेड रोड का ढांचा (सेक्टर-107 क्रॉसिंग को छोड़कर) बन गया है। अगाहपुर से एनएसईजेड सेक्टर-82 तक 4.5 किलोमीटर के इस रोड का निर्माण जून 2020 में शुरू हुआ था।इसकी लागत 608.61 करोड़ रुपये है। काम पूरा करने का पहला लक्ष्य दिसंबर 2022 था। प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-107 क्रॉसिंग-बरौला टी प्वॉइंट पर ट्रैफिक गर्डर बनाया जा रहा है। सेक्टर-49 अगाहपुर के सामने से जहां से एलिवेटेड रोड शुरू होता है, वहां पर रैंप भी बना है। सेक्टर-82 एनएसईजेड जहां एलिवेटेड का ट्रैफिक उतरेगा उस छोर पर रैंप अधूरा है। बिजली के पोल और रोड लाइटें भी लगानी है। भंगेल एलिवेटेड रोड बनने से सेक्टर-49, 48, अगाहपुर, बरौला, भंगेल में लगने वाले जाम से राहत मिल सकती है। सेक्टर-82 व फेज-2 औद्योगिक क्षेत्र की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। अभी सेक्टर-38 अंडरपास या महामाया फ्लाईओवर की तरफ से आने पर छलेरा के सामने के फ्लाईओवर से अगाहपुर तक तो बगैर जाम के पहुंचा जा सकता है। फिर आगे सुबह और शाम व्यस्त समय में लंबा जाम रहता है।

Noida News:

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “टूटे मैनहोल में गिरा आईटी इंजीनियर, लगे 41 टांके, 10 मिनट तक अंदर फंसा रहा, शोर सुन राहगीर ने निकाला” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा। सेक्टर बीटा-वन की सर्विस रोड पर आईटी इंजीनियर मैनहोल में गिर गया। करीब 10 मिनट तक अंदर पड़ा रहा और चिल्लाकर लोगों से मदद मांगते रहा। राहगीर ने आवाज सुनी तो उसे बाहर निकाला। घायल इंजीनियर के पैर-हाथ में 41 टांके लगे हैं। पाई-वन की एल्डिको ग्रीन मेडोज सोसाइटी निवासी आईटी इंजीनियर संजय सिंह (50) ने बताया कि शनिवार शाम करीब 7:30 बजे वह सेक्टर की सर्विस रोड से जा रहे थे, तभी अचानक ड्रेन के ढक्कन पर पैर चला गया, जो आधा टूटा था। इस कारण वह मैनहोल में गिर गए। उसमें पानी भी था। जख्मी हालत में उठ नहीं पा रहे थे। मैनहोल के सरिया से वह बुरी तरह जख्मी हो गए।

उन्होंने बताया कि पैर में दो जगह और हाथ में एक जगह पर ज्यादा चोट लगी है। राहगीर ने उन्हें बाहर निकाला। निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। पैर के दोनों घावों में लगभग 10-10 टांके और हाथ में करीब 21 टांके लगे हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लगातार लापरवाही बरत रहा है कि इस वजह से अक्सर इस तरह के हादसे हो रहे हैं। कई जगह खुले हैं मैनहोल : शहर में कई जगहों पर मैनहोल के ढक्कन टूटे हैं। कुछ स्थानों पर तो मैनहोल खुले हैं। सेक्टर बीटा-1, अल्फा-2, नॉलेज पार्क-1 और 2 समेत कई सेक्टरों में यही स्थिति है। ऐसे में मैनहोल में लोग और पशु गिरकर घायल हो जाते हैं, लेकिन जिम्मेदार इन्हें ठीक नहीं करा रहे हैं।

Hindi News:

अमर उजाला ने 7 अप्रैल 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “सेक्टर-50 व 119 में कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण के लिए एजेंसी चयनित” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि  सेक्टर-50 और 119 में कूड़ा का कलेक्शन और निस्तारण के लिए नोएडा प्राधिकरण न दो एजेंसियों का चयन किया है। ये एजेंसियां प्राधिकरण से बगैर किसी वित्तीय मदद लिए खुद का प्लांट लगाएंगी। अपने संसाधनों से डोर-टु-डोर कूड़ा कलेक्शन करेंगी और उसका निस्तारण भी करेंगी। प्राधिकरण ने दोनों एजेंसियों को प्लांट लगाने और कूड़ा निस्तारण शुरू करने के लिए एक महीने का समय दिया है। शर्त यह है कि प्लांट की क्षमता 40 मीट्रिक टन प्रतिदिन की होगी। इसमें 25 मीट्रिक टन गीले कूड़े के निस्तारण होना चाहिए। 15 मीट्रिक टन सूखे कूड़े का निस्तारण छंटनी के जरिए एजेंसी करेंगी।

अधिकारियों ने बताया कि प्लांट पर 25 टन गीले कूड़े से गैस और खाद तैयार की जाएगी। 15 टन सूखे कूड़े की छंटनी की जाएगी। इस तरह दोनों प्लांट से 80 टन कूड़े का निस्तारण होगा। एजेंसी कूड़े से तैयार होने वाले उत्पादों को बेचकर राजस्व प्राप्त करेगी। इसमें से कुछ राजस्व नोएडा प्राधिकरण को दिया जाएगा। दोनों प्लांट 15 साल के लिए लगाए जाएंगे। एजेंसी का काम अच्छा मिलने पर इसका समय तीन साल और बढ़ाया जाएगा। प्लांट लगाने के लिए नोएडा प्राधिकरण मुफ्त में एजेंसी को जमीन देगा। अनुबंध समाप्त होने पर एजेंसी नोएडा प्राधिकरण को जमीन वापस कर देगी। एक प्लांट लगाने के लिए करीब 2 हजार वर्ग मीटर जमीन की जरूरत होगी। सेक्टर-50 में लगने वाले प्लांट को जगह नहीं मिली है इसलिए इसे सेक्टर-76 में लगवाया जाएगा। सेक्टर-119 का प्लांट सेक्टर-119-120 के बीच में लगेगा।

Noida News: समाचार दैनिक जागरण से

दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 7 अप्रैल 2025 का प्रमुख समाचार “अवैध कालोनाइजरों पर एनजीटी सख्त प्राधिकरण को कार्रवाई करने के आदेश” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सैकड़ों की संख्या में अवैध कालोनाइजर वायु और जल कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के 56 और नोएडा के 18 गांव में किए जा रहे अवैध निर्माण और यहां नियमों के उल्लंघन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्ती दिखाई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, जिला प्रशासन, भूगर्भजल प्राधिकरण, बिजली निगम, प्रदूषण बोर्ड को पार्टी बनाया है। एनजीटी ने ग्रेनो प्राधिकरण से आदेश के अनुपालन में रिपोर्ट भी मांगी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी या किसानों की जमीन पर अवैध कालोनी और ऊंची-ऊंची आवासीय इमारतें बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। यहां बिना अनुमति के भूगर्भ जल का उपयोग हो रहा है। अन्य नियमों का पालन भी नहीं हो रहा है। भाजपा नेता और पूर्व नगर पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मामले को लेकर एनजीटी में ग्रेटर नोएडा के 56 और नोएडा के 18 गांव में हो रहे अवैध निर्माण को एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका में चल रहे अवैध निर्माण की तस्वीरें भी संलग्न गईं। अधिकांश में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को दर्शाया गया। 27 मार्च को एनजीटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। राजेंद्र त्यागी ने बताया कि प्रदूषण और भूगर्भ जल प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट में नोटिस देने की बात कही है। एनजीटी ने सभी से आदेश के अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित नहीं हुई है। ग्रेनो प्राधिकरण को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर में हो रहे अवैध निर्माण को वहीं रोकने के आदेश भी दिए हैं। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर से मिली मजबूतीः 17 नवंबर को  दैनिक जागरण के अंक में प्रकाशित खबर से याचिका को मजबूती मिली। – खबर के माध्यम से एक दशक में हुए अवैध निर्माण की पोल खोली गई। नामी बिल्डरों से समय पर घर नहीं मिलने का फायदा अवैध कालोइनजरों ने उठाया और एक दशक में एक लाख से अधिक फ्लैट ग्रामीण क्षेत्रों में बनाकर बेचे गए। नोएडा-ग्रेनो के अलग-अलग गांव में 2000 से अधिक परियोजनाओं में करीब 70 हजार फ्लैट 75 प्रतिशत बुकिंग के साथ तैयार हो चुके हैं। ऐसे में खरीदार और बुरी तरह से फंस सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बने फ्लैट पर प्राधिकरण और प्रशासन स्तर पर कार्रवाई नहीं होने पर खरीदार बुरी तरह फंस सकते हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के साथ प्रकाशित खबर को भी एनजीटी में प्रस्तुत किया। इससे याचिका और मजबूती मिली।

दैनिक जागरण के 7 अप्रैल 2025 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “नाइजीरियन महिला का अपहरण कर – फिरौती मांगने का आरोप, दी शिकायत” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में एक नाइजीरियन महिला को बंधक बनाकर मारपीट करने व फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। पीड़िता ने पुलिस को आरोपित के खिलाफ अपहरण, जबरन वसूली, आपराधिक मामलों में फंसाने समत धमकी देने के गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दी है। पुलिस जांच कर रही है। सेक्टर-22 डी स्थित सुपरटेक गोल्फ कंट्री निवासी चुक्कुएमेका जोशुआ ओन्येकवेलु ने बताया कि वह नाइजीरिया की रहने वाली है। आरोप है कि नाइजीरियन मूल का एक व्यक्ति जो खुद को ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी लोगों का अध्यक्ष बताता है, लेकिन नाइजीरियाई उच्चायोग द्वारा यह पुष्टि की गई है कि उसके पास कोई आधिकारिक दर्जा या राजनयिक अधिकार नहीं है। आरोप है कि 23 मार्च को आरोपित और उसके सहयोगियों ने महिला का अपहरण कर ग्रेटर नोएडा स्थित उसके गामा एक स्थित कार्यालय पर ले जाकर बंदी बना लिया। उन्हें जंजीरों में बांधा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही सात लाख रुपये की फिरौती मांगी। पैसे देने से मना करने पर आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी गई। आरोप लगाया कि उक्त व्यक्ति ग्रेटर नोएडा में एक अवैध टास्क फोर्स चलाता है, जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो बिना वैध वीजा के भारत में रह रहे हैं। ये लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, जैसे जबरन बेदखली, वसूली और मानवाधिकारों का उल्लंघन आदि। पीड़िता का आरोप है कि वह पिछले आठ वर्षों से झूठी पहचान के साथ काम कर रहा है और खुद को नाइजीरियन एंबेसी का प्रतिनिधि और यूएन पीस एंबेसडर बतांता है, जबकि नाइजीरियन हाई कमीशन ने इसकी पुष्टि की है कि उसके पास कोई अधिकार नहीं है। उसका वीजा खत्म हो चुका है, फिर भी वह भारत में अवैध रूप से रह रहा है। उसके खिलाफ ग्रेटर नोएडा के एक क्लब में अवैध शराब बेचने का मामला भी चल रहा है। पूर्व में भी उसके खिलाफ कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में रखुपूरा कोतवाली प्रभारी सुजीत कुमार उपाध्याय का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा है, महिला द्वारा लगाए गए आरोप की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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नोएडा के सभी समाचार, 4 अप्रैल के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

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