Monday, 17 February 2025

नोएडा में फर्जी प्रमाणपत्र से परियोजना हासिल करने का खेल

Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के किनारे सेक्टर-128 स्थित सुल्तानपुर गांव में तालाब निर्माण के टेंडर में बड़ा फर्जीवाड़ा…

नोएडा में फर्जी प्रमाणपत्र से परियोजना हासिल करने का खेल

Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के किनारे सेक्टर-128 स्थित सुल्तानपुर गांव में तालाब निर्माण के टेंडर में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। परियोजना हासिल करने के लिए एक निर्माण एजेंसी ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र बनाकर टेंडर दस्तावेजों में लगा दिया। हैरानी की बात यह है कि यह अनुभव प्रमाणपत्र भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का दिखाया गया। ई-मेल पर ग्रेनो प्राधिकरण के इंजीनियरों ने इसे प्रमाणित भी कर दिया था। जांच में फजीर्वाड़े का खुलासा हुआ। अब नोएडा प्राधिकरण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए नोटिस जारी करेगा।

सेक्टर-167 में बनेगा 4 हेक्टेयर का तालाब

नोएडा प्राधिकरण की तैयारी है कि 4 हेक्टेयर से बड़ा एक और तालाब सेक्टर-167 में बनवाया जाए। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि यह तालाब ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक रूप से संवारा जाएगा। इसके आस-पास करीब 6 हेक्टेयर में पार्कनुमा हरियाली भी विकसित की जाएगी। सेक्टर की यह जमीन ग्रीन बेल्ट के रूप में चिह्नित है। तालाब और पार्क की जानकारी के मुताबिक, तालाब की यह परियोजना नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्कल-9 की तरफ से जनवरी में जारी की गई थी। करीब 11000 वर्ग मीटर में यह तालाब बनवाया जाना है।

डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही

परियोजना की डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। पहले यहां पर नव ग्रह झील बनाने की तैयारी थी, लेकिन बाद में बदलाव कर तालाब बनाने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि तालाब में कुछ ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि पानी ठहरने न पाए और किनारों पर चलता हुआ भी दिखे। इसकी लागत करीब 45 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह तालाब पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से संवारा जाएगा और इसका पानी चलता फिरता हुआ दिखाई देगा।

अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया

परियोजना की लागत अनुमानित है। टेंडर में 5 एजेंसी आई थीं। सबसे कम लागत पर निर्माण को तैयार एजेंसी को नोएडा प्राधिकरण ने चिह्नित किया। एजेंसी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इससे जुड़े काम करवाने का दावा किया। लगाए गए अनुभव प्रमाणपत्र पर नोएडा प्राधिकरण के सिविल विभाग को कुछ संदेह हुआ। विभाग ने अनुभव प्रमाणपत्र को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संबंधित कार्यालय को सत्यता जानने के आशय से ई-मेल से भेजा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उस वर्क सर्कल के इंजीनियरों की तरफ से अनुभव प्रमाणपत्र को सही ठहराते हुए प्रमाणित कर जवाब भेज दिया गया। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने संदेह होने पर भौतिक सत्यापन करवाया। प्राधिकरण के इंजीनियरों का पक्ष है कि मौके पर ऐसा कोई जलाशय नहीं मिला जिसके निर्माण का दावा करते हुए अनुभव प्रमाणपत्र एजेंसी की तरफ से लगाया गया था। Noida News

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