Thursday, 9 May 2024

Noida News : ग्यारह साल पहले हुआ था सबसे बड़ा मजदूर आंदोलन, फाइलों में हो गया दफन

Noida News : उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध यूपी के नोएडा Noida शहर का इतिहास 52…

Noida News : ग्यारह साल पहले हुआ था सबसे बड़ा मजदूर आंदोलन, फाइलों में हो गया दफन

Noida News : उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध यूपी के नोएडा Noida शहर का इतिहास 52 साल पुराना है। पिछले 52 सालों में नोएडा ने अनेक आंदोलन तथा उतार-चढाव देखे हैं। नोएडा शहर का इतिहास जब भी लिखा जाएगा तो 21 फरवरी 2013 को हुए सबसे बड़े मजदूर आंदोलन के बिना पूरा नहीं हो पाएगा। ग्यारह साल पहले हुआ नोएडा का सबसे बड़ा मजदूर आंदोलन सरकारी फाइलों में दबकर रह गया है। नोएडा शहर में आज भी लाखों श्रमिक तथा उनके परिवार कष्टभरा जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।

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क्या हुआ था 21 फरवरी 2013 को नोएडा में

आपको बता दें कि देश भर के मजदूर संगठनों ने मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए 21 फरवरी 2013 को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का ऐलान किया गया था। इसी ऐलान के तहत नोएडा में सक्रिय मजदूर संगठनों ने भी हड़ताल की घोषणा कर रखी थी। उस घटना को याद करते हुए व्योमकेश के नाम से नियमित कॉलम लिखने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार लिखते हैं कि उस दिन सारा नोएडा शहर बदहवासी के आलम में था। जिधर देखो उधर अफरा-तफरी। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां सडक़ों का सीना चीरती हुई इधर से उधर दौड़ रही थीं। जब तक एक जगह की आग बुझातीं तब तक दूसरी जगह शोले धधकने की खबर आ जाती। हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों के शीशे तोड़े गए। दो दर्जन से ज्यादा गाडिय़ां आग के हवाले की गईं। जगह-जगह पुलिस की मजदूरों से झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए। ज्यादातर हलचल नोएडा के फेज-दो इलाके में थी। वह दिन था 21 फरवरी 2013। मजदूरों के तीखे विरोध प्रदर्शन की घटना को बीते 10 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन उस दिन की यादें आज भी तमाम लोगों के जेहन में ताजा हैं। ऐसा आंदोलन उसके बाद फिर कभी नहीं हुआ। उस दिन श्रमिकों की हड़ताल का आह्वान देशव्यापी था, लिहाजा प्रशासन को धरना-प्रदर्शन की उम्मीद तो थी लेकिन, बात इस हद तक बिगड़ जाएगी किसी ने सोचा न था। शाम होते होते हालात काबू में आ गए। मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए गए और उसका अंजाम भी वही हुआ जैसा तमाम जांचों का होता है। नोएडा की उस हड़ताल के दौरान जो मुददे उठे थे वे महत्वपूर्ण थे।

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फाइलों में दफन

11 साल पहले हुआ नोएडा का वह सबसे बड़ा मजदूर आंदोलन सरकारी फाइलों में दफन हो गया है। इतने बड़े आंदोलन की कल्पना तब फिर कोई मदजूर संगठन नहीं कर पाया है। सवाल यह उठता है कि क्या नोएडा में रहने वाले लाखों मजदूरों तथा उनके परिवारों की हालत सुधर गयी है? इस सवाल का जवाब नहीं में है। आज भी नोएडा के लाखों मजदूर (श्रमिक) रोजी-रोटी के लिए बड़े-बड़े कष्ट व समस्याएं झेल रहे हैं। हर मजदूर का सवाल है कि उनकी समस्याएं कब समाप्त होंगी?

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