Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के प्लॉट आवंटित करने और कब्जा देने के मामले में अब आवंटितों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्राधिकरण ने भूमि ऑडिट की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिससे अब सभी भूखंडों की जानकारी अधिकारियों के कंप्यूटर स्क्रीन पर तुरंत उपलब्ध होगी। इससे जमीन से जुड़ी हर जानकारी विभागों के बीच ऑनलाइन साझा होगी और कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।
खाली भूखंडों के बारे में आसानी से जान पाएंगे
यमुना प्राधिकरण के अधिकारी अब नए और खाली भूखंडों के बारे में आसानी से जान पाएंगे, जिससे प्लॉट आवंटन और कब्जा देने का काम तेज़ और व्यवस्थित होगा। सेक्टरों के नियोजन के लिए भी फाइलों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। प्राधिकरण के सभी विभाग इस माह के अंत तक ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से भूमि संबंधी जानकारी साझा करेंगे, जिससे जमीन के प्रबंधन में सुधार होगा।
लैंड ऑडिट से नया सेक्टर नियोजन होगा तेज
यमुना प्राधिकरण में लगातार कार्य विस्तार हो रहा है। नए सेक्टर बनाए जा रहे हैं और पुराने सेक्टरों में बची जमीन का पुनः नियोजन भी किया जा रहा है। बढ़ते दबाव और अतिक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने लैंड और परियोजना विभाग का ऑडिट कराया है जो लगभग पूरा हो चुका है। इस ऑडिट से विभागों के पास जमीन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी होगी।
माउस के एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी
अधिकारी अब माउस के एक क्लिक पर जान पाएंगे कि किसी भूखंड का आवंटन कब और कितना हुआ है, कितनी जमीन बची है, और कौन से भूखंडों पर कब्जा दिया जा चुका है। इसके अलावा अतिक्रमण और कानूनी विवादों की भी जानकारी तुरंत उपलब्ध होगी।
कानूनी विवाद और अतिक्रमण से निपटने में मदद
पुराने सेक्टरों में जमीन के आवंटन और कब्जा से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होने से अतिक्रमण हटाने और विवादों को समय पर सुलझाने में भी मदद मिलेगी। परियोजना विभाग के ऑडिट से क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, सीवर जैसी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति भी ऑनलाइन दिखाई देगी। अधूरे निर्माण कार्य और बिछी न हो पाई लाइनों की जानकारी मिलते ही अधिकारियों को आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता देने में आसानी होगी।
विभागों के बीच फाइलों की आवाजाही खत्म
YEIDA के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अब विभागों के बीच फाइलों का आदान-प्रदान खत्म हो जाएगा। जमीन से जुड़ी सभी सूचनाएं डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगी, जिससे कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी और काम की गति भी तेज होगी। इससे न केवल आवंटितों को समय पर कब्जा मिलेगा, बल्कि भूमि विवाद भी जल्द सुलझेंगे। Noida News