Saturday, 19 April 2025

इतिहास के शब्दभेदी बाण की याद ताजा कर दी नोएडा में ज्ञानश्री स्कूल के बच्चों ने

Noida News : नोएडा के सेक्टर-127 में स्थित ज्ञानश्री स्कूल (Gyanshree School) के बच्चों ने बड़ा कमाल का काम किया…

इतिहास के शब्दभेदी बाण की याद ताजा कर दी नोएडा में ज्ञानश्री स्कूल के बच्चों ने

Noida News : नोएडा के सेक्टर-127 में स्थित ज्ञानश्री स्कूल (Gyanshree School) के बच्चों ने बड़ा कमाल का काम किया है। नोएडा के इन बच्चों की आंखों पर काली पटटी बांधी गई। बच्चों की आंखें पूरी तरह से बंद थीं। बंद आंखों के बावजूद नोएडा के इन बच्चों ने ना केवल किताब पढ़ी बल्कि गणित के मुश्किल प्रश्नों को भी बंद आंखों से ही हल कर डाला और तो और नोएडा के इन अदभुत प्रतिभावान बच्चों ने बंद आंखों के दौरान ही जटिल से जटिल चित्रों तथा पेंटिंग को भी पहचान लिया।

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शब्दभेदी बाण की याद ताजा कर दी नोएडा के बच्चों ने

भारत के पुराने ग्रंथों में शब्दभेदी बाण का जिक्र मिलता है। शब्दभेदी बाण धनुष के उस तीर (बाण) को कहते हैं जो तीर आंखें बद करके अंधेरे में भी चलाया जाता है। तीर चलाने वाला योद्धा केवल आवाज सुनकर अपने लक्ष्य को साधता है। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान श्रीराम के पिता दशरथ, महाभारत के अर्जुन, एकलव्य तथा भारत के चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान को शब्दभेदी बाण चलाने आते थे। इसी प्रकार का कुछ करिश्मा करके दिखाया है नोएडा में स्थित ज्ञानश्री स्कूल के प्रतिभावान बच्चों ने।

नोएडा में ज्ञानश्री स्कूल के बच्चों ने कर दिया बड़ा कमाल

दरअसल नोएडा के सेक्टर-127 में ज्ञानश्री स्कूल (Gyanshree School) में बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए नए-नए प्रयोग किए जाते हैं। इसी कड़ी में स्कूल ने अध्यात्म साधना केन्द्र के साथ मिलकर सुपरब्रेन प्रोग्राम (Superbrain Program) चला रखा है। सुपरब्रेन प्रोग्राम के तहत विशेष प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त छात्रोंने स्कूल के अध्यापकों, अभिभावकों तथा दर्शकों को चमत्कृत कर दिया है।

नोएडा के ज्ञानश्री स्कूल (Gyanshree School) में सुपरब्रेन प्रोग्राम (Superbrain Program) के छात्रों ने आंखों पर पट्टी बांधकर पढऩे का अद्भुत प्रदर्शन किया—एक ऐसा कार्य जिसे असंभव माना जाता है, लेकिन इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने इसे चौंकाने वाली सटीकता के साथ कर दिखाया। पूरी तरह से आंखें ढकी होने के बावजूद, उन्होंने किताबें पढ़ीं, वस्तुओं की पहचान की और यहां तक कि कपड़ों के रंग व डिज़ाइन भी बताए। एक अन्य हैरान कर देने वाले प्रदर्शन में, छात्रों ने गणितीय प्रश्नों और पहेलियों को पलक झपकते ही हल कर दिया। आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें यादृच्छिक रूप से मिश्रित पहेली के टुकड़े दिए गए, जिन्हें उन्होंने अविश्वसनीय गति से सही तरीके से जोड़ दिया।

इन छात्रों ने जटिल चित्रों और पेंटिंग्स की पहचान कर दर्शकों को चकित कर दिया। उन्होंने लिखित सामग्री को याद करके हूबहू दोहराया और मात्र एक झलक में कठिन अनुक्रमों को भी याद रख लिया। यह सिर्फ रटने का खेल नहीं था, बल्कि मस्तिष्क की तीव्र कार्यक्षमता का प्रमाण था, जिसे सुपरब्रेन विधि के माध्यम से विकसित किया गया है। अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षाविदों ने आश्चर्यचकित होकर देखा कि कैसे इन बच्चों ने ध्यान केंद्रित करने, अंतर्ज्ञान विकसित करने और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में शानदार सुधार किया है। कई लोगों ने साझा किया कि इस प्रशिक्षण से उनके आत्मविश्वास, निर्णय लेने की क्षमता और दबाव में शांत रहने की योग्यता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

चमत्कारी बदलाव की दिशा में एक अग्रणी प्रयास कर रहा है नोएडा का स्कूल

नोएडा में स्थित ज्ञानश्री स्कूल Gyanshree School) के प्रवक्ता वीरेन्द्र मलिक ने बताया कि यह प्रभावशाली प्रदर्शन अध्यात्म साधना केंद्र द्वारा प्रदान किए गए कठोर प्रशिक्षण का प्रमाण था। यह संस्था विशेष ध्यान तकनीकों, न्यूरोप्लास्टीक विधियों और संगठित मानसिक प्रशिक्षण के माध्यम से मानवीय क्षमता को उजागर करने के लिए समर्पित है। सुपरब्रेन प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षित इन प्रतिभाशाली छात्रों ने इस कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। यह वही विधि है जो अब ज्ञानश्री स्कूल में भी संचालित की जा रही है, जिससे यहां के छात्रों को भी समान रूप से उन्नत मानसिक क्षमताएँ विकसित करने का अवसर मिलेगा। इस आयोजन में ज्ञानश्री स्कूल और अध्यात्म साधना केंद्र की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने इस पहल के प्रभावशाली परिणामों की सराहना की। प्रसिद्ध सुपरब्रेन प्रशिक्षक सुश्री रेनू नाहटा ने इस प्रस्तुति का नेतृत्व किया और यह साबित किया कि जब सही तकनीकों का उपयोग किया जाता है, तो मानव क्षमता की कोई सीमा नहीं होती।इस कार्यक्रम के माध्यम से, अध्यात्म साधना केंद्र ने समग्र मानसिक विकास के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है। इन छात्रों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि मस्तिष्क को सही वातावरण और प्रशिक्षण मिले, तो वह असाधारण उपलब्धियाँ प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम के समापन पर यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल एक शुरुआत है। सुपरब्रेन प्रोग्राम के छात्र केवल पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे भविष्य के महान प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के रूप में विकसित हो रहे हैं। Noida News

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