बायजू को अब एक और झटका, जानें क्‍या हुआ जो गिरवी रखना पड़ा घर 

भारी आर्थिक संकट से जूझ रही देश की एक बड़ी एडटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें हल होने का नाम नहीं ले रही हैं

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Byjus News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:54 AM
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Byjus News : भारी आर्थिक संकट से जूझ रही देश की एक बड़ी एडटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें हल होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बड़े आर्थिक संकट के दौरान आखिरकार अब बायजूस के संस्थापक एस रवींद्रन को अपना घर भी गिरवी रखना पड़ गया है।

पैसों की दिक्‍कत की वजह से घर भी गिरवी रखना पड़ा

लंबे समय से चल रही पैसों कि दिक्क्त इतनी बढ़ जाएगी की अपना घर भी गिरवी रखना पड़े तो यह सच में एक बेहद कठिन समय हो सकता है और यही संकट और बुरा दौर बायजू का चल रहा है। जो अभी कुछ समय पहले तक सबसे बड़े और प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक थे, लेकिन अब समय ऎसा आ गया है कि एडटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। धन की लगातार कमी लगता है इसके पतन की कहानी लिख रही है।

क्यों रखना पड़ा अपना पैतृक घर 

भारतीय एडटेक स्टार्टअप बायजू  आज के समय में एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रही है और इस आर्थिक संकट को दूर करने के लिए अभी तक कंपनी के संस्थापक रवींद्र को कई चीजों को बेचना पड़ा है। लेकिन अब इस बार कर्मचारियों की सैलरी न चुका पाने के चलते उन्हें अपना पारिवारिक निवास ही गिरवी रखना पड़ गया है। एडटेक सेक्टर की इस कंपनी के लिए यह समय सचमुच काफी मुश्किल भरा है।

वित्तीय संकट के कारण कानूनी लड़ाई भी लड़ रही

इस समय कंपनी अपने वित्तीय संकट के कारण कानूनी लड़ाई भी लड़ रही है। कर्ज देने वाली संस्थाओं से कानूनी दांवपेच भी जारी है। एडटेक स्टार्टअप बायजू पर इस समय लगभग 800 मिलियन डॉलर का बड़ा आर्थिक बोझ बना हुआ जिसे चुकाने के लिए कानूनी संघर्ष भी जारी है। Byjus News in hindi

बेंगलुरु का निवास और परिवार के सदस्यों की संपत्ति रखी गिरवी 

आर्थिक संकट से त्रस्त एडटेक स्टार्टअप बायजू के संस्थापक रवींद्र के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। नकदी संकट के चलते हर बार किसी न किसी कारण के चलते सुर्खियों में बने रहने वाले बायजूस रवींद्रन अब अपने घर को गिरवी रखकर कर्मचारियों के वेतन को चुकाने के लिए सुर्खियों में हैं। स्टाफ को वेतन न देने के कारण कंपनी को कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। रवींद्रन ने अब अपना बेंगलुरु का पैतृक निवास स्थान आर्थिक कर्ज को चुकाने हेतु गिरवी रखा है और साथ में एक निर्माणाधीन संपत्ति को भी गिरवी रख दिया है। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों का वेतन न जुटा पाने के कारण उन्हें ये फैसला लेना पड़ा। इस संपत्ति को गिरवी रखने से उन्हें करीब बारह मिलियन डॉलर की राशि प्राप्त हो पाई है।

कंपनी पर संकट का कारण 

सूत्रों के मुताबिक अपने कर्मचारियों के वेतन में हो रही देरी के चलते बायजू के केएस रवींद्रन को ये फैसला लेना पड़ा। कुछ रिपोर्ट के अनुसार अपनी ओर से परिवार के अन्य सदस्यों की संपत्ति को गिरवी रख कर धन जुटाने की कोशिश की है। इस रकम द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन में होने वाली देरी को दूर कर पाएंगे। संपत्ति गिरवी रखने से पूर्व भी कंपनी ने एनसीआर व बंगलूरू इत्यादि में स्थिति कुछ कार्यालय भी बंद कर दिये थे। यह सब देखते हुए लगता है की अभी BYJU'S का संकट टलता दिखाई नहीं देता है। इस समय पर BYJU'S मुख्य फर्म थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड में काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन को पूरा करने के लिए उन्हें संपत्ति को गिरवी रखने का फैसला करना पड़ा है। अभी पिछले कुछ समय पर इसी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड पर ईडी ने पूछताछ के लिए छापा भी मारा था जिसके अनुसार कंपनी पर एफडीआई द्वारा 28,000 करोड़ रुपये लेने का आरोप है।  इसके अलावा विदेशी निवेश को लेकर भी गड़बड़ी की जांच हुई जिसमें लगभग 9,000 करोड़ रुपये विदेश भी भेजे गए। इन सभी आरोपों को लेकर कंपनी मुश्किलों के दौर से जूझ   रही है। प्रस्‍तुति राजरानी शर्मा

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मरूभूमि में सिहासन के लिए शक्ति प्रदर्शन, वसुंधरा के घर विधायकों का जमावड़ा

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Rajasthan News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:55 AM
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Rajasthan News : राजस्थान में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब नई भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर हलचल तेज हो गई है। मरूभूमि में सिंहासन के लिए शक्ति प्रदर्शन भी तेज हो गया है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। हालांकि, भाजपा आलाकमान ने फिलहाल अपना रूख स्पष्ट नहीं किया है। विधायक दल की बैठक बुलाने को लेकर भी अधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन मंगलवार शाम अथवा बुधवार सुबह तक विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है।

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उधर, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने 68 विधायकों से बात की है। आज सुबह भी 7 विधायक उनसे मिलने उनके आवास पर पहुंचे। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ का दावा है कि कल वसुंधरा से 70 भाजपा विधायकों ने भेंट की थी।

सोमवार सुबह प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी जयपुर से दिल्ली पहुंचे है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय विधिमंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित कई वरिष्ठ नेता भी दिल्ली में है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में ही रहकर नये विधायकों से मिल रही है।

बताया जा रहा है कि राजस्थान का फैसला मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही हो सकता है। इस बीच वसुंधरा से मिलने पहुंचे विधायकों में शामिल बहादुर सिंह कोली, विजय सिंह चौधरी व समाराम गरासिया ने कहा कि वसुंधरा प्रदेश की जनता की मांग है। वसुंधरा को सीएम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम का फैसला शीर्ष नेतृत्व को करना है। लेकिन हमारी राय पूछी जाएगी तो वसुंधरा का नाम आगे करेंगे। सभी विधायकों का उन्हें समर्थन है।

वसुंधरा से मिलने पहुंचने वाले विधायकों में बाबू सिंह राठौड़,कालीचरण सराफ, गजेंद्र सिंह खींवसर, प्रेम चंद बैरवा, गोविद रानरपुरिया, ललित मीणा, कालूलाल मीणा, के.के.विश्नोई, सुरेश रावत,शंकर सिंह रावत, भागचंद, राधेश्याम बैरवा, रामस्वरूप लांबा आदि प्रमख विधायकों ने मुलाकात की है। सीएम पद के लिए वसुंधरा के अतिरिक्त शेखावत, मेघवाल और वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर भी दौड़ में है। राजस्थान में सीएम के मुददे पर दिल्ली में भी पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक हो रही है।

तेलंगाना में रेवंत रेड्डी का सीएम बनना तय

तेलंगाना में रेवंत रेड्डी का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. सूत्रों के मुताबिक, रेवंत रेड्डी आलाकमान की पहली पसंद हैं। वे कल या गुरुवार को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि आज सीएम का नाम तय किया जाएगा। वरिष्ठ उत्तम कुमार रेड्डी और भट्टी विक्रमार्क ने भी सीएम के पद पर अपनी दावेदारी पेश की है. हालांकि, हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम या अच्छा पोर्टफोलियो देने की बात कही है. कांग्रेस आलाकमान ने तेलंगाना में रोटेशनल सीएम जैसे किसी भी फॉर्मूले पर बात करने से इनकार कर दिया है।

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केंद्र सरकार उठा रही है कुछ ऐसा कदम, अब बच सकेगी लाखों लोगों की जान

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केंद्र सरकार
locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Dec 2023 05:03 PM
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केंद्र सरकार : भारत ने रोड एक्सीडेंट एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। स्थिति ये है कि आतंकियों के हमले में उतनी जानें नहीं जातीं, जितनी की दुर्घटनाओं में जाती हैं। केंद्र में सत्ता में बैठी सरकारें भी इस तथ्य से वाकिफ हैं। इसलिए काफी समय से इस दिशा में निरंतर काम किए जा रहे हैं। अब केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का निर्णय किया है, जिससे इन दुर्घटनाओं में जाने वाली लाखों जानों को अब बचाया जाना और आसान हो गया है।

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केंद्र सरकार उठा रही है सड़क दुर्घटनाओं को लेकर ये कदम

मोदी सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को देशभर में मुफ्त कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध करने का निर्णय किया है। सरकार के इस कदम से एक्सीडेंट में घायल लोगों ऐसे लोगों की जान बचाई जा सकेगी, जो लोग पैसे की कमी की वजह से इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। ये योजना अगले तीन-चार महीनों में क्रियान्वित हो जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने इसकी जानकारी दी है।

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव ने दी केंद्र सरकार की इस योजना की जानकारी

परिवहन सचिव अनुराग जैन ने एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि "भारत में सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। जोकि एक गंभीर विषय है, इसे कम करने के लिए केंद्र सरकार पीड़ितों को फौरन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की योजना बना रही है।"

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अनुराग जैन ने आगे कहा, "सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को मुफ्त एवं कैशलेस चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना संशोधित मोटर वाहन अधिनियम, 2019 का हिस्सा है। कुछ राज्यों ने इसे लागू किया हुआ है लेकिन अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर सड़क परिवहन मंत्रालय इसे नए सिरे से देश भर में लागू करने जा रहा है।"

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इसके साथ ही परिवहन सचिव अनुराग जैन ने कहा कि "घायलों के लिए कैशलेस इलाज की देशभर में सुविधा तीन-चार महीनों में शुरू हो जाएगी। इस योजना के तहत सड़क हादसों के पीड़ितों को घटनास्थल के नजदीकी समुचित अस्पताल में कैशलेस ट्रॉमा देखभाल देने की संकल्पना की गई है। यह कदम उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप होगा और इसके लिए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 से अधिकार मिले हैं।"

केंद्र सरकार

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