Fashion: पर्सनालिटी को निखारने के लिए कैरी करें ओवरसाइज्ड कुर्ता

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Nine planets : बदलते परिवेश में लोगों की जीवनशैली (Lifestyle) भी बदल रही है। नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। पाश्चात्य संस्कृति लगातार हावी होती जा रही है। ऐसे में लोग जरा जरा सी बात पर किसी को भी गाली दे देते हैं या किसी भी व्यक्ति का अपमान कर देते हैं। कभी कभी तो मामूली सी बात पर आवेश में अपनों को भी नहीं बख्शा जाता है। हाल यह हो जाता है कि पुत्र अपने पिता और माता तथा अन्य आदरणीयजनों का भी अपमान कर देते हैं। वैदिक ज्योतिष (Astrology) के अनुसार पिता, माता, बहन, भाई या अन्य सगे संबंधियों के अलावा दूसरे व्यक्ति भी विभिन्न ग्रहों से संबंध रखते हैं। जैसे सूर्य ग्रह पिता के कारक हैं तो चंद्र माता के कारक ग्रह हैं। इसी प्रकार अन्य ग्रह (nine planets) भी किसी न किसी के कारक हैं। लोग आवेश में आकर गालियां तो दे देते हैं परंतु वे जिस को गाली दे रहे हैं उससे संबंधित ग्रह उनके विरुद्ध हो जाता है। वह ग्रह कुंडली के जिस भाव का स्वामी होता है एवं जिस भाव में बैठा होता है उसके अच्छे फलों में कमी आने लगती है तथा नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं। यही वजह होती है कि चलता चलता काम ठप हो जाता है, पढ़ाई में बाधा आ जाती है या अन्य परेशानी खड़ी हो जाती है।
उदाहरण के अनुसार
यदि कोई व्यक्ति अपने पिता का अपमान करता है तो पिता को अपशब्द कहने से सूर्य ग्रह अशुभ परिणाम देने लगते हैं, क्योंकि सूर्य पिता के कारक ग्रह हैं।
माता को भला बुरा कहने से चंद्रमा जीवन में नकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं। चंद्र माता के कारक ग्रह हैं।
भाइयों एवं दोस्तों को भला बुरा कहने से मंगल अशुभ परिणाम देने लग जाता है।
अपनी बहन, बुआ, बेटी एवं किन्नरों को भला बुरा कहने से बुध जीवन को कष्टमय बना देता है।
अपने गुरु, संत, देवता एवं ब्राह्मण का अपमान करने से बृहस्पति सभी शुभ परिणामों से अपने हाथ खींच लेता है।
किसी भी स्त्री का अपमान किया तो शुक्र का कोप झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
गरीबों, वंचितों एवं श्रमिकों का अपमान करने से शनि की तिरछी नजर आपको कहीं से भी ढूंढ लेगी और इसका अशुभ फल आपको मिलेगी।
अपने ससुराल से संबंधित किसी भी व्यक्ति का अपमान करने से राहु नाराज हो जाते हैं।
बेसहारा वृद्धजनों एवं असहाय बुजुर्गों का अपमान करने से केतु का सामना करने की हिम्मत हो तो बेझिझक अपमान करें।
महंत राघवेंद्र स्वामी, सहारनपुर
Nine planets : बदलते परिवेश में लोगों की जीवनशैली (Lifestyle) भी बदल रही है। नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। पाश्चात्य संस्कृति लगातार हावी होती जा रही है। ऐसे में लोग जरा जरा सी बात पर किसी को भी गाली दे देते हैं या किसी भी व्यक्ति का अपमान कर देते हैं। कभी कभी तो मामूली सी बात पर आवेश में अपनों को भी नहीं बख्शा जाता है। हाल यह हो जाता है कि पुत्र अपने पिता और माता तथा अन्य आदरणीयजनों का भी अपमान कर देते हैं। वैदिक ज्योतिष (Astrology) के अनुसार पिता, माता, बहन, भाई या अन्य सगे संबंधियों के अलावा दूसरे व्यक्ति भी विभिन्न ग्रहों से संबंध रखते हैं। जैसे सूर्य ग्रह पिता के कारक हैं तो चंद्र माता के कारक ग्रह हैं। इसी प्रकार अन्य ग्रह (nine planets) भी किसी न किसी के कारक हैं। लोग आवेश में आकर गालियां तो दे देते हैं परंतु वे जिस को गाली दे रहे हैं उससे संबंधित ग्रह उनके विरुद्ध हो जाता है। वह ग्रह कुंडली के जिस भाव का स्वामी होता है एवं जिस भाव में बैठा होता है उसके अच्छे फलों में कमी आने लगती है तथा नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं। यही वजह होती है कि चलता चलता काम ठप हो जाता है, पढ़ाई में बाधा आ जाती है या अन्य परेशानी खड़ी हो जाती है।
उदाहरण के अनुसार
यदि कोई व्यक्ति अपने पिता का अपमान करता है तो पिता को अपशब्द कहने से सूर्य ग्रह अशुभ परिणाम देने लगते हैं, क्योंकि सूर्य पिता के कारक ग्रह हैं।
माता को भला बुरा कहने से चंद्रमा जीवन में नकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं। चंद्र माता के कारक ग्रह हैं।
भाइयों एवं दोस्तों को भला बुरा कहने से मंगल अशुभ परिणाम देने लग जाता है।
अपनी बहन, बुआ, बेटी एवं किन्नरों को भला बुरा कहने से बुध जीवन को कष्टमय बना देता है।
अपने गुरु, संत, देवता एवं ब्राह्मण का अपमान करने से बृहस्पति सभी शुभ परिणामों से अपने हाथ खींच लेता है।
किसी भी स्त्री का अपमान किया तो शुक्र का कोप झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
गरीबों, वंचितों एवं श्रमिकों का अपमान करने से शनि की तिरछी नजर आपको कहीं से भी ढूंढ लेगी और इसका अशुभ फल आपको मिलेगी।
अपने ससुराल से संबंधित किसी भी व्यक्ति का अपमान करने से राहु नाराज हो जाते हैं।
बेसहारा वृद्धजनों एवं असहाय बुजुर्गों का अपमान करने से केतु का सामना करने की हिम्मत हो तो बेझिझक अपमान करें।
महंत राघवेंद्र स्वामी, सहारनपुर